विराट कोहली ने इस साल तीनों फॉर्मेट में सबसे अधिक रन बनाए हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का बल्ला क्रिकेट के हर फॉर्मेट में धूम मचा रहा है. विराट के बल्ले से साल 2016 में कुल मिलाकर 2500 से अधिक रन निकले हैं. इनमें से 1200 से अधिक रन तो उन्होंने टेस्ट मैचों में ही बना दिए हैं, लेकिन जब गुरुवार को आईसीसी अवॉर्ड्स को दौरान उसकी टेस्ट टीम घोषित की गई तो उसमें से विराट का नाम नदारद था. यह देखकर भारतीय फैन्स को गहरी निराशा हुई. हर कोई यही सोच रहा था कि आखिर विराट से ऐसी क्या कमी रह गई कि सिलेक्टरों ने उन्हें वैश्विक टेस्ट टीम के लायक नहीं समझा, जबकि उन्होंने न केवल खुद रनों का अंबार लगाया, बल्कि कप्तान के रूप में भी 18 टेस्ट मैचों तक टीम को अजेय बनाए रखा और लगातार 5 सीरीज जीती. ऐसे में कुछ ने इसकी आलोचना भी की और नाराजगी भी जताई. अब हम आपको बता रहे हैं कि टीम के सिलेक्शन पैनल में टीम इंडिया के एक पूर्व कप्तान और टीम इंडिया के ही एक पूर्व कप्तान के होते हुए भी विराट कोहली आईसीसी की टेस्ट टीम में जगह क्यों नहीं बना सके... (पाक के शहजाद ने विराट कोहली, जो रूट का नाम लेकर रोया रोना, खूब उड़ा मजाक...)
आईसीसी की टेस्ट टीम चुनने वाले पैनल में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़, टीम इंडिया के पूर्व कोच और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान गैरी कर्स्टन के अलावा श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा भी थे और यह तीनों ही विराट के खेल के कायल हैं, ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि फिर तो विराट का नाम टेस्ट टीम में होना ही चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि इन तीनों के हाथ भी बंधे हुए थे. जी हां इन तीनों को एक नियम या यूं कहें कि उन्हें एक सीमा के भीतर ही फैसला लेना था. फिर क्या यही विराट के चयन में बाधा बन गया. आइए जानते हैं कि आखिर यह बंधन क्या था... (एक और रिकॉर्ड कर रहा अश्विन का इंतजार...)
यह रहा बड़ा कारण...
वास्तव में विराट कोहली का बल्ला वनडे और टी-20 में तो सालभर खूब गरजा, लेकिन टेस्ट में उसने महज पांच महीने पहले ही कमाल दिखाना शुरू किया था. उन्होंने पिछले लगभग छह महीने (जुलाई 2016 से दिसंबर 2016 तक) के दौरान खेली 18 टेस्ट पारियों में 1200 से अधिक रन बनाए हैं और उनका औसत प्रति पारी 67 से अधिक का रहा है, लेकिन इसमें से सितंबर के बाद का प्रदर्शन बाहर हो गया. मतलब टेस्ट टीम में चयन का जो आधार था, वह था 14 सितंबर, 2015 से 20 सितंबर 2016 के बीच बनाए गए रन. इस अवधि के दौरान विराट का बल्ला टेस्ट में उतना नहीं बोला, जितना कि इसके बाद. उन्होंने इस अवधि में 8 टेस्ट मैच खेले और लगभग 45 के औसत से 451 रन ही बनाए, जबकि उनको टक्कर दे रहे इंग्लैंड के जो रूट ने 55.30 के औसत से 1272 रन बनाए. इसी वजह से द्रविड़, संगकारा और कर्स्टन चाहकर भी नहीं चुन पाए. (पाकिस्तानी पत्रकार ने विराट कोहली की टीम को कह दिया कुछ ऐसा...) सितंबर 2016 से अब तक बेमिसाल रहे कोहली
विराट कोहली ने 20 सितंबर, 2016 से अब तक दो दोहरे शतक सहित 8 मैचो में 80.33 के एवरेज से 964 रन बनाए हैं, जबकि रूट ने इस दौरान 7 मैचों में केवल 589 रन ही बनाए हैं. विराट
कोहली इस साल तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं. कोहली ने इस साल 2595 रन बनाए हैं. उन्होंने कुल 37 मैच खेले हैं, जिनमें 7 शतक और 13 फिफ्टी लगाई हैं. उनका बेस्ट 235 रन रहा. कोहली के बाद दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के जो रूट हैं, जिन्होंने 41 मैच खेलकर 2570 रन बनाए हैं.
कोहली एक बार भी नहीं, जबकि सचिन, धोनी, सहवाग तीन बार रहे शामिल
विराट कोहली ICC टेस्ट टीम में एक बार भी जगह नहीं बना पाए हैं, जबकि उनके साथी आर अश्विन (2013, 2015, 2016) सहित वीरेंद्र सहवाग (2005, 2008, 2010), सचिन तेंदुलकर (2009, 2010, 2011) और एमएस धोनी (2009, 2010, 2013) तीन बार इसमें चुने जा चुके हैं.
आईसीसी की वनडे टीम के बने कप्तान
अपनी वनडे टीम में आईसीसी ने टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली को कप्तानी की जिम्मेदारी दी है, वहीं इसमें टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर रोहित शर्मा भी शामिल किए गए हैं. हालांकि इन दोनों के अलावा टीम इंडिया से कोई भी खिलाड़ी इसमें जगह नहीं बना सका है. यहां तक कि टीम इंडिया के वर्तमान वनडे कप्तान एमएस धोनी भी इसमें नहीं हैं.
आईसीसी की टेस्ट टीम चुनने वाले पैनल में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़, टीम इंडिया के पूर्व कोच और दक्षिण अफ्रीका के कप्तान गैरी कर्स्टन के अलावा श्रीलंका के महान बल्लेबाज कुमार संगकारा भी थे और यह तीनों ही विराट के खेल के कायल हैं, ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि फिर तो विराट का नाम टेस्ट टीम में होना ही चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि इन तीनों के हाथ भी बंधे हुए थे. जी हां इन तीनों को एक नियम या यूं कहें कि उन्हें एक सीमा के भीतर ही फैसला लेना था. फिर क्या यही विराट के चयन में बाधा बन गया. आइए जानते हैं कि आखिर यह बंधन क्या था... (एक और रिकॉर्ड कर रहा अश्विन का इंतजार...)
यह रहा बड़ा कारण...
वास्तव में विराट कोहली का बल्ला वनडे और टी-20 में तो सालभर खूब गरजा, लेकिन टेस्ट में उसने महज पांच महीने पहले ही कमाल दिखाना शुरू किया था. उन्होंने पिछले लगभग छह महीने (जुलाई 2016 से दिसंबर 2016 तक) के दौरान खेली 18 टेस्ट पारियों में 1200 से अधिक रन बनाए हैं और उनका औसत प्रति पारी 67 से अधिक का रहा है, लेकिन इसमें से सितंबर के बाद का प्रदर्शन बाहर हो गया. मतलब टेस्ट टीम में चयन का जो आधार था, वह था 14 सितंबर, 2015 से 20 सितंबर 2016 के बीच बनाए गए रन. इस अवधि के दौरान विराट का बल्ला टेस्ट में उतना नहीं बोला, जितना कि इसके बाद. उन्होंने इस अवधि में 8 टेस्ट मैच खेले और लगभग 45 के औसत से 451 रन ही बनाए, जबकि उनको टक्कर दे रहे इंग्लैंड के जो रूट ने 55.30 के औसत से 1272 रन बनाए. इसी वजह से द्रविड़, संगकारा और कर्स्टन चाहकर भी नहीं चुन पाए. (पाकिस्तानी पत्रकार ने विराट कोहली की टीम को कह दिया कुछ ऐसा...)
जो रूट और विराट कोहली के बीच सालभर रनों को लेकर कड़ी टक्कर रही (फाइल फोटो)
विराट कोहली ने 20 सितंबर, 2016 से अब तक दो दोहरे शतक सहित 8 मैचो में 80.33 के एवरेज से 964 रन बनाए हैं, जबकि रूट ने इस दौरान 7 मैचों में केवल 589 रन ही बनाए हैं. विराट
कोहली इस साल तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं. कोहली ने इस साल 2595 रन बनाए हैं. उन्होंने कुल 37 मैच खेले हैं, जिनमें 7 शतक और 13 फिफ्टी लगाई हैं. उनका बेस्ट 235 रन रहा. कोहली के बाद दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के जो रूट हैं, जिन्होंने 41 मैच खेलकर 2570 रन बनाए हैं.
कोहली एक बार भी नहीं, जबकि सचिन, धोनी, सहवाग तीन बार रहे शामिल
विराट कोहली ICC टेस्ट टीम में एक बार भी जगह नहीं बना पाए हैं, जबकि उनके साथी आर अश्विन (2013, 2015, 2016) सहित वीरेंद्र सहवाग (2005, 2008, 2010), सचिन तेंदुलकर (2009, 2010, 2011) और एमएस धोनी (2009, 2010, 2013) तीन बार इसमें चुने जा चुके हैं.
आईसीसी की वनडे टीम के बने कप्तान
अपनी वनडे टीम में आईसीसी ने टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली को कप्तानी की जिम्मेदारी दी है, वहीं इसमें टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर रोहित शर्मा भी शामिल किए गए हैं. हालांकि इन दोनों के अलावा टीम इंडिया से कोई भी खिलाड़ी इसमें जगह नहीं बना सका है. यहां तक कि टीम इंडिया के वर्तमान वनडे कप्तान एमएस धोनी भी इसमें नहीं हैं.
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