पहली चार टेस्ट पारियों में से तीन में विराट कोहली को फिडेल एडवर्ड्स ने आउट किया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अपनी बेहतरीन और बेखौफ बल्लेबाजी से दुनिया भर के गेंदबाजों की नींद उड़ाने वाले विराट कोहली (Virat Kohli) अपने करियर के शुरुआत में वेस्टइंडीज (West Indies) के एक तेज गेंदबाज से बेहद खौफ खाते थे. यही नहीं उन्हें यहां तक लगने लगा था कि उनका टेस्ट करियर जल्दी ही खत्म हो जाएगा. विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत वेस्टइंडीज में की थी और तीन टेस्ट मैचों में वह केवल 76 रन बना पाये थे. पहली चार टेस्ट पारियों में से तीन में फिडेल एडवर्ड्स (Fidel Edwards) ने उन्हें पेवेलियन की राह दिखायी थी. वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह ने अपनी किताब ‘क्रिकेट के अनसुने किस्से’ में कोहली की उस समय की मानसिकता का रोचक वर्णन किया है.
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किताब में लिखा गया है, ‘दो टेस्ट मैच की चार पारियों में यह तीसरा मौक़ा था जब एडवर्ड्स ने उन्हें आउट किया था. विराट कोहली ने क़रीबी लोगों के सामने माना था कि उन्हें एडवर्ड्स की गेंद को ‘पिक’ करने में दिक्क़त हो रही है. ’पेंगुइन से प्रकाशित 180 पन्नों की किताब में क्रिकेट से जुड़े 50 किस्सों का वर्णन किया है जिनमें मंसूर अली खां पटौदी से लेकर वर्तमान समय के क्रिकेटरों और भारत के 2006 के पाकिस्तान दौरे से जुड़े किस्से शामिल हैं. इनमें से कई किस्सों के गवाह स्वयं लेखक रहा हैं. भारतीय टीम की कमान संभालने के बाद अपने व्यवहार में बदलाव करने वाले कोहली अपने करियर के शुरू में बेहद शरारती थे. किताब में उनसे जुड़ा एक किस्सा दिया गया है कि किस तरह से उन्होंने दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में अपने नए मोबाइल के एक ‘एप’ की मदद से टीवी का ‘वॉल्यूम’ कम और ज्यादा करके वहां मौजूद लोगों और होटल स्टाफ को परेशानी में डाल दिया था.
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से जुड़े कई किस्सों का इस किताब में जिक्र है. एक बार वेस्टइंडीज दौरे में तेंदुलकर को ‘वाटर स्पोर्ट्स’ खेलने की इच्छा नहीं थी लेकिन जब उनकी पत्नी अंजलि जिद करने लगी तो उन्होंने गुस्से में उन्हें कुछ इस तरह से क्रिकेटिया धमकी दे डाली थी, ‘अब अगर उन्होंने एक भी बार वाटर स्पोर्ट्स के लिए जाने को कहा तो वो उन्हें एलेन डोनाल्ड के सामने बगै़र पैड पहने बल्लेबाज़ी के लिए भेज देंगे.’वीरेंद्र सहवाग ने वनडे इंटनेशनल में जब अपना पहला दोहरा शतक पूरा किया तो वह अपने पसंदीदा गायक किशोर कुमार का गाना गुनगुना रहे थे तो सौरव गांगुली एक समय हरभजन सिंह के जूतों को अपने लिये भाग्यशाली मानने लग गये थे और कई मैचों में वह इस ऑफ स्पिनर के जूते पहनकर ही बल्लेबाजी के लिये उतरे थे.
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इस किताब के तमाम दिलचस्प किस्सों में 1983 वर्ल्डकप के भी किस्से हैं. तब भारत और वेस्टइंडीज की टीमें फाइनल में पहुंची थी लेकिन खिताबी मुकाबले से पहले पूरी टीम कप्तान कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ से नाराज थी. पाकिस्तान के महान क्रिकेटर फजल महमूद के बचपन की एक कहानी दिलचस्प है. जो इस तरह शुरू होती है, ‘गुजरात में एक स्कूली बच्चे ने अपनी टीम को अपने बलबूते पर जीत दिलाई. अगले दिन उसका नाम अखबार की सुर्खियों में आया. उसकी तस्वीर भी छपी. इस कामयाबी के बाद भी अगले दिन स्कूल पहुंचने पर उसे लगा कि आज पूरे स्कूल के सामने उसकी पिटाई होगी. ’इस किताब में उन किस्सों को प्रमुखता दी गई है कि जिनका आमतौर पर विवादों से कोई लेना-देना नहीं होता. वो मैदान के भीतर के किस्से होते हैं. अगर मैदान के बाहर के किस्से हैं तो वो भी खिलाड़ियों की पसंद-नापसंद के होते हैं. किताब की भूमिका 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य और भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने लिखी है. उन्होंने लिखा है, ‘इस किताब के किस्से आपको हंसाते है, गुदगुदाते है और कई बार थोड़ा उदास भी करते है.’इस किताब की कीमत 199 रुपये है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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किताब में लिखा गया है, ‘दो टेस्ट मैच की चार पारियों में यह तीसरा मौक़ा था जब एडवर्ड्स ने उन्हें आउट किया था. विराट कोहली ने क़रीबी लोगों के सामने माना था कि उन्हें एडवर्ड्स की गेंद को ‘पिक’ करने में दिक्क़त हो रही है. ’पेंगुइन से प्रकाशित 180 पन्नों की किताब में क्रिकेट से जुड़े 50 किस्सों का वर्णन किया है जिनमें मंसूर अली खां पटौदी से लेकर वर्तमान समय के क्रिकेटरों और भारत के 2006 के पाकिस्तान दौरे से जुड़े किस्से शामिल हैं. इनमें से कई किस्सों के गवाह स्वयं लेखक रहा हैं. भारतीय टीम की कमान संभालने के बाद अपने व्यवहार में बदलाव करने वाले कोहली अपने करियर के शुरू में बेहद शरारती थे. किताब में उनसे जुड़ा एक किस्सा दिया गया है कि किस तरह से उन्होंने दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में अपने नए मोबाइल के एक ‘एप’ की मदद से टीवी का ‘वॉल्यूम’ कम और ज्यादा करके वहां मौजूद लोगों और होटल स्टाफ को परेशानी में डाल दिया था.
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से जुड़े कई किस्सों का इस किताब में जिक्र है. एक बार वेस्टइंडीज दौरे में तेंदुलकर को ‘वाटर स्पोर्ट्स’ खेलने की इच्छा नहीं थी लेकिन जब उनकी पत्नी अंजलि जिद करने लगी तो उन्होंने गुस्से में उन्हें कुछ इस तरह से क्रिकेटिया धमकी दे डाली थी, ‘अब अगर उन्होंने एक भी बार वाटर स्पोर्ट्स के लिए जाने को कहा तो वो उन्हें एलेन डोनाल्ड के सामने बगै़र पैड पहने बल्लेबाज़ी के लिए भेज देंगे.’वीरेंद्र सहवाग ने वनडे इंटनेशनल में जब अपना पहला दोहरा शतक पूरा किया तो वह अपने पसंदीदा गायक किशोर कुमार का गाना गुनगुना रहे थे तो सौरव गांगुली एक समय हरभजन सिंह के जूतों को अपने लिये भाग्यशाली मानने लग गये थे और कई मैचों में वह इस ऑफ स्पिनर के जूते पहनकर ही बल्लेबाजी के लिये उतरे थे.
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इस किताब के तमाम दिलचस्प किस्सों में 1983 वर्ल्डकप के भी किस्से हैं. तब भारत और वेस्टइंडीज की टीमें फाइनल में पहुंची थी लेकिन खिताबी मुकाबले से पहले पूरी टीम कप्तान कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ से नाराज थी. पाकिस्तान के महान क्रिकेटर फजल महमूद के बचपन की एक कहानी दिलचस्प है. जो इस तरह शुरू होती है, ‘गुजरात में एक स्कूली बच्चे ने अपनी टीम को अपने बलबूते पर जीत दिलाई. अगले दिन उसका नाम अखबार की सुर्खियों में आया. उसकी तस्वीर भी छपी. इस कामयाबी के बाद भी अगले दिन स्कूल पहुंचने पर उसे लगा कि आज पूरे स्कूल के सामने उसकी पिटाई होगी. ’इस किताब में उन किस्सों को प्रमुखता दी गई है कि जिनका आमतौर पर विवादों से कोई लेना-देना नहीं होता. वो मैदान के भीतर के किस्से होते हैं. अगर मैदान के बाहर के किस्से हैं तो वो भी खिलाड़ियों की पसंद-नापसंद के होते हैं. किताब की भूमिका 1983 में वर्ल्डकप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य और भारतीय टीम के पूर्व मुख्य चयनकर्ता संदीप पाटिल ने लिखी है. उन्होंने लिखा है, ‘इस किताब के किस्से आपको हंसाते है, गुदगुदाते है और कई बार थोड़ा उदास भी करते है.’इस किताब की कीमत 199 रुपये है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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