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This Article is From Sep 12, 2012

मैदान पर उतरते ही धूम मचाई युवराज ने

मैदान पर उतरते ही धूम मचाई युवराज ने
चेन्नई: चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा ट्वेंटी-20 मैच शुरू होने से पहले ही समां बंध चुका था। दर्शक बड़ी तादाद में पहुंचे थे और स्वाभाविक था कि सभी की जुबां पर युवराज सिंह का नाम था, जो कैंसर पर विजय पाने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे थे।

युवराज ने अपने समर्थकों को तनिक भी निराश नहीं किया और गेंदबाजी, क्षेत्ररक्षण तथा बल्लेबाजी तीनों में अच्छा प्रदर्शन किया। युवराज को हालांकि इस बात की निराशा होगी कि खेल के तीनों विभागों में उम्दा प्रदर्शन के बावजूद वह टीम को जीत नहीं दिला सके और रोमांचक मुकाबले में उसे न्यूजीलैंड के हाथों एक रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

युवराज एक बार फिर पुरानी लय में लौटते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने 26 गेंद में एक चौके और दो छक्कों की मदद से 34 रन की पारी खेलने के अलावा एक कैच भी लपका। उन्होंने दो ओवर गेंदबाजी करते हुए 14 रन दिए और अपनी मजबूत वापसी से प्रतिद्वंद्वियों को चेता दिया कि वह एक बार फिर उनकी नींद उड़ाने के लिए तैयार हैं।

युवराज ने इस दौरान अपने पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की। उन्होंने न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और दिग्गज स्पिनर डेनियल विटोरी की गेंद पर वाइड लॉन्ग ऑन पर छक्का भी जड़ा। उन्होंने अपना दूसरा छक्का जेकब ओरम पर डीप मिडविकेट पर मारा।

वह हालांकि भाग्यशाल भी रहे जब एडम मिल्ने पर पुल शॉट खेलने की कोशिश में गेंद को हवा में लहरा गए, लेकिन बाउंड्री से भागकर आ रहे मिल्स और विकेटकीपर मैक्कुलम काफी कोशिश के बावजूद कैच नहीं लपक गए। इस दौरान मिल्स और मैक्कुलम के बीच काफी तेज टक्कर भी हुई, जिसके बाद कुछ देर खेल रुका रहा और मिल्स को चोटिल होकर बाहर जाना पड़ा।

दर्शकों के हाथों में बड़े-बड़े बैनर और तख्तियां थीं, जिन पर युवराज को वापसी की बधाई दी गई थी। भारतीय टीम ने पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया और जब युवराज ने मैदान पर कदम रखा, तो करतल ध्वनि से उनका स्वागत किया गया। बायें हाथ के इस बल्लेबाज ने भी हाथ हिलाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।

भारत ने शुरू में दो विकेट चटकाकर न्यूजीलैंड की हालत खस्ता कर दी थी। इससे दर्शक अधिक रोमांचित हो गए, लेकिन चेपक स्टेडियम शोर के आगोश में खासकर तब डूबा, जब पहली बार युवराज के पास गेंद गई। वह मिडविकेट पर क्षेत्ररक्षण कर रहे थे और उन्होंने पहले ओवर में ही मार्टिन गुप्टिल के शॉट को रोकने में पुरानी फुर्ती और चपलता दिखाई।

भारत के चोटी के क्षेत्ररक्षकों में से एक युवराज ने तीसरे ओवर में केन विलियम्सन के शॉट को डाइव मारकर रोका और साफ कर दिया कि उन्हें फिर से पुराने रंग में लौटने में कोई दिक्कत नहीं है। युवराज के अगले ओवर में ब्रैंडन मैक्कुलम ने छक्का लगाया, लेकिन इसके बाद उन्होंने इसी बल्लेबाज के करारे शॉट को कैच में तब्दील करने की पूरी कोशिश की। गेंद उनके हाथ से छिटककर चली गई। युवराज इससे चोटिल हो गए और उन्हें मैदान पर उपचार लेना पड़ा। दर्शक एकबारगी उनकी चोट से सन्न रह गए थे, लेकिन जैसे ही वह ओवर की अंतिम गेंद करने के लिए आए, तो फिर से स्टेडियम 'युवी-युवी' से गूंजने लगा।

धोनी ने भी युवराज के इस प्रयास की सराहना की। युवराज ने अपने दो ओवर में 14 रन दिए। युवराज को इसके बाद मैदान छोड़ना पड़ा, जिससे दर्शक भी मायूस हो गए। युवराज की जगह क्षेत्ररक्षण करने के लिए उनके खास मित्र और एक साल से भी अधिक समय बाद टीम में वापसी कर रहे हरभजन सिंह मैदान पर उतरे।

युवराज हालांकि अधिक देर तक बाहर नहीं रहे और जल्द ही मैदान पर लौट आए। इसके बाद उन्होंने एक कैच भी लपका। लगभग साढ़े तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले लक्ष्मीपति बालाजी की गेंद को जेम्स फ्रैंकलिन ने हवा में लहरा दिया और युवराज ने कवर प्वाइंट पर दौड़कर उसे कैच कर लिया। दर्शक अपनी सीटों से खड़े हो गए। युवराज को बधाई देने के लिए सबसे पहले सुरेश रैना पहुंचे और बाद में कप्तान धोनी सहित बाकी खिलाड़ियों ने भी उन्हें घेर लिया।

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