Gautam Gambhir's big revelation: कभी-कभी ऐसी घटनाएं क्रिकेट में होती है, जो दबी रह जाती हैं. और जब इनका खुलासा होता है, तो बहुत ही हैरानी होती है. कुछ ऐसा ही खुलासा अब टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने विराट कोहली (Virat Kohli) को लेकर किया है. और गौतम से सीधी बातचीत में खुद विराट ने खुद इस पर सहमति जताई. दरअसल BCCI ने बांग्लादेश के साथ वीरवार को शुरू हुए पहले टेस्ट की पूर्व संध्या पर दोनों की बातचीत का एक लंबा वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में दोनों ही दिग्गज एक-दूसरे से जुड़ी यादों, प्लानिंग और तमाम अनसुने पहलुओं का खुलासा किया है. इसी बातचीत में गंभीर ने उस घटना के बारे में बताया जब कोहली ऑस्ट्रेलिया के दौरे में हर गेंद से पहले ऊं नम: शिवाय का जाप कर रहे थे.
Gautam Gambhir Virat Kohli
— BCCI (@BCCI) September 18, 2024
A conversation full of mutual respect and goal of taking Indian Cricket forward
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गंभीर से ही ली थी प्रेरणा
गौतम ने बातचीत के दौरान विराट कोहली को याद दिलाते हुए कहा, 'आपने साल 2014 के ऑस्ट्रेलिया दौरे में बहुत ज्यादा रन बनाए थे. और आपने मुझे बताया कि हर हर गेंद से पहले ऊं नम: शिवाय जप रहे थे. और इस जाप ने आपको एक अलग ही जोन (मनोदशा) में पहुंचाया. और यह ठीक मेरे साथ भी हुआ था", याद दिला दें कि सा 2014-15 में इस दौरे में कोहली दोनों टीमों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे और भारत की तरफ से नंबर एक बल्लेबाज थे. तब विराट ने 4 टेस्ट की 8 पारियों में 4 शतक और 1 अर्द्धशतक और 63.31 के औसत से 692 रन बनाए थे.
गंभीर की 'हनुमान चालीसा' से ली थी प्रेरणा
दरअसल विराट ने गंभीर से ही प्रेरणा ली थी, जब गौतम ने एक ऐसी पारी खेली, जिसे भारत क्रिकेट इतिहास की सर्वश्रेष्ठ पारियों में एक गिना जाता है. साल 2009 में नेपियर में मेजबान न्यूजीलैंड के खिलाफ फॉलोऑन खेलते हुए भारत पूरी तरह मैच हारता दिखाई पड़ा. मैच में करीब ढाई दिन बाकी थे, लेकिन तब वर्तमान हेड कोच गंभीर ने गजब की इच्छाशक्ति दिखाते हुए 436 गेंदों का सामना करते हुए और 643 मिनट टिककर और 18 चौकों से 137 रन बनाए थे. उनकी इस पारी से भारत ने फॉलोऑन खेलते हए मैच ड्रॉ कराया था.
"इस वजह से ऐसा कर सका"
वीडियो में इस पारी पर गंभीर ने कहा, "अगर मैं पीछे देखूं और सोचूं कि क्या मैं ढाई दिन बल्लेबाजी कर सकता हूं, तो मैं नहीं सोचता कि मैं कभी भी ऐसा नहीं कर सकता था, लेकिन अगर मैं ऐसा कर सका, तो इसकी वजह यह रही कि दोनों दिन मैं सिर्फ और सिर्फ हनुमान चालीसा सुनता रहा."
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