भारतीय टीम वेस्ट इंडीज के खिलाफ रविवार को होने वाले दूसरे एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में जीत से 2-0 की अजेय बढ़त बनाकर वनडे शृंखला पर कब्जा करना चाहेगी।
वेस्ट इंडीज की टीम विश्व चैंपियन भारत के सामने पूरी तरह से कमजोर रही है। टेस्ट शृंखला में लचर प्रदर्शन के बाद विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल के चोटिल हो जाने से कैरेबियाई टीम की चिंता और मुश्किल और बढ़ गई है, जिसके लिए शृंखला बचाने के मद्देनजर यह मैच 'करो या मरो' की तरह होगा।
वेस्ट इंडीज से छोटे प्रारूप में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन वे चुनौती नहीं दे पाए हैं, क्योंकि उनके बल्लेबाजों का जूझना बरकरार है। वेस्ट इंडीज का भाग्य नहीं बदल सका, क्योंकि भारत ने कोच्चि में 88 गेंद रहते छह विकेट से जीत दर्ज कर शृंखला में 1-0 से बढ़त बना ली।
यह जीत भारतीय गेंदबाजों के जख्म को राहत देने वाली रही, जिनकी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली वनडे शृंखला में खूब धुनाई हुई थी और उन्होंने बल्लेबाजों को कुछ दबाव बनाने में सफलता हासिल की। टेस्ट शृंखला में लगी कंधे की चोट से उबरकर वापसी करने वाले रविंद्र जडेजा ने तीन विकेट झटककर स्पिन आक्रमण की अगुवाई की, जिससे वेस्ट इंडीज 211 रन के स्कोर पर सिमट गई।
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज जीतने में तीन बार 350 रन से ज्यादा का लक्ष्य हासिल किया और उनके लिए 88 गेंद रहते छह विकेट की जीत दर्ज करना काफी सरल रहा। भारत की रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन की तिकड़ी की मौजूदगी ने दिखा दिया कि कोई भी लक्ष्य सुरक्षित नहीं है।
रोहित ने सलामी बल्लेबाज के तौर पर 26 मैचों में 53.27 के औसत से 1172 रन बनाए हैं और अगर उनके करियर के कुल 3121 रन से इसकी तुलना की जाए, तो यह 37 प्रतिशत से ज्यादा ही होगा। एसीए वीडीसीए स्टेडियम भारत के लिए हमेशा ही भाग्यशाली रहा है, जिसमें उसने 5 अप्रैल, 2005 को हुए शुरुआती मैच से अभी तक चारों मैचों में जीत दर्ज की है। शुरुआती मैच में लंबे बालों वाले धोनी ने 123 गेंद में 148 रन बनाकर पाकिस्तान को ध्वस्त किया था। इसके बाद से कोहली ने यहां ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के खिलाफ लगातार दो शतक जड़े हैं, जिससे यह उनका भी पंसदीदा स्थल बन गया है।
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