
विराट कोहली ने साझा किया अपनी फिटनेस का राज
नई दिल्ली:
आजकल हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर जिस खिलाड़ी का नाम है वो है टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली. मैदान पर उनकी क्षमताओं को बयां करने के लिए कमेंटेटरों के पास अब अक्सर शब्दों की कमी होने लगती है. चाहे बड़े स्कोर बनाने की बात हो या सफलतापूर्वक टीम इंडिया की कप्तानी करने की, कोहली ऐसे ऐसे काम कर रहे हैं जो लोगों को हैरान होने पर मजबूर कर रहे हैं.
28 वर्षीय कोहली न केवल बल्लेबाजी में बल्कि मैदान पर फिटनेस के मामले में भी लगातार नए मानक स्थापित कर रहे हैं. टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर शंकर बसु कोहली को टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच से भी ज्यादा फिट करार देते हैं. 
जिनलोगों ने विराट कोहली को जूनियर क्रिकेट के दिनों से खेलते देखा है, वो जानते हैं कि दिल्ली का यह खिलाड़ी मैदान पर सबसे ज्यादा फिट खिलाड़ियों में शामिल नहीं था. लेकिन शायद वो यह नहीं जानते कि विराट ने खुद को फिट करने और अतिरिक्त वजन कम करने के लिए क्या क्या त्याग किए हैं. विराट के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा कहते हैं कि उस वक्त मटन रोल और बटर चिकन उसकी सबसे पसंदीदा खाने की चीजें हुआ करती थीं. शर्मा ने एक क्रिकेट वेबसाइट को बताया कि जिस तरह से कोहली ने आधुनिक खेल की जरूरतों के हिसाब से खुद को बदला है, उसके वो कायल हैं. 
कोहली एक पुरानी कहावत को मानते हैं कि, 'आप वही होते हैं जो आप खाते हैं.' पिछले वर्ष दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कोहली ने लोगों को रेस्तरां जाने की बजाय घर का बना ताजा भोजन करने की सलाह दी थी. कोहली ने कहा था, 'कम ना खाएं, लेकिन घर का बना खाएं जो किसी भी समय ज्यादा बेहतर विकल्प है. 
कोहली ने एक बार खुलासा किया था कि किस तरह टीम इंडिया के पूर्व कोच डंकन फ्लेचर के तानों ने उनकी फिटनेस में अहम रोल अदा किया और बाद में उनसे हुई बातचीत से उन्हें जबरदस्त प्रेरणा मिली. पिछले वर्ष विजाग में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत के बाद 5 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल करने के बाद कोहली ने टेलीग्राफ से कहा था कि, 'डंकन ने मुझसे एक बार कहा था कि क्रिकेट पेशेवर खेलों में सबसे गैरपेशेवर है.' कोहली ने माना कि शुरुआत में सख्त दिनचर्या का पालन करना बहुत मुश्किल था. 
कोहली ने कहा, 'ये सब 2012 में बदल गया. मेरा ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहतरीन रहा और मैंने बांग्लादेश के खिलाफ 180 रन बनाए और इस सोच के साथ आईपीएल में गया कि यह मेरे लिए शानदार सीजन होने वाला है. मैं इसे अपना टूर्नामेंट बनाना चाहता था और गेंदबाजों पर हावी रहना चाहात है. लेकिन हकीकत में मुझे संघर्ष करना पड़ा. मेरी ट्रेनिंग भयानक रही, मेरा खान बहुत बुरा रहा, मैं देर तक जागता रहा और हर दिन थोड़ी शराब भी पीता रहा. तब में अभी की तुलना में 11-12 किलो भारी था, मैं सचमुच गोलमटोल था. मैंने अगली सुबह से हर चीज बदल डाली, खाने से लेकर अपनी ट्रेनिंग तक.'
28 वर्षीय कोहली न केवल बल्लेबाजी में बल्कि मैदान पर फिटनेस के मामले में भी लगातार नए मानक स्थापित कर रहे हैं. टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर शंकर बसु कोहली को टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच से भी ज्यादा फिट करार देते हैं.

जिनलोगों ने विराट कोहली को जूनियर क्रिकेट के दिनों से खेलते देखा है, वो जानते हैं कि दिल्ली का यह खिलाड़ी मैदान पर सबसे ज्यादा फिट खिलाड़ियों में शामिल नहीं था. लेकिन शायद वो यह नहीं जानते कि विराट ने खुद को फिट करने और अतिरिक्त वजन कम करने के लिए क्या क्या त्याग किए हैं. विराट के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा कहते हैं कि उस वक्त मटन रोल और बटर चिकन उसकी सबसे पसंदीदा खाने की चीजें हुआ करती थीं. शर्मा ने एक क्रिकेट वेबसाइट को बताया कि जिस तरह से कोहली ने आधुनिक खेल की जरूरतों के हिसाब से खुद को बदला है, उसके वो कायल हैं.

कोहली एक पुरानी कहावत को मानते हैं कि, 'आप वही होते हैं जो आप खाते हैं.' पिछले वर्ष दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान कोहली ने लोगों को रेस्तरां जाने की बजाय घर का बना ताजा भोजन करने की सलाह दी थी. कोहली ने कहा था, 'कम ना खाएं, लेकिन घर का बना खाएं जो किसी भी समय ज्यादा बेहतर विकल्प है.

कोहली ने एक बार खुलासा किया था कि किस तरह टीम इंडिया के पूर्व कोच डंकन फ्लेचर के तानों ने उनकी फिटनेस में अहम रोल अदा किया और बाद में उनसे हुई बातचीत से उन्हें जबरदस्त प्रेरणा मिली. पिछले वर्ष विजाग में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में जीत के बाद 5 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल करने के बाद कोहली ने टेलीग्राफ से कहा था कि, 'डंकन ने मुझसे एक बार कहा था कि क्रिकेट पेशेवर खेलों में सबसे गैरपेशेवर है.' कोहली ने माना कि शुरुआत में सख्त दिनचर्या का पालन करना बहुत मुश्किल था.

कोहली ने कहा, 'ये सब 2012 में बदल गया. मेरा ऑस्ट्रेलिया दौरा बेहतरीन रहा और मैंने बांग्लादेश के खिलाफ 180 रन बनाए और इस सोच के साथ आईपीएल में गया कि यह मेरे लिए शानदार सीजन होने वाला है. मैं इसे अपना टूर्नामेंट बनाना चाहता था और गेंदबाजों पर हावी रहना चाहात है. लेकिन हकीकत में मुझे संघर्ष करना पड़ा. मेरी ट्रेनिंग भयानक रही, मेरा खान बहुत बुरा रहा, मैं देर तक जागता रहा और हर दिन थोड़ी शराब भी पीता रहा. तब में अभी की तुलना में 11-12 किलो भारी था, मैं सचमुच गोलमटोल था. मैंने अगली सुबह से हर चीज बदल डाली, खाने से लेकर अपनी ट्रेनिंग तक.'
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