
विराट कोहली एक के बाद एक सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड तोड़ते जा रहे हैं (फाइल फोटो)
Quick Take
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विराट कोहली ने पुणे वनडे में सचिन के एक रिकॉर्ड की बराबरी की
वनडे के नियमित कप्तानी वाले पहले ही मैच में उन्होंने कमाल कर दिया
विराट एंड टीम ने इंग्लैंड पर वनडे सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है
करीबी कम होने से होता है फायदा...
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बात की शुरुआत जीवन में समय प्रबंधन और दोस्तों की संख्या को लेकर की. उन्होंने अपनी सफलता का राज बताते हुए कहा कि इसका एक बड़ा कारण उनकी जिंदगी में ‘ज्यादा करीबी लोगों' का नहीं होना है. विराट कोहली की मानें, तो इससे जीवन और खेल दोनों में रुकावट पैदा होती है और व्यक्ति अपना ध्यान अपने मुख्य काम पर नहीं लगा पाता. इस मायने में विराट कोहली महान सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी (MS Dhoni) के करीब नजर आते हैं. वास्तव में सचिन भी ज्यादातर अपने खेल पर फोकस करते थे. टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों में से एक एमएस धोनी भी अपने काम से काम रखने के लिए जाने जाते हैं. अब विराट कोहली ने भी सफलता का मर्म समझ लिया है और कुछ ऐसा ही फंडा अपना रहे हैं... (टीम इंडिया की जीत में इस खिलाड़ी की चर्चा रही अधूरी, विराट कोहली और केदार जाधव ने लूटी महफिल!)

सचिन तेंदुलकर के साथ हमेशा होने वाली तुलना को लेकर विराट कोहली ने जब भी बात की है, तो इसे सही नहीं बताया है और हमेशा कहा है कि सचिन के जितना हासिल करना नामुमकिन है. विराट कोहली खुद भी सचिन को अपना आदर्श मानते रहे हैं, कोहली ने तो यहां तक कहा कि सचिन के जितना लंबे समय तक खेलना ही संभवतः उनके बस की बात नहीं रहेगी, फिर सारे रिकॉर्ड तोड़ने की बात तो अलग है. (कोहली की “विराट” पारियों से ही टीम इंडिया ने जीते हैं सबसे बड़े लक्ष्य वाले यह 3 मैच...)
सचिन के रिकॉर्ड को हासिल करना लगभग असंभव
विराट कोहली ने सचिन से तुलना पर कहा, ‘मैं शायद इतने लंबे (लगभग 24 वर्षों) समय तक नहीं खेलूं. 200 टेस्ट, 100 इंटरनेशनल शतक. यह एक शानदार संख्या है और इसे हासिल करना असंभव होगा, लेकिन हां, मैं इसमें अंतर पैदा करना चाहता हूं. मैं हमेशा मानता हूं कि मुझे खेल को बेहतर तरीके से छोड़ना होगा. ’
इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज 1-0 से लीड लेने के बाद कप्तान विराट कोहली ने बीसीसीआई.टीवी को इंटरव्यू देते समय कई बातें कीं. उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन से कहा, ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मेरे जीवन में ज्यादा ऐसे लोग नहीं हैं जिनके मैं ज्यादा करीब हूं या जो मेरे ज्यादा करीब हैं. लगता है कि मुझे इससे काफी मदद मिलती है. यदि आपके जीवन में काफी दोस्त होते हैं, तो आप उनसे काफी बातें करते हैं और आपका ध्यान भंग होता है और आपका समय प्रबंधन भी अंसभव बन जाता है.’ (क्या बुमराह की बीमर गेंद को लेकर अंपायर से हुई गलती! जानिए क्या है ICC का नियम...)
विराट कोहली ने अपनी सफलता के पीछे की चीजों के बारे में कहा कि वह खुद पर बंधन नहीं लगाते. साथ ही चीजों को संतुलित करके आगे बढ़ने में यकीन रखते हैं. विराट ने कहा, 'मुझे लगता है कि बतौर खिलाड़ी, हम सबसे पहले खुद को सीमित कर देते हैं, जबकि हमें नहीं पता होता कि हम कितना कुछ कर सकते हैं. यह ऐसी चीज है जिस पर मैं कभी सीमा नहीं लगाता. यहां तक कि समय प्रबंधन में भी, जिस दिन मैं थोड़ा थक जाता हूं, उसी दिन चीजों को कम करना शुरू कर देता हूं. मैं कभी भी उन चीजों पर सीमाएं नहीं लगाता, जिन्हें मैं जिंदगी में करना चाहता हूं.’
कोहली ने आगे कहा, ‘आपको एक अच्छा संतुलन बनाना होता है और आगे बढ़ना होता है. अब तक यह सही चल रहा है. अब मैं कह सकता हूं कि अभी मैं संतुलन बनाए हुए हूं.’
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