रविवार को मीरपुर में होने वाले दूसरे वनडे में भारत की सबसे बड़ी फ़िक्र टीम की रणनीति या विपक्षी टीम से भी ज़्यादा मौसम की होगी, जिस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन पहले मैच में टीम के सर्वाधिक रन स्कोरर बल्लेबाज़ रोहित शर्मा (68 गेंदों पर 63 रन) कहते हैं कि टीम पर कोई दबाव नहीं है। वो कहते हैं कि टीम को अच्छी तरह पता है कि ग़लतियां कहां हुई हैं।
रोहित कहते हैं कि पिच पहले मैच जैसी दिख रही है। बस गेंदबाज़ों को आगे बढ़कर विकेट लेने की ज़रूरत है। वो कहते हैं कि विकेट लेने पर विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ाया जा सकता है और पहले मैच में इस पहलू में टीम इंडिया पिछड़ गई थी।
रोहित ये भी दावा कर रहे हैं कि टीम इंडिया दूसरे मैच में बेहतर रणनीति के साथ उतरेगी। उनकी योजना पहले से बेहतर होगी। वो ये भी कहते हैं कि दूसरे मैच में बांग्लादेश एक अलग टीम इंडिया का सामना करेगी।
मुंबई के 28 साल के रोहित कहते हैं कि पहले मैच में टीम इंडिया ज़रूर 300 से बड़े लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई। लेकिन रोहित पत्रकारों को याद दिलाते हैं कि टीम इंडिया ने सबसे ज़्यादा बार 300 से बड़े लक्ष्य का पीछा किया है। आंकड़ों के लिहाज़ से जनवरी 2000 से लेकर अब तक भारत ने 15 बार 300 से बड़े स्कोर का कामयाबी से पीछा किया है। वहीं श्रीलंका ने आठ बार और ऑस्ट्रेलिया ने सात बार 300 से बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल की है। रोहित कहते हैं कि एक बार ऐसा नहीं कर पाने से टीम के मनोबल पर कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
हैरानी की बात ये रही कि मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में रोहित शर्मा मुस्ताफ़िजुर रहमान का नाम ही भूल गए. 19 साल के बांए हाथ के मुस्ताफ़िज़ुर ने अपने पहले ही मैच में 9.2 ओवर में 50 रन देकर 5 विकेट झटके और भारत व बांग्लादेश के अख़बार और टेलीविज़न में छाये रहे। लेकिन रोहित उनकी गेंदबाज़ी की ज़रूर तारीफ़ करते हैं।
वो कहते हैं कि बांए हाथ के उस गेंदबाज़ ने हालात का पूरा फ़ायदा उठाया और अच्छी गेंदबाज़ी की। वो ज़ोर देकर कहते हैं कि टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में कोई दबाव नहीं है। उन्हें लगता है कि टीम इंडिया सीरीज़ का नतीजा ज़रूर बदल देगी।
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