नई दिल्ली:
बाएं हाथ के स्टाइलिश बल्लेबाज युवराज सिंह ने एनकेपी साल्वे चैलेंजर ट्रॉफी में इंडिया ब्लू के कप्तान के तौर पर धमाकेदार प्रदर्शन के साथ भारतीय टीम में वापसी कर ली, लेकिन तीन अन्य धुरंधरों - गौतम गंभीर, जहीर खान और वीरेंद्र सहवाग के लिए वापसी आसान नहीं।
उम्मीद की जा रही थी कि गम्भीर, जहीर और सहवाग ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाली सात मैचों की एक-दिवसीय शृंखला के अंत के चार मैचों के लिए वापसी करने में सफल रहेंगे, लेकिन फिलहाल गम्भीर और जहीर के लिए इसकी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
शिमोगा में वेस्टइंडीज-ए के साथ जारी चार दिवसीय अनाधिकारिक टेस्ट मैच के पहले दिन जहीर गेंदबाजी करते हुए 20 ओवरों मे एक विकेट हासिल कर सके जबकि दूसरे दिन गुरुवार को गम्भीर मात्र 11 और सहवाग सात रनों पर पैवेलियन लौट गए।
ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाली एक-दिवसीय शृंखला के शुरुआती तीन मैचों के लिए टीम का चयन हो चुका है और बाकी के चार मैचों के लिए टीम का चयन रांची में होने वाले तीसरे मुकाबले के बाद किया जाएगा।
वेस्टइंडीज के साथ जारी शृंखला के बाद वापसी की उम्मीद लगाए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का बड़ा मौका नहीं मिलने वाला है। इस लिहाज से गम्भीर और जहीर ने एक बड़ा मौका गंवा दिया है।
जहां तक सहवाग की बात है तो वह अब अपने नियमित क्रम की बजाय पांचवें और छठे क्रम पर खेल रहे हैं। चैलेंजर ट्रॉफी में सहवाग ने इंडिया ब्ल्यू के खिलाफ अर्द्धशतक लगाया था। उस पारी में उनके बल्ले की चमक दिखी थी, लेकिन इसके बाद वह आठ और पांच रन ही बना सके थे।
चैलेंजर ट्रॉफी और जिम्बाब्वे दौरे पर जा चुके कई खिलाड़ियों को इस बार भारतीय टीम में मौका मिला है। वापसी की चाह रखने वालों के लिए टीम के दरवाजे हमेशा खुले हैं लेकिन उस दरवाजे पर कौन सबसे तेज दस्तक देता है, यह मायने रखता है।
जहीर, गम्भीर और सहवाग को भारतीय टीम से बाहर हुए लम्बा वक्त हो चुका है। अब तो टीम इनके बिना जीतना भी सीख चुकी है। गम्भीर का स्थान रोहित शर्मा ने भर दिया है और सहवाग की जगह शिखर धवन ने ले ली है।
जहां तक जहीर की बात है तो वह विदेशी परिस्थितियों में आज भी भारत के सबसे अच्छे गेंदबाज हैं। वह भुवनेश्वर कुमार जैसे सीम गेंदबाज के साथ खतरनाक जोड़ी बना सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए जहीर के नाम पर विचार किया जा सकता है लेकिन अपने लिए मौके बनाए बिना जहीर वापसी की अपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि कई युवा और होनहार गेंदबाज इन दिनों भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
विश्व कप को देखते हुए युवाओं को जिस तरह से तरजीह दी जा रही है, उसे देखते हुए तो बिना अच्छा खेले, जहीर के लिए मौका पाना बेहद मुश्किल लग रहा है।
उम्मीद की जा रही थी कि गम्भीर, जहीर और सहवाग ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाली सात मैचों की एक-दिवसीय शृंखला के अंत के चार मैचों के लिए वापसी करने में सफल रहेंगे, लेकिन फिलहाल गम्भीर और जहीर के लिए इसकी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
शिमोगा में वेस्टइंडीज-ए के साथ जारी चार दिवसीय अनाधिकारिक टेस्ट मैच के पहले दिन जहीर गेंदबाजी करते हुए 20 ओवरों मे एक विकेट हासिल कर सके जबकि दूसरे दिन गुरुवार को गम्भीर मात्र 11 और सहवाग सात रनों पर पैवेलियन लौट गए।
ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाली एक-दिवसीय शृंखला के शुरुआती तीन मैचों के लिए टीम का चयन हो चुका है और बाकी के चार मैचों के लिए टीम का चयन रांची में होने वाले तीसरे मुकाबले के बाद किया जाएगा।
वेस्टइंडीज के साथ जारी शृंखला के बाद वापसी की उम्मीद लगाए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का बड़ा मौका नहीं मिलने वाला है। इस लिहाज से गम्भीर और जहीर ने एक बड़ा मौका गंवा दिया है।
जहां तक सहवाग की बात है तो वह अब अपने नियमित क्रम की बजाय पांचवें और छठे क्रम पर खेल रहे हैं। चैलेंजर ट्रॉफी में सहवाग ने इंडिया ब्ल्यू के खिलाफ अर्द्धशतक लगाया था। उस पारी में उनके बल्ले की चमक दिखी थी, लेकिन इसके बाद वह आठ और पांच रन ही बना सके थे।
चैलेंजर ट्रॉफी और जिम्बाब्वे दौरे पर जा चुके कई खिलाड़ियों को इस बार भारतीय टीम में मौका मिला है। वापसी की चाह रखने वालों के लिए टीम के दरवाजे हमेशा खुले हैं लेकिन उस दरवाजे पर कौन सबसे तेज दस्तक देता है, यह मायने रखता है।
जहीर, गम्भीर और सहवाग को भारतीय टीम से बाहर हुए लम्बा वक्त हो चुका है। अब तो टीम इनके बिना जीतना भी सीख चुकी है। गम्भीर का स्थान रोहित शर्मा ने भर दिया है और सहवाग की जगह शिखर धवन ने ले ली है।
जहां तक जहीर की बात है तो वह विदेशी परिस्थितियों में आज भी भारत के सबसे अच्छे गेंदबाज हैं। वह भुवनेश्वर कुमार जैसे सीम गेंदबाज के साथ खतरनाक जोड़ी बना सकते हैं।
दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए जहीर के नाम पर विचार किया जा सकता है लेकिन अपने लिए मौके बनाए बिना जहीर वापसी की अपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि कई युवा और होनहार गेंदबाज इन दिनों भारतीय टीम का दरवाजा खटखटा रहे हैं।
विश्व कप को देखते हुए युवाओं को जिस तरह से तरजीह दी जा रही है, उसे देखते हुए तो बिना अच्छा खेले, जहीर के लिए मौका पाना बेहद मुश्किल लग रहा है।
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