
दूसरी पारी में पूरे 10 विकेट हासिल करने वाले कुंबले ने पहली पारी में 4 विकेट लिए थे (फाइल फोटो)
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पारी में सभी 10 विकेट लेकर जिम लेकर के रिकॉर्ड की बराबरी की थी
कुंबले के करिश्मे के कारण पाकिस्तान यह टेस्ट 212 रन से हारा था
पाक के सामने था 420 रन का टारगेट, 207 रन पर हो गया था ढेर
चौथे दिन ही निकल गया था इस मैच का परिणाम
वैसे तो यह टेस्ट पांच दिन, लेकिन कुंबले ने अपनी गेंदबाजी से इसका परिणाम चौथे दिन ही तय कर दिया था. मैच के पहले दिन जब टीम इंडिया पहली पारी में महज 252 रन पर आउट हो गई तो किसी को शायद सपने में कल्पना नहीं था कि भारत यह टेस्ट जीतने जा रहा है. भारत की पहली पारी में ओपनर सदगोपन रमेश के 60 और कप्तान अजहर के 67 रन ही उल्लेखनीय रहे थे. पाकिस्तान की ओर से सकलैन मुश्ताक ने पांच विकेट लिए थे. इस छोटे स्कोर पर आउट होने के बाद टीम इंडिया ने पलटवार करते हुए पाकिस्तानी टीम को 172 रन पर समेट दिया था. पाकिस्तानी टीम का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाया था. भारत के लिए अनिल कुंबले ने पाकिस्तान की पहली पारी में चार और हरभजन सिंह ने दो विकेट लिए थे. मैच में पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया को 80 रन की बढ़त हासिल हुई थी.
दोनों पारियों में सदगोपन रमेश ने की थी अच्छी बैटिंग
पहली पारी के आधार पर मिली इस अहम बढ़त के बाद टीम इंडिया को मनोबल मानो सातवें आसमान पर था और टीम ने दूसरी पारी में 339 रन का स्कोर बना डाला था. इस स्कोर में बाएं हाथ के आकर्षक बल्लेबाज रमेश के 96 और सौरव गांगुली के नाबाद 62 रन महत्वपूर्ण रहे थे. मैच में पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 420 रनों का विशाल लक्ष्य था. टीम इंडिया को उम्मीद थी कि इस विशाल लक्ष्य के आगे पाकिस्तानी टीम टिक नहीं पाएंगे लेकिन जब पहले विकेट के लिए सईद अनवर और शाहिद अफरीदी की प्रारंभिक जोड़ी ने ताबड़तोड़ शतकीय साझेदारी कर डाली तो स्टेडियम में सन्नाटा खिंच गया था. ऐसा लगने लगा था कि पाकिस्तान की जीत की उम्मीदें मजबूत होती जा रही हैं, लेकिन कुंबले ने जब जुझारू क्षमता का प्रदर्शन करते हुए शाहिद अफरीदी के रूप में पहला विकेट लिया तो स्टेडियम शोर में डूब गया. 101 के स्कोर पर पहला विकेट गिरने के बाद तो विकेट पतन का जो सिलसिला शुरू हुआ वह वसीम अकरम के रूप में पारी का आखिरी विकेट गिरने के साथ ही थमा था. पाकिस्तानी पारी 207 रनों पर समाप्त हुई थी और स्कोरबोर्ड पर सभी विकेट कुंबले के खाते में देखना एक अविस्मरणीय सा अनुभव था. पाकिस्तान के लिए सईद अनवर ने सर्वाधिक 69, शाहिद अफरीदी ने 41 और कप्तान वसीम अकरम ने 37 रन बनाए थे. दूसरी पारी में कुंबले का गेंदबाजी विश्लेषण था 26.3 ओवर, 9 मेडन, 74 रन और 10 विकेट. पूरे मैच में कुंबले ने 14 विकेट लिए थे.
...इसलिए श्रीनाथ विकेट के काफी बाहर गेंद फेंक रहे थे
कुंबले जब 9 विकेट हासिल कर चुके थे तो उनके साथ गेंदबाजी तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ कर रहे थे. ऐसे में टीम इंडिया का हर सदस्य चाह रहा था कि 10वां विकेट भी कुंबले के खाते में आए ताकि वे परफेक्ट 10 के दुर्लभ क्लब में अपना नाम दर्ज करा लें. पारी के दौरान की यादें ताजा करते हुए श्रीनाथ ने कहा था कि मैच के अंतिम क्षणों में, मैं कुंबले के साथ गेंदबाजी कर रहा था. मैं जानबूझकर गेंदों को विकेट के काफी बाहर डाल रहा था ताकि आखिरी विकेट मेरे नहीं, अनिल कुंबले के ही खाते में आए. आखिरकार हुआ भी यही, कुंबले ने अंतिम विकेट के रूप में वसीम अकरम को लक्ष्मण के हाथों कैच कराकर वह उपलब्धि हासिल कर ली जो इंटरनेशनल क्रिकेट में जिम लेकर और उनके (कुंबले के) अलावा कोई नहीं कर पाया है...
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