इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान एलेस्टेयर कुक की सलामी बल्लेबाज के रूप में जितनी तारीफ की जाए, कम है। कप्तान के रूप में भी कुक ने इंग्लैंड को एक नई पहचान दी है। उनकी कप्तानी के इंग्लैंड दो बार ऐशेज़ सीरीज़ जीतने में कामयाब रहा है। वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 10,000 रन पूरे करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी तो हैं ही, इस आंकड़े को छूने वाले इंग्लैंड के वह इकलौते खिलाड़ी भी हैं।
कई बार कप्तानी छोड़ने का मन बनाया था : एलेस्टेयर कुक ने कप्तानी छोड़ने को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। कुक ने 'द सन' को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि कई बार ऐसा समय आया, जब उन्होंने इंग्लैंड की कप्तानी छोड़ने का मन बना लिया था, और इस बारे में अपने पत्नी से सलाह भी कर चुके थे। कुक का कहना है कि 2015 के न्यूज़ीलैंड दौरे के दौरान उन्होंने तय कर लिया था 2015 की ऐशेज़ सीरीज़, कप्तान के रूप में उनकी आखिरी सीरीज़ होगी और उसके बाद वह कप्तानी छोड़ देंगे।
ऐशेज़ सीरीज़ जीतने के बाद बदल दिया प्लान : लेकिन 2015 की ऐशेज़ सीरीज़ को इंग्लैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3-2 से जीता था, जिसकी वजह से कुक ने कप्तानी छोड़ने का प्लान बदल दिया। कुक का कहना है, "10 दिन के अंदर हम दो टेस्ट मैच जीते और दूसरे दिन मुझे लगा कि यह टीम अभी भी शक्तिशाली है और मुझे इसका हिस्सा बनकर रहना चाहिए..."
अब अगली ऐशेज़ सीरीज़ जीतना है मकसद : कुक का कहना है कि अब 2017-18 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली ऐशेज़ सीरीज़ जीतना उनका मुख्य मकसद है। खासकर इसलिए, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में हुई आखिर ऐशेज़ सीरीज़ में इंग्लैंड बुरी तरह 5-0 से हारा था। आपको बता दें कि इस सीरीज़ को हारने के बाद कप्तानी को लेकर कुक की काफी आलोचना हुई थी।
अगर युवाओं ने पसंद न किया तो छोड़ देंगे कप्तानी : कुक का यह भी कहना है कि उनकी कप्तानी में युवा खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, इस पर वह नज़र रखते हैं। हो सकता है, पुराने कप्तान के रूप में युवा खिलाड़ी उन्हें पसंद न करें, बोर हो जाएं, सो, अगर उन्हें ऐसा महसूस हुआ तो वह कप्तानी छोड़ देंगे, लेकिन कुक ने यह भी बताया कि अभी खिलाड़ी उनकी कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका मकसद है मिल-जुलकर खेलना और आगे बढ़ना।
कुक ने किया है शानदार प्रदर्शन : कुक ने 2006 में नागपुर के मैदान पर भारत के खिलाफ अपना टेस्ट करियर शुरू किया था और इस टेस्ट मैच की पहली पारी में कुक ने अर्द्धशतक और दूसरी पारी में शतक लगाकर सबको हैरान कर दिया था। फिर कुक की गाड़ी चलती रही। 2006 में उन्होंने कई शतक लगाए और सलामी बल्लेबाज के रूप में इंग्लैंड की टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
2012 में भारत दौरे के लिए कुक को इंग्लैंड टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया और इस बार कुक ने शानदार कप्तानी करते हुए करीब 27 साल बाद टीम इंडिया को उनके घरेलू मैदान पर मात देते हुए टेस्ट सीरीज़ जीती। कुक ने इस सीरीज़ में शानदार बल्लेबाजी करते हुए तीन शतक लगाए थे, जिनकी वजह से उन्हें 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का ख़िताब भी मिला था। कुक अब तक 129 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और करीब 46 की औसत से 10,176 रन बना चुके हैं, जिनमें 28 शतक और 48 अर्द्धशतक शामिल हैं।
कई बार कप्तानी छोड़ने का मन बनाया था : एलेस्टेयर कुक ने कप्तानी छोड़ने को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। कुक ने 'द सन' को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया कि कई बार ऐसा समय आया, जब उन्होंने इंग्लैंड की कप्तानी छोड़ने का मन बना लिया था, और इस बारे में अपने पत्नी से सलाह भी कर चुके थे। कुक का कहना है कि 2015 के न्यूज़ीलैंड दौरे के दौरान उन्होंने तय कर लिया था 2015 की ऐशेज़ सीरीज़, कप्तान के रूप में उनकी आखिरी सीरीज़ होगी और उसके बाद वह कप्तानी छोड़ देंगे।
ऐशेज़ सीरीज़ जीतने के बाद बदल दिया प्लान : लेकिन 2015 की ऐशेज़ सीरीज़ को इंग्लैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3-2 से जीता था, जिसकी वजह से कुक ने कप्तानी छोड़ने का प्लान बदल दिया। कुक का कहना है, "10 दिन के अंदर हम दो टेस्ट मैच जीते और दूसरे दिन मुझे लगा कि यह टीम अभी भी शक्तिशाली है और मुझे इसका हिस्सा बनकर रहना चाहिए..."
अब अगली ऐशेज़ सीरीज़ जीतना है मकसद : कुक का कहना है कि अब 2017-18 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली ऐशेज़ सीरीज़ जीतना उनका मुख्य मकसद है। खासकर इसलिए, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में हुई आखिर ऐशेज़ सीरीज़ में इंग्लैंड बुरी तरह 5-0 से हारा था। आपको बता दें कि इस सीरीज़ को हारने के बाद कप्तानी को लेकर कुक की काफी आलोचना हुई थी।
अगर युवाओं ने पसंद न किया तो छोड़ देंगे कप्तानी : कुक का यह भी कहना है कि उनकी कप्तानी में युवा खिलाड़ी कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, इस पर वह नज़र रखते हैं। हो सकता है, पुराने कप्तान के रूप में युवा खिलाड़ी उन्हें पसंद न करें, बोर हो जाएं, सो, अगर उन्हें ऐसा महसूस हुआ तो वह कप्तानी छोड़ देंगे, लेकिन कुक ने यह भी बताया कि अभी खिलाड़ी उनकी कप्तानी में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और उनका मकसद है मिल-जुलकर खेलना और आगे बढ़ना।
कुक ने किया है शानदार प्रदर्शन : कुक ने 2006 में नागपुर के मैदान पर भारत के खिलाफ अपना टेस्ट करियर शुरू किया था और इस टेस्ट मैच की पहली पारी में कुक ने अर्द्धशतक और दूसरी पारी में शतक लगाकर सबको हैरान कर दिया था। फिर कुक की गाड़ी चलती रही। 2006 में उन्होंने कई शतक लगाए और सलामी बल्लेबाज के रूप में इंग्लैंड की टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली।
2012 में भारत दौरे के लिए कुक को इंग्लैंड टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया और इस बार कुक ने शानदार कप्तानी करते हुए करीब 27 साल बाद टीम इंडिया को उनके घरेलू मैदान पर मात देते हुए टेस्ट सीरीज़ जीती। कुक ने इस सीरीज़ में शानदार बल्लेबाजी करते हुए तीन शतक लगाए थे, जिनकी वजह से उन्हें 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का ख़िताब भी मिला था। कुक अब तक 129 टेस्ट मैच खेल चुके हैं और करीब 46 की औसत से 10,176 रन बना चुके हैं, जिनमें 28 शतक और 48 अर्द्धशतक शामिल हैं।
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