एमएस धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
महेंद्र सिंह धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं। धोनी की कप्तानी की जितनी तारीफ की जाए, कम है। दवाब में कैसे सही निर्णय लिया जाए, यह माही से अच्छा कोई नहीं जानता है। टेस्ट मैच से रिटायर होने के बाद कप्तान धोनी एकदिवसीय और टी 20 में कप्तानी करते आ रहे हैं। कप्तान के रूप में उन पर सवाल उठाना तो जायज़ नहीं होगा लेकिन खिलाड़ी के रूप में धोनी विफल होते हुए नज़र आ रहे हैं।
आत्मविश्वास की कमी खल रही है
ऐसे लगने लगा है कि कप्तान धोनी के अंदर वह आत्मविश्वास नहीं रहा जो पहले था। आईपीएल के दौरान उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की कमी खल रही थी और उनके खेल को तो सबने देखा ही है...। आईपीएल में यह पहली बार था जब कोई टीम धोनी की कप्तानी में नॉक आउट स्टेज पर पहुंचने से पहले बाहर हो गई थी। शनिवार को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए टी 20 मैच में भी धोनी के अंदर आत्मविश्वास की कमी खल रही थी। आखिरी ओवर में एक रन लेकर किसी गेंदबाज़ को स्ट्राइक देना धोनी के निर्णय ऊपर कई सवाल खड़ा कर रहा था।
टी 20 में धोनी का खराब प्रदर्शन
टी 20 में महेंद्र सिंह धोनी खिलाड़ी के रूप में विफल हो रहे हैं। अगर कप्तानी की बात किया जाए तो धोनी के कप्तानी में टीम इंडिया 68 से 39 मैच जीत चुकी है यानी जीत का प्रतिशत 59 की करीब रहा है लेकिन खिलाड़ी के रूप में महेंद्र सिंह धोनी कुछ खास नहीं कर पाए हैं। महेंद्र सिंह धोनी 69 टी 20 मैच खेल चुके हैं और उन्होंने सिर्फ 1060 रन बनाए है और उनका सर्वाधिक स्कोर सिर्फ 48 है। अगर औसत की बात किया जाए तो टी 20 में धोनी का औसत 36.55 है।
ख़राब खेल के बावजूद क्यों है अच्छा औसत
टी 20 में 37 के करीब हों तो औसत अच्छा माना जाता है। लेकिन ख़राब खेल के बावजूद अच्छा औसत होने के पीछे कुछ और आंकड़े छुपे हुए हैं। कप्तान धोनी ने जितने मैचों में बल्लेबाजी की है, उनमें से ज्यादा से ज्यादा मैचों में वह नॉट आउट रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने जो 69 मैच खेले हैं, उनमें से 61 मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका मिला है और इन मैचों में 32 बार वह नॉट आउट रहे हैं जिसकी वजह से उनका औसत ज्यादा है। अगर हिसाब सीधा सीधा कर लिया जाए तो धोनी ने 61 मैच में 1060 बनाए हैं यानी एक मैच में वह 17 रन के करीब बना पाए हैं जोकि ख़राब प्रदर्शन माना जाता है।
स्ट्राइक रेट पर भी सवाल उठाया जा सकता है
चलिए अगर यह मान लेते हैं कि धोनी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और उन्हें ज्यादातर गेंद खेलने का मौका उन्हें नहीं मिलता है जिसकी वजह से वह ज्यादा रन नहीं बना पाए हैं। अगर ऐसा है तो धोनी के स्ट्राइक रेट पर भी सवाल उठाया जा सकता है। आमतौर पर जो खिलाड़ी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आता है वह अच्छे स्ट्राइक रेट में रन बनाता है। चलिए कुछ ऐसे ही दूसरे खिलाड़ियों का जिक्र करते हैं। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और टी 20 में उनका स्ट्राइक रेट 150.75 है। ज़िम्बाब्वे के एल्टन चिगुम्बुरा का स्ट्राइक रेट 150.59 है, वेस्टइंडीज के डैरेन सैमी का स्ट्राइक रेट 149 के करीब है। फिर चाहे हम श्रीलंका के थिसारा परेरा की बात हो या न्यूज़ीलैंड के लुक रोंची की, यह सभी खिलाड़ी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और इनका स्ट्राइक रेट 140 से भी ज्यादा है लेकिन टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का स्ट्राइक रेट 122 के करीब है।
आईपीएल 9 में कप्तान धोनी हुए है विफल
आईपीएल 9 में धोनी के कप्तान में खेल रही राइजिंग पुणे सुपर जॉइंट्स' अंक तालिका में सातवें स्थान पर थी। राइजिंग पुणे सुपर जॉइंट्स ने 14 मैचों में से सिर्फ पांच मैच जीते। आईपीएल के इतिहास में यह पहली बार हुआ था जब धोनी की कप्तानी में कोई टीम नॉक आउट स्टेज तक पहुंचने से पहले आईपीएल से बाहर हो गई थी। 2008 से लेकर 2015 तक धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान रहे और आठ संस्करणों में हर बार टीम का शानदार प्रदर्शन रहा। आठ में से छह बार उन्होंने टीम को फाइनल तक पहुंचाया जिसमें दो बार चेन्नई ने आईपीएल की ट्रॉफी हासिल की और दो बार सेमीफाइनल तक पहुंची। खिलाड़ी के रूप में आईपीएल 9 में धोनी का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा, 12 इन्निंग्स खेलते हुए धोनी ने 284 रन बनाए थे।
एकदिवसीय मैचों में माही का शानदार प्रदर्शन
एकदिवसीय मैच में धोनी शानदार खिलाड़ी हैं। महेंद्र सिंह धोनी 278 एकदिवसीय मैचों में करीब 51 के औसत से 8918 रन बना चुके हैं जिसकी जितने भी तारीफ की जाए, वह कम है। निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए भी महेंद्र सिंह धोनी का इतने अच्छे औसत से रन बनाना एक शानदार खिलाड़ी होने का नमूना पेश करता है। अगर कप्तान के नज़रिया से देखें, तो महेंद्र सिंह धोनी भारत के बेहतरीन कप्तान हैं। धोनी ने 194 मैचों में कप्तानी की है जिनमें से उन्होंने 107 मैचों में टीम इंडिया को कप जीत दिलवाया है। धोनी के कप्तानी में 72 मैच टीम इंडिया ने हारे हैं। चार मैच टाई हुए हैं और 11 मैचों में कोई नतीजा नहीं आया है। इस लिहाज़ से पूरे खेले गए मैचों में धोनी की जीत का प्रतिशत 60 की करीब रहा है।
लेकिन, टीम इंडिया के प्रदर्शन में आ रही है गिरावट
पिछले कुछ मैचों में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। जनवरी के महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई एकदिवसीय सीरीज में टीम इंडिया कि 4 -1 से हार हुई थी । उसे पहले अक्टूबर 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई सीरीज में साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को 3 -2 से हराया था। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ टीम इंडिया ने 3 -0 से सीरीज ज़रूर जीती है लेकिन यह भूलना नहीं चाहिए कि ज़िम्बाब्वे कमज़ोर टीम है लेकिन अगर पिछले 20 मैचों की बात किया जाए तो टीम इंडिया को 10 मैचों में जीत मिली है यानी टीम को 50 प्रतिशत मैचों में जीत मिली है। कप्तान धोनी के खुद के बल्लेबाजी की बात किया जाए तो पिछले कुछ एकदिवसीय मैचों में धोनी के प्रदर्शन में भी गिरावट आई है। महेंद्र सिंह धोनी ने 241 इनिंग्स में 9 शतक मारे हैं यानी एक शतक मारने के लिए वह 27 मैच लिए हैं। लेकिन पिछले 39 मैचों में धोनी ने कोई शतक नहीं मारा है। अगर अर्धशतक की बात किया जाए तो धोनी 60 अर्धशतक ठोक चुके हैं यानी एक अर्धशतक के लिए उन्होंने चार मैच लिए हैं लेकिन पिछले 10 मैचों में धोनी ने सिर्फ एक अर्धशतक ठोका है।
आत्मविश्वास की कमी खल रही है
ऐसे लगने लगा है कि कप्तान धोनी के अंदर वह आत्मविश्वास नहीं रहा जो पहले था। आईपीएल के दौरान उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की कमी खल रही थी और उनके खेल को तो सबने देखा ही है...। आईपीएल में यह पहली बार था जब कोई टीम धोनी की कप्तानी में नॉक आउट स्टेज पर पहुंचने से पहले बाहर हो गई थी। शनिवार को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए टी 20 मैच में भी धोनी के अंदर आत्मविश्वास की कमी खल रही थी। आखिरी ओवर में एक रन लेकर किसी गेंदबाज़ को स्ट्राइक देना धोनी के निर्णय ऊपर कई सवाल खड़ा कर रहा था।
टी 20 में धोनी का खराब प्रदर्शन
टी 20 में महेंद्र सिंह धोनी खिलाड़ी के रूप में विफल हो रहे हैं। अगर कप्तानी की बात किया जाए तो धोनी के कप्तानी में टीम इंडिया 68 से 39 मैच जीत चुकी है यानी जीत का प्रतिशत 59 की करीब रहा है लेकिन खिलाड़ी के रूप में महेंद्र सिंह धोनी कुछ खास नहीं कर पाए हैं। महेंद्र सिंह धोनी 69 टी 20 मैच खेल चुके हैं और उन्होंने सिर्फ 1060 रन बनाए है और उनका सर्वाधिक स्कोर सिर्फ 48 है। अगर औसत की बात किया जाए तो टी 20 में धोनी का औसत 36.55 है।
ख़राब खेल के बावजूद क्यों है अच्छा औसत
टी 20 में 37 के करीब हों तो औसत अच्छा माना जाता है। लेकिन ख़राब खेल के बावजूद अच्छा औसत होने के पीछे कुछ और आंकड़े छुपे हुए हैं। कप्तान धोनी ने जितने मैचों में बल्लेबाजी की है, उनमें से ज्यादा से ज्यादा मैचों में वह नॉट आउट रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने जो 69 मैच खेले हैं, उनमें से 61 मैचों में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका मिला है और इन मैचों में 32 बार वह नॉट आउट रहे हैं जिसकी वजह से उनका औसत ज्यादा है। अगर हिसाब सीधा सीधा कर लिया जाए तो धोनी ने 61 मैच में 1060 बनाए हैं यानी एक मैच में वह 17 रन के करीब बना पाए हैं जोकि ख़राब प्रदर्शन माना जाता है।
स्ट्राइक रेट पर भी सवाल उठाया जा सकता है
चलिए अगर यह मान लेते हैं कि धोनी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और उन्हें ज्यादातर गेंद खेलने का मौका उन्हें नहीं मिलता है जिसकी वजह से वह ज्यादा रन नहीं बना पाए हैं। अगर ऐसा है तो धोनी के स्ट्राइक रेट पर भी सवाल उठाया जा सकता है। आमतौर पर जो खिलाड़ी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आता है वह अच्छे स्ट्राइक रेट में रन बनाता है। चलिए कुछ ऐसे ही दूसरे खिलाड़ियों का जिक्र करते हैं। पाकिस्तान के शाहिद अफरीदी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और टी 20 में उनका स्ट्राइक रेट 150.75 है। ज़िम्बाब्वे के एल्टन चिगुम्बुरा का स्ट्राइक रेट 150.59 है, वेस्टइंडीज के डैरेन सैमी का स्ट्राइक रेट 149 के करीब है। फिर चाहे हम श्रीलंका के थिसारा परेरा की बात हो या न्यूज़ीलैंड के लुक रोंची की, यह सभी खिलाड़ी निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आते हैं और इनका स्ट्राइक रेट 140 से भी ज्यादा है लेकिन टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का स्ट्राइक रेट 122 के करीब है।
आईपीएल 9 में कप्तान धोनी हुए है विफल
आईपीएल 9 में धोनी के कप्तान में खेल रही राइजिंग पुणे सुपर जॉइंट्स' अंक तालिका में सातवें स्थान पर थी। राइजिंग पुणे सुपर जॉइंट्स ने 14 मैचों में से सिर्फ पांच मैच जीते। आईपीएल के इतिहास में यह पहली बार हुआ था जब धोनी की कप्तानी में कोई टीम नॉक आउट स्टेज तक पहुंचने से पहले आईपीएल से बाहर हो गई थी। 2008 से लेकर 2015 तक धोनी चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान रहे और आठ संस्करणों में हर बार टीम का शानदार प्रदर्शन रहा। आठ में से छह बार उन्होंने टीम को फाइनल तक पहुंचाया जिसमें दो बार चेन्नई ने आईपीएल की ट्रॉफी हासिल की और दो बार सेमीफाइनल तक पहुंची। खिलाड़ी के रूप में आईपीएल 9 में धोनी का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा, 12 इन्निंग्स खेलते हुए धोनी ने 284 रन बनाए थे।
एकदिवसीय मैचों में माही का शानदार प्रदर्शन
एकदिवसीय मैच में धोनी शानदार खिलाड़ी हैं। महेंद्र सिंह धोनी 278 एकदिवसीय मैचों में करीब 51 के औसत से 8918 रन बना चुके हैं जिसकी जितने भी तारीफ की जाए, वह कम है। निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए भी महेंद्र सिंह धोनी का इतने अच्छे औसत से रन बनाना एक शानदार खिलाड़ी होने का नमूना पेश करता है। अगर कप्तान के नज़रिया से देखें, तो महेंद्र सिंह धोनी भारत के बेहतरीन कप्तान हैं। धोनी ने 194 मैचों में कप्तानी की है जिनमें से उन्होंने 107 मैचों में टीम इंडिया को कप जीत दिलवाया है। धोनी के कप्तानी में 72 मैच टीम इंडिया ने हारे हैं। चार मैच टाई हुए हैं और 11 मैचों में कोई नतीजा नहीं आया है। इस लिहाज़ से पूरे खेले गए मैचों में धोनी की जीत का प्रतिशत 60 की करीब रहा है।
लेकिन, टीम इंडिया के प्रदर्शन में आ रही है गिरावट
पिछले कुछ मैचों में धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। जनवरी के महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई एकदिवसीय सीरीज में टीम इंडिया कि 4 -1 से हार हुई थी । उसे पहले अक्टूबर 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई सीरीज में साउथ अफ्रीका ने टीम इंडिया को 3 -2 से हराया था। ज़िम्बाब्वे के खिलाफ टीम इंडिया ने 3 -0 से सीरीज ज़रूर जीती है लेकिन यह भूलना नहीं चाहिए कि ज़िम्बाब्वे कमज़ोर टीम है लेकिन अगर पिछले 20 मैचों की बात किया जाए तो टीम इंडिया को 10 मैचों में जीत मिली है यानी टीम को 50 प्रतिशत मैचों में जीत मिली है। कप्तान धोनी के खुद के बल्लेबाजी की बात किया जाए तो पिछले कुछ एकदिवसीय मैचों में धोनी के प्रदर्शन में भी गिरावट आई है। महेंद्र सिंह धोनी ने 241 इनिंग्स में 9 शतक मारे हैं यानी एक शतक मारने के लिए वह 27 मैच लिए हैं। लेकिन पिछले 39 मैचों में धोनी ने कोई शतक नहीं मारा है। अगर अर्धशतक की बात किया जाए तो धोनी 60 अर्धशतक ठोक चुके हैं यानी एक अर्धशतक के लिए उन्होंने चार मैच लिए हैं लेकिन पिछले 10 मैचों में धोनी ने सिर्फ एक अर्धशतक ठोका है।
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