
भाला फेंक के उभरते भारतीय खिलाड़ी सचिन यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शनिवार को 26वीं एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल किया. 25 वर्षीय यादव ने शनिवार को दक्षिण कोरिया के गुमी में अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 85.16 मीटर तक भाला फेंका. वह मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम से पीछे रहे, जिन्होंने 86.40 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता.
हालांकि, सचिन विश्व चैंपियनशिप क्वालीफिकेशन मार्क (85.50 मीटर) से मामूली अंतर से चूक गए, लेकिन उन्होंने अपने पहले ही इंटरनेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनसनी मचा दी है. उत्तर प्रदेश में बागपत के निकट खेकड़ा गांव के एक किसान परिवार में जन्में सचिन यादव का इससे पहले व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 84.39 मीटर था.
SACHIN YADAV MASSIVE THROW OF 85.16M 🤯
— The Khel India (@TheKhelIndia) May 31, 2025
- Broke his Personal Best Record 💪 pic.twitter.com/LKjoeXP1EF
इस स्पर्धा में भाग ले रहे भारत के एक अन्य खिलाड़ी यशवीर सिंह ने भी प्रभावित किया तथा 82.57 मीटर का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए पांचवां स्थान हासिल किया. हालांकि, सचिन विश्व चैंपियनशिप क्वालीफिकेशन मार्क (85.50 मीटर) से मामूली अंतर से चूक गए.
नदीम ने धीमी शुरुआत की और अपने पहले थ्रो के साथ केवल 75.45 मीटर की दूरी दर्ज की. लेकिन ओलंपिक चैंपियन ने जल्द ही गियर बदलते हुए 85.47 मीटर थ्रो के साथ बढ़त बना ली. नदीम 86.40 मीटर के साथ एशियाई चैंपियन बने. जापान की युता साकियामा ने 83.75 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता. यह नदीम का पहला एशियाई चैंपियनशिप पदक है.
कौन है सचिन यादव
बागपत के पास खेकड़ा गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले आने वाले सचिन यादव, पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे. उन्हें नीरज के बाद पुरुषों की भाला फेंक में अगला बड़ा नाम माना जा रहा है. सचिन यादव ने पिछले साल भारतीय जीपी में 82.69 मीटर का थ्रो किया था. नीरज चोपड़ा के अलावा कोई अन्य भारतीय इससे आगे का थ्रो नहीं कर पाया है.

Photo Credit: Insta@sachin_javelin_
पिछले नवंबर में दिल्ली में पुलिस चैंपियनशिप में उन्होंने 84.21 मीटर का बेहतर थ्रो किया था - लेकिन उस प्रतियोगिता को आधिकारिक रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया गया था. इसके अलावा उन्होंने एक बार 90 मीटर के करीब थ्रो किया था, लेकिन यह थ्रो अमान्य था क्योंकि उन्होंने स्टेप-आउट फाउल किया था.
इस साल की शुरुआत में देहरादून में हुए नेशनल गेम्स में सभी का ध्यान सचिन यादव की तरफ ही था. इस टूर्नामेंट में एक ओलंपियन- शिवपाल सिंह और विश्व चैंपियनशिप के फाइनलिस्ट -रोहित यादव, भी हिस्सा ले रहे थे, लेकिन लोगों कि निगाहें सचिन पर थी. 6 फुट 5 इंच लंबे संदीप ने देहरादून में वार्म-अप थ्रो में उन्होंने 85 मीटर तक के थ्रो आसानी से किए थे.

नेशनल गेम्स में सचिन ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. Photo Credit: ANI
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सचिन ने शुरुआत में कोई गेम नहीं खेला था. वह क्रिकेट जरूर खेलते थे, लेकिन मनोरंजन के लिए और इसी दौरान उनकी मुलाकात संदीप से हुई थी. सचिन यादव ने 19 की उम्र में एथलेटिक्स में प्रवेश किया था.
सचिन यादव को भाला फेंक से उनके पड़ोसी संदीप यादव ने परिचित कराया था जिन्होंने बाद में उन्हें नयी दिल्ली (जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एनसीओई में) में जाने-माने भाला फेंक कोच नवल सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लेने की सलाह दी. वह खेल कोटे के तहत 2023 में उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल हुए. संदीप भी उत्तर प्रदेश पुलिस में हैं.
सचिन यादव ने कहा,"नवल सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण ने मेरी जिंदगी बदल दी. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं इस मुकाम तक पहुंचूंगा. लेकिन संदीप भाई और गुरुजी (नवल सिंह) की वजह से ऐसा हुआ."
रोचक बात यह है कि यादव ने कहा कि वह 2023 में उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी मिलने के बाद भाला फेंकना छोड़ने वाले थे. उन्होंने कहा,"मैं पुलिस की नौकरी मिलने के बाद संतुष्ट था और मैंने सोचा था कि मैं भाला फेंक खेल छोड़ दूंगा. लेकिन संदीप भाई ने कहा 'तुम फिर से भाला फेंकना शुरू करो'. उन्होंने मुझे दिल्ली में नवल सर के पास भेजा और अब मैं यहां हूं."

सचिन की तुलना अक्सर अरशद नदीम से होती है. सचिन की मानें तो एक बार नीरज चोपड़ा ने भी उनसे यह बात कही है. स्पोर्टस्टार के अनुसार, सचिन ने बताया कि भुवनेश्वर में फेडरेशन कप के दौरान उनकी नीरज से मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने इस उभरते हुए स्टार की तारीफ की.
सचिन ने कहा,"नीरज भाई ने मुझे बताया कि मेरा शरीर और फेंकने की तकनीक (पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन) अरशद नदीम के समान थी. उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे पास अच्छा झटका है और मुझे और अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. जब एक अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक पदक विजेता आपको यह बताता है, तो आपको लगभग ऐसा लगता है जैसे भगवान ने आपको यह बताया है."
सचिन के कोच नवल भी मानते हैं कि इन दोनों एथलीट में समानता है. नवल की मानें तो,"वे समान हैं लेकिन फ़र्क है (अंतर हैं). अरशद एक महान थ्रोअर हैं. उनके पास बहुत ताकत है लेकिन शानदार नियंत्रण भी है. सचिन के पास शानदार झटका है लेकिन उनके पास महान तकनीक नहीं है. फिलहाल, उनके और अरशद के बीच एक अंतर है."
(भाषा से इनपुट के साथ)
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