यह ख़बर 15 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारत दौरा बीच में रद्द होने के लिए वेस्ट इंडीज़ बोर्ड भी ज़िम्मेदार, खिलाड़ी भी : टास्क फोर्स

वेस्ट इंडीज़ के भारत दौरे का फाइल चित्र

सेंट जोंस (एंटिगा):

वेतन विवाद मुद्दा और फिर भारत दौरा रद्द करने संबंधी कारणों का पता लगाने के लिए वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड (डब्ल्यूआईसीबी) द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स ने कहा कि इस विवाद से जुड़े सभी तीनों पक्षों ने गलतियां कीं।

समाचार एजेंसी सीएमसी के अनुसार इसी सप्ताहांत डब्ल्यूआईसीबी को जमा की गई रिपोर्ट में टास्क फोर्स ने कहा है कि जहां कैरेबियाई बोर्ड और डब्ल्यूआईपीए ने गलती की है, वहीं खिलाड़ियों को भी भारत दौरा बीच में रद्द होने के लिए जिम्मेदारी उठानी होगी।

माइकल गोर्डन, डब्ल्यूआईसीबी के पूर्व अध्यक्ष वेस्ले हॉल और बारबाडोस के वरिष्ठ वकील रिचर्ड केल्टेनहॉम की सदस्यता वाली इस टास्क फोर्स ने ऐसी परिस्थिति भविष्य में पैदा नहीं होने के लिए आठ सुझाव भी दिए। टास्क फोर्स ने सुझाव दिया कि डब्ल्यूआईसीबी को खिलाड़ियों के साथ विश्वास का माहौल बनाना चाहिए और इस कार्य में वेस्ट इंडीज़ प्लेयर्स एसोसिएशन को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी।

गौरतलब है कि इस विवाद के चलते कैरेबियाई खिलाड़ियों ने इसी साल अक्टूबर में चार एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के बाद भारत दौरा बीच में छोड़ दिया था। वेस्ट इंडीज़ को कोलकाता में पांचवा एक-दिवसीय, एक टी-20 मैच और तीन टेस्ट मैच भी खेलने थे।

टास्क फोर्स ने कहा है कि बोर्ड और डब्ल्यूआईपीए कैरेबियाई खिलाड़ियो के साथ वित्तीय व्यवस्था में बड़े बदलाव की कोशिश कर रहे थे। इस कोशिश से पहले हालांकि उन्होंने खिलाड़ियों की रजामंदी नहीं ली। साथ ही टास्क फोर्स ने कहा, "इस कोशिश के बावजूद हम डब्ल्यूआईसीबी और डब्ल्यूआईपीए की नीयत पर सवाल नहीं उठा रहे। वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट के भविष्य को लेकर वे अपनी बात ठीक तरह से खिलाड़ियों को समझाने में नाकाम रहे।"

टास्क फोर्स के अनुसार, टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ी भी इस दौरे को रद्द करवाने के लिए जिम्मेदार थे। टास्क फोर्स ने कहा, "किसी भी विदेशी दौरे पर सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी बड़ी होती है। उन्हें अपने व्यवहार से जूनियर खिलाड़ियों के सामने आदर्श पेश करना चाहिए, लेकिन भारतीय दौरे में कुछ कैरेबियाई खिलाड़ी ऐसा करने में नाकाम रहे।"

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उल्लेखनीय है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा 4.2 करोड़ डॉलर का हर्जाना लगाए जाने बाद डब्ल्यूआईसीबी ने इस टास्क फोर्स का गठन किया था। डब्ल्यूआईसीबी ने कहा है कि अभी वह पूरी रिपोर्ट पढ़ रहा है और जल्द ही इस विवाद से जुड़ी महत्वपूर्ण घोषणाएं करेगा।