
शक्ति कपूर, जिन्हें हम उनके मस्तमौला और खलनायक वाले रोल्स के लिए जानते हैं, आज, 3 सितंबर 2025 को अपना बर्थडे मना रहे हैं. दिल्ली की गलियों से निकलकर बॉलीवुड में अपनी धाक जमाने वाले इस एक्टर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है, इस कहानी को सुन कर लगता है वाकई में फिल्म जगत में किस्मत का बहुत बड़ा हाथ होता है. सुनील कपूर से शक्ति कपूर बनने का उनका सफर मेहनत, किस्मत और जुनून की मिसाल है, जो हर उस इंसान को इंस्पायर करता है जो अपने सपनों को सच करना चाहता है.
शक्ति कपूर के पापा दिल्ली के कनॉट प्लेस में टेलर की दुकान चलाते थे. वो खुद ट्रैवल एजेंसी खोलना चाहते थे. “हां जी,” उन्होंने हंसकर बताया. उन्होंने अपने पापा की दुकान पर भी थोड़ा-बहुत काम किया था. “हां, मैंने कोशिश की थी. मेरे पापा पुराने ख्यालों वाले थे. कॉलेज के बाद कई बार मुझे सीधे दुकान जाना पड़ता था, पापा की मदद के लिए. लेकिन बीकॉम करने के बाद, करोड़ीमल कॉलेज दिल्ली से, मैंने सोच लिया कि दुकान पर नहीं बैठूंगा. मुझे तो ट्रैवलिंग का शौक था.” उन्होंने पुराने दिन याद करते हुए कहा.
शक्ति कपूर स्कूल में क्रिकेटर थे, अपनी टीम के कप्तान भी. इसके अलावा, उन्होंने बॉक्सिंग भी की थी. “हां, वो भी किया,” उन्होंने अपने स्पोर्ट्स वाले दिनों को याद किया. लेकिन एक्टर बनने या फेमस होने का कोई इरादा उनके दिमाग में नहीं था. “बिल्कुल नहीं. एक्टर बनना तो मेरे लिए एक हादसा था. मेरे पापा ने ट्रैवल एजेंसी के लिए दुकान का हिस्सा देने से मना कर दिया, तो मैं बहुत उदास हो गया था.” उन्होंने उस वक्त को याद करते हुए बताया.
शक्ति कपूर ने अपने करियर में 700 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिसमें कॉमेडी, विलेन और कैरेक्टर रोल्स तक, हर तरह का किरदार निभाया. उनकी ये कमाल की विरासत अब उनकी बेटी श्रद्धा कपूर और बेटा सिद्धांत कपूर बॉलीवुड में आगे बढ़ा रहे हैं.
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