अनुराग ठाकुर का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अनुराग ठाकुर के नाम के आगे पूर्व अध्यक्ष बीसीसीआई का बोर्ड लग गया है. कोर्ट का फैसला है कि फिलहाल सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष संयुक्त सचिव के साथ मिलकर बोर्ड का कामकाज देखेंगे, लेकिन अब सवाल है कि अपने पांच उपाध्यक्षों में से बोर्ड किसे कार्यवाहक प्रमुख के रूप में नामित करे.
अनुभव और वरिष्ठता के मामले में इस रेस में सबसे आगे हैं दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए के सीके खन्ना. खन्ना तीसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं और पांचों में सबसे वरिष्ठ हैं. बोर्ड में वे सेंट्रल ज़ोन की नुमाइंदगी करते हैं.
64 साल के खन्ना के अलावा पश्चिमी क्षेत्र के टीसी मैथ्यू, पूर्वी क्षेत्र के गौतम रॉय, उत्तरी क्षेत्र के एमएल नेहरू और दक्षिण क्षेत्र के जी. गंगाराजू हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड में 9 साल पूरा करने से खन्ना अभी ढाई साल दूर हैं और 70 साल की सीमा में भी 6 साल बाकी हैं.
जगमोहन डालमिया के कार्यकाल में भी उपाध्यक्ष रह चुके खन्ना ने मई में भी बोर्ड की विशेष आम बैठक की अध्यक्षता कर चुके हैं, जिसमें अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के की ताजपोशी हुई थी.
वैसे जस्टिल मुकुल मुदगल ने डीडीसीए के बारे में दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में खन्ना को घातक प्रभाव वाला करार दिया है. खन्ना के अलावा असम क्रिकेट संघ के गौतम राय उपाध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और वह 2000 से 2015 तक एसीए अध्यक्ष रहे.
खन्ना और राय एक दशक से भी अधिक समय तक अपने राज्य संघों का हिस्सा रहे हैं, ऐसे में उन्हें भी ब्रेक लेना होगा. आंध्र प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े गंगाराजू के साथ भी हालात ऐसे ही हैं. नेहरू उम्र की सीमा पार कर चुके हैं.
9 जनवरी को फाली नरिमन और गोपाल सुब्रमण्यम इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे. सौरव गांगुली को लेकर भी सुगबुगाहट है.
अनुभव और वरिष्ठता के मामले में इस रेस में सबसे आगे हैं दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए के सीके खन्ना. खन्ना तीसरी बार उपाध्यक्ष बने हैं और पांचों में सबसे वरिष्ठ हैं. बोर्ड में वे सेंट्रल ज़ोन की नुमाइंदगी करते हैं.
64 साल के खन्ना के अलावा पश्चिमी क्षेत्र के टीसी मैथ्यू, पूर्वी क्षेत्र के गौतम रॉय, उत्तरी क्षेत्र के एमएल नेहरू और दक्षिण क्षेत्र के जी. गंगाराजू हैं. भारतीय क्रिकेट बोर्ड में 9 साल पूरा करने से खन्ना अभी ढाई साल दूर हैं और 70 साल की सीमा में भी 6 साल बाकी हैं.
जगमोहन डालमिया के कार्यकाल में भी उपाध्यक्ष रह चुके खन्ना ने मई में भी बोर्ड की विशेष आम बैठक की अध्यक्षता कर चुके हैं, जिसमें अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के की ताजपोशी हुई थी.
वैसे जस्टिल मुकुल मुदगल ने डीडीसीए के बारे में दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में खन्ना को घातक प्रभाव वाला करार दिया है. खन्ना के अलावा असम क्रिकेट संघ के गौतम राय उपाध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं और वह 2000 से 2015 तक एसीए अध्यक्ष रहे.
खन्ना और राय एक दशक से भी अधिक समय तक अपने राज्य संघों का हिस्सा रहे हैं, ऐसे में उन्हें भी ब्रेक लेना होगा. आंध्र प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े गंगाराजू के साथ भी हालात ऐसे ही हैं. नेहरू उम्र की सीमा पार कर चुके हैं.
9 जनवरी को फाली नरिमन और गोपाल सुब्रमण्यम इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताएंगे. सौरव गांगुली को लेकर भी सुगबुगाहट है.
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