आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं, अपने घर, अपने वतन को ख़ुद से दूर नहीं कर सकते। हमारी भाषा और हमारा खाना दो ऐसी चीज़ें हैं जो हमें अपनी मिट्टी से जोड़े रखती हैं। पर्थ में एक भारतीय रेस्तरां चलाने वाले गोविंदा राजालू के हाथों में सिर्फ़ अपने देश का स्वाद ही नहीं है, बल्कि वह अपने खाने की तरह क्रिकेट की दिवानगी के लिए भी मशहूर हैं।
'गोगो' के नाम से मशहूर गोविंदा राजालू गोवर्धन ने 16 साल पहले पर्थ में 'मद्रास करी हाउस' नाम का रेस्तरां खोला। गोगो को क्रिकेट से जुड़ा यादगार सामान जमा करने का शौक़ था, जिसे उन्होंने पूरे रेस्तरां में सजाया। यहां की हर दीवार क्रिकेट की कहानी कह रही थी। आलम यह था कि कुछ साल पहले लिट्ल मास्टर सचिन तेंदुलकर भी गोगो का कलेक्शन देखकर हैरान रह गए।
गोगो ने एनडीटीवी को बताया, 'मैनें बड़ी मेहनत से ये मेमोरेब्लिया जमा किया है। इनमें मेरे लिए सबसे क़ीमती और दिल के सबसे क़रीब है सचिन तेंदुलकर का बैट। लेकिन क्योंकि मैं ऑस्ट्रेलिया में रहता हूं, सो ऐडम गिलक्रिस्ट के आख़िरी दस्ताने भी बेहद ख़ास हैं।'
खाने-पकाने के लिए गोगो को कई असाइनमेंट मिलते रहते हैं। नब्बे के दशक में वह फ़ुटबॉल क्लब एसी मिलान के लिए खाना बना चुके हैं, जबकि कुछ सीरीज़ में पाकिस्तान टीम को भी उन्होंने अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाया है। भारतीय टीम जब भी पर्थ में हो, खिलाड़ी अकसर यहां दिखाई दे जाते हैं।
गोगो कहते हैं कि 'सचिन बिलकुल अलग हैं, खाना खाने के बाद वो ख़ुद मेरे पास आकर शुक्रिया कहते हैं। यही बात उन्हें ख़ास बनाती है।' गोगो को उम्मीद है कि वर्ल्ड कप मे भी टीम पर्थ में खेले जाने वाले अपने सभी मैच जीते और जीत के जश्न में उनके पकवान भी शामिल हों।
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