
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित शर्मा के अलावा जिस भारतीय खिलाड़ी पर सबकी नजरें होंगी, वह हैं सुरेश रैना। वनडे में सुरेश रैना का फॉर्म लाजवाब रहा है और वह शॉर्ट फॉर्मेट क्रिकेट के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं।
टेस्ट की बात आते ही शॉर्ट बॉल पर उनके आउट होने की तस्वीरें हावी होने लगती हैं। रैना ने अब तक सिर्फ 17 टेस्ट खेले हैं, जिनमें उन्होंने एक शतकीय और सात अर्द्धशतकीय पारियां खेली हैं।
रैना के टेस्ट में 30 से कम औसत से 768 रन हैं। वहीं वनडे की बात करें, तो 203 मैच खेल चुके इस बल्लेबाज ने चार शतक बनाते हुए पांच हजार से ज्यादा रन बटोरे हैं। करीब दो साल बाद टेस्ट टीम में रैना की वापसी हो रही है, ऐसे में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके सामने बड़ी चुनौती है। रैना ने इसी साल इंग्लैंड दौरे पर वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया। रैना ने कार्डिफ वनडे में शतक बनाया, तो बर्मिंघम में 42 रन बनाते हुए टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
इंग्लैंड के खिलाफ वनडे में 28 साल के रैना का फॉर्म देखते हुए टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री ने उन पर भरोसा जताया और रैना टेस्ट टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे। सुरेश रैना की कामयाबी टीम इंडिया की कामयाबी का रास्ता भी बना सकती है।
पिछले तीन साल में टीम इंडिया विदेशी जमीन पर 20 टेस्ट में से 13 हार चुकी है। इसकी एक बड़ी वजब शॉर्ट बॉल के खिलाफ बल्लेबाजों की नाकामी रही है। इसलिए सबसे बड़ा सवाल है कि क्या रैना ऑस्ट्रेलिया की उछाल भरी पिच पर बेहतर खेल दिखाने में कामयाब हो पाएंगे।
भारत के इस मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज का आत्मविश्वास टीम और फैन्स के लिए राहत की खबर है। रैना ने ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले भरोसा जताया कि वह अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करेंगे। रैना ने 2010 में श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेला और पहले ही टेस्ट में जोरदार शतक जमाकर डेब्यू टेस्ट में शतक बनाने वाले 12वें भारतीय खिलाड़ी बने।
उन्हें 2010 में आठ टेस्ट खेलने का मौका मिला, लेकिन वह 33.90 की औसत से 373 रन ही बटोर सके, जिसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक शामिल हैं। इसी दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में एक टेस्ट खेला, जिसमें वह फ्लॉप रहे।
रैना के लिए सबसे मुश्किल घड़ी तब आई, जब इंग्लैंड जैसे बड़े दौरे पर उन्हें आजमाया गया, लेकिन वह शॉर्ट बॉल के खिलाफ जूझते नजर आए। 2011 में इंग्लैंड में खेली गई चार टेस्ट की आठ पारियों में रैना 13.12 की औसत से सिर्फ 105 रन बना सके। इस दौरान उन्होंने एक अर्द्धशतकीय पारी खेली, जबकि तीन बार शून्य पर आउट हुए।
ऑस्ट्रेलियाई दौरा किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी का सबसे मुश्किल टेस्ट होता है, लेकिन रैना ने यह मौका मुश्किल से हासिल किया है। उम्मीद करनी चाहिए कि नंबर 6 पर रैना अपने करियर का छक्का जरूर लगाएंगे।
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