विराट कोहली और एमएस धोनी शुरुआती 21 टेस्ट में जीत के मामले में बराबरी पर हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टेस्ट मैचों में विराट कोहली ने जब से टीम इंडिया की कप्तानी संभाली है, टीम का प्रदर्शन निरंतर प्रभावी होता जा रहा है. इंग्लैंड के खिलाफ ही नहीं इससे पहले की चार सीरीज में भी टीम ने चढ़कर खेल दिखाया और श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड जैसी टीमों को धूल चटा दी. इतना ही नहीं खुद विराट कोहली ने आगे बढ़कर नेतृत्व करते हुए लगातार तीन सीरीज में दोहरे शतक लगाते हुए ढेर रन बनाए और टीम को प्रेरित किया. कोहली जिस प्रकार से खेल रहे हैं उससे अब एक बार फिर वनडे और टी-20 की कप्तानी धोनी से छीनकर उनको दिए जाने की मांग जोर पकड़ सकती है.
वास्तव में जब एमएस धोनी टेस्ट कप्तान थे, तो वह खुद भी बल्ले से कमाल नहीं कर पा रहे थे. उनकी कप्तानी के अंतिम दौर में टीम लगातार हार रही थी. ऐसे में टीम का मोरल नीचे जा रहा था, जिसे विराट ने अपनी कप्तानी में ऊंचा उठाया. यह अलग बात है कि धोनी के योगदान को कहीं से कमतर नहीं आंका जा सकता. विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने 21 टेस्ट खेल लिए हैं. हम आपको धोनी के कप्तान के रूप में पहले 21 टेस्ट मैचों और कोहली के 21 मैचों में प्रदर्शन की तुलना के माध्यम से बता रहे हैं कि कौन बेहतर रहा... (अश्विन कप्तान विराट कोहली की बुराई करने पर जेम्स एंडरसन से भिड़े, फिर कोहली बने शांतिदूत...)
कप्तान के रूप में जीत...
शुरुआत के मामले में तो महेंद्र सिंह धोनी भी कहीं से कम नहीं थे. जी हां, धोनी ने कप्तान के रूप में अपने शुरुआती 21 टेस्ट मैचों में से 13 जीते थे, दो हारे थे और छह टेस्ट ड्रॉ रहे थे. विराट कोहली के नाम भी अब तक 21 मैचों में 13 जीत, छह ड्रॉ और दो हार हैं. मतलब यहां धोनी और कोहली बराबरी पर हैं. हां, यह अलग बात है कि कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहली लगातार 5 सीरीज जीतने का रिकॉर्ड बना दिया है, जो अब से पहले कभी नहीं हुआ था. इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड टेस्ट में मिली जीत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की निर्णायक जीत रही और कुल 13वीं जीत रही. (अब पाकिस्तान के इंजमाम उल हक ने विराट कोहली की आलोचना पर एंडरसन को आड़े हाथों लिया...)
वैसे धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की है, जिनमें 27 जीत, 18 हार मिलीं और 15 टेस्ट ड्रॉ रहे थे. जब विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया 60 मैच खेल लेगी, तो ही इस मामले में उनकी तुलना धोनी से की जा सकेगी.
इंग्लैंड के खिलाफ काफी भारी हैं कोहली...
इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन को देखें, तो धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को साल 2012 में अपनी ही धरती पर और साल 2014 में इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि इस बार इंग्लैंड को विराट की सेना ने 3-0 से धूल चटा दी है और यह स्कोर 4-0 होने की पूरी संभावना है. यदि पहले 21 टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन की बात करें, तो धोनी ने शुरुआती 21 मैचों में से इंग्लैंड के खिलाफ केवल दो टेस्ट खेले थे. इनमें उन्हें एक जीत और एक हार मिली थी, जबकि विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान सीरीज में ही 4 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन जीते हैं और एक मैच ड्रॉ रहा है. (तूफानी क्रिस गेल ने विराट कोहली के बारे में कहा, अभी तो आपने कुछ भी नहीं देखा है, आगे-आगे देखो... )
बल्ले से कमाल...
कप्तान के रूप में जीत के मामले में एमएस धोनी और विराट कोहली के बीच बराबरी का मुकाबला है, लेकिन कप्तान के रूप में बल्ले से कमाल के मामले में विराट कोहली से धोनी मीलों पीछे हैं. बतौर कप्तान शुरुआती 21 मैचों में जहां महेंद्र सिंह धोनी ने 1324 रन बनाए थे, वहीं विराट कोहली ने इतने ही टेस्ट में 2096 रन बना लिए हैं.
सर्वोच्च स्कोर में भी धोनी पिछड़े
टेस्ट में कप्तान के रूप में धोनी पहले 21 टेस्ट में एमएस धोनी का बेस्ट स्कोर 132 रन नाबाद था, जबकि विराट कोहली का सर्वोच्च स्कोर 235 रन है, जो उन्होंने मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया है. इस पारी के साथ विराट ने टीम इंडिया के कप्तान के रूप में सर्वोच्च स्कोर को भी पीछे छोड़ दिया. धोनी ने साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 224 रन बनाए थे, जो अब तक टॉप स्कोर था. धोनी कप्तान के रूप में एक ही शतक लगा पाए थे, जबकि विराट ने तीन दोहरे शतक जड़ दिए हैं. धोनी-कोहली के अलावा सचिन तेंदुलकर (217 रन, बनाम न्यूजीलैंड 1999) और सुनील गावस्कर (205 रन, बनाम इंडीज 1978) ने भी टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर दोहरा शतक बनाया था.
विराट का फॉर्म देख धोनी की वनडे कप्तानी पर आ सकता है संकट
एमएस धोनी को वनडे और टी-20 की कप्तानी से हटाने की मांग समय-समय पर होती रही है. विराट कोहली ने साल 2016 में जिस तरह का खेल कप्तान के परिपक्वता दिखाई है, उससे यह मांग और जोर पकड़ सकती है. वैसे भी खिलाड़ी के रूप में भी धोनी पिछले समय से अपनी छवि के अनुरूप नहीं खेल पाए हैं और कई अवसरों पर मैच फिनिश करने से भी चूक गए, जिससे टीम इंडिया अंतिम पलों में हार गई. विराट ने इस साल टेस्ट, वनडे और टी-20 में कुल मिलाकर 2000 से ज्यादा रन बनाए हैं. उन्होंने इस साल 10 वनडे में 740 रन (तीन शतक और चार अर्धशतक), टी20 में 15 मैचों में 641 रन (7 अर्धशतक) और 11 टेस्ट में 1200 के लगभग रन बनाए हैं. विराट ने इस साल 16 आईपीएल मैचों में 973 रन भी बनाए हैं. इस टूर्नामेंट में उन्होंने सात अर्धशतक और चार शतक भी लगाए हैं. इस तरह से कुल मिलाकर विराट ने अभी तक इस साल 52 मैच खेले और 86.63 के औसत से 3465 रन बनाए हैं.
विराट कोहली के इन उपलब्धियों को देखने के बाद कोई भी धोनी की कप्तानी पर सवाल उठा सकता है और चयनकर्ता उन्हें हटाने पर मजबूर हो सकते हैं. हालांकि खिलाड़ी के रूप में वह अब भी काफी योगदान दे सकते हैं, लेकिन उनकी फिनिशिंग क्षमता पर सवाल हैं. हाल ही की न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तहत दिल्ली वनडे में धोनी जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब मैच भारत के हाथ में था, लेकिन धोनी ने धीमी बल्लेबाजी करते हुए 65 गेंदों में 39 रन बनाए. आखिरकार भारत यह मैच छह रन से हार गया था. जून 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टी-20 मैच में धोनी ने 17 गेंदों का सामना करते हुए 19 रन बनाए थे और भारत यह मैच सिर्फ दो रन से हार गया था. ऐसे ही कई और मैच रहे जिनमें धोनी का बल्ला जीत नहीं दिला पाया, जबकि कोहली ने लक्ष्य पीछा करते समय कई जीत दिलाई, तो फिर धोनी की कप्तानी पर सवाल तो उठने ही हैं... अब यदि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, तो मामला गंभीर हो सकता है...
वास्तव में जब एमएस धोनी टेस्ट कप्तान थे, तो वह खुद भी बल्ले से कमाल नहीं कर पा रहे थे. उनकी कप्तानी के अंतिम दौर में टीम लगातार हार रही थी. ऐसे में टीम का मोरल नीचे जा रहा था, जिसे विराट ने अपनी कप्तानी में ऊंचा उठाया. यह अलग बात है कि धोनी के योगदान को कहीं से कमतर नहीं आंका जा सकता. विराट की कप्तानी में टीम इंडिया ने 21 टेस्ट खेल लिए हैं. हम आपको धोनी के कप्तान के रूप में पहले 21 टेस्ट मैचों और कोहली के 21 मैचों में प्रदर्शन की तुलना के माध्यम से बता रहे हैं कि कौन बेहतर रहा... (अश्विन कप्तान विराट कोहली की बुराई करने पर जेम्स एंडरसन से भिड़े, फिर कोहली बने शांतिदूत...)
कप्तान के रूप में जीत...
शुरुआत के मामले में तो महेंद्र सिंह धोनी भी कहीं से कम नहीं थे. जी हां, धोनी ने कप्तान के रूप में अपने शुरुआती 21 टेस्ट मैचों में से 13 जीते थे, दो हारे थे और छह टेस्ट ड्रॉ रहे थे. विराट कोहली के नाम भी अब तक 21 मैचों में 13 जीत, छह ड्रॉ और दो हार हैं. मतलब यहां धोनी और कोहली बराबरी पर हैं. हां, यह अलग बात है कि कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहली लगातार 5 सीरीज जीतने का रिकॉर्ड बना दिया है, जो अब से पहले कभी नहीं हुआ था. इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड टेस्ट में मिली जीत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की निर्णायक जीत रही और कुल 13वीं जीत रही. (अब पाकिस्तान के इंजमाम उल हक ने विराट कोहली की आलोचना पर एंडरसन को आड़े हाथों लिया...)
वैसे धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की है, जिनमें 27 जीत, 18 हार मिलीं और 15 टेस्ट ड्रॉ रहे थे. जब विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया 60 मैच खेल लेगी, तो ही इस मामले में उनकी तुलना धोनी से की जा सकेगी.
इंग्लैंड के खिलाफ काफी भारी हैं कोहली...
इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन को देखें, तो धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को साल 2012 में अपनी ही धरती पर और साल 2014 में इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि इस बार इंग्लैंड को विराट की सेना ने 3-0 से धूल चटा दी है और यह स्कोर 4-0 होने की पूरी संभावना है. यदि पहले 21 टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ प्रदर्शन की बात करें, तो धोनी ने शुरुआती 21 मैचों में से इंग्लैंड के खिलाफ केवल दो टेस्ट खेले थे. इनमें उन्हें एक जीत और एक हार मिली थी, जबकि विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में इंग्लैंड के खिलाफ वर्तमान सीरीज में ही 4 टेस्ट खेले हैं, जिनमें से तीन जीते हैं और एक मैच ड्रॉ रहा है. (तूफानी क्रिस गेल ने विराट कोहली के बारे में कहा, अभी तो आपने कुछ भी नहीं देखा है, आगे-आगे देखो... )
बल्ले से कमाल...
कप्तान के रूप में जीत के मामले में एमएस धोनी और विराट कोहली के बीच बराबरी का मुकाबला है, लेकिन कप्तान के रूप में बल्ले से कमाल के मामले में विराट कोहली से धोनी मीलों पीछे हैं. बतौर कप्तान शुरुआती 21 मैचों में जहां महेंद्र सिंह धोनी ने 1324 रन बनाए थे, वहीं विराट कोहली ने इतने ही टेस्ट में 2096 रन बना लिए हैं.
सर्वोच्च स्कोर में भी धोनी पिछड़े
टेस्ट में कप्तान के रूप में धोनी पहले 21 टेस्ट में एमएस धोनी का बेस्ट स्कोर 132 रन नाबाद था, जबकि विराट कोहली का सर्वोच्च स्कोर 235 रन है, जो उन्होंने मुंबई टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया है. इस पारी के साथ विराट ने टीम इंडिया के कप्तान के रूप में सर्वोच्च स्कोर को भी पीछे छोड़ दिया. धोनी ने साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में 224 रन बनाए थे, जो अब तक टॉप स्कोर था. धोनी कप्तान के रूप में एक ही शतक लगा पाए थे, जबकि विराट ने तीन दोहरे शतक जड़ दिए हैं. धोनी-कोहली के अलावा सचिन तेंदुलकर (217 रन, बनाम न्यूजीलैंड 1999) और सुनील गावस्कर (205 रन, बनाम इंडीज 1978) ने भी टीम इंडिया के कप्तान के तौर पर दोहरा शतक बनाया था.
विराट का फॉर्म देख धोनी की वनडे कप्तानी पर आ सकता है संकट
एमएस धोनी को वनडे और टी-20 की कप्तानी से हटाने की मांग समय-समय पर होती रही है. विराट कोहली ने साल 2016 में जिस तरह का खेल कप्तान के परिपक्वता दिखाई है, उससे यह मांग और जोर पकड़ सकती है. वैसे भी खिलाड़ी के रूप में भी धोनी पिछले समय से अपनी छवि के अनुरूप नहीं खेल पाए हैं और कई अवसरों पर मैच फिनिश करने से भी चूक गए, जिससे टीम इंडिया अंतिम पलों में हार गई. विराट ने इस साल टेस्ट, वनडे और टी-20 में कुल मिलाकर 2000 से ज्यादा रन बनाए हैं. उन्होंने इस साल 10 वनडे में 740 रन (तीन शतक और चार अर्धशतक), टी20 में 15 मैचों में 641 रन (7 अर्धशतक) और 11 टेस्ट में 1200 के लगभग रन बनाए हैं. विराट ने इस साल 16 आईपीएल मैचों में 973 रन भी बनाए हैं. इस टूर्नामेंट में उन्होंने सात अर्धशतक और चार शतक भी लगाए हैं. इस तरह से कुल मिलाकर विराट ने अभी तक इस साल 52 मैच खेले और 86.63 के औसत से 3465 रन बनाए हैं.
विराट कोहली के इन उपलब्धियों को देखने के बाद कोई भी धोनी की कप्तानी पर सवाल उठा सकता है और चयनकर्ता उन्हें हटाने पर मजबूर हो सकते हैं. हालांकि खिलाड़ी के रूप में वह अब भी काफी योगदान दे सकते हैं, लेकिन उनकी फिनिशिंग क्षमता पर सवाल हैं. हाल ही की न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के तहत दिल्ली वनडे में धोनी जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब मैच भारत के हाथ में था, लेकिन धोनी ने धीमी बल्लेबाजी करते हुए 65 गेंदों में 39 रन बनाए. आखिरकार भारत यह मैच छह रन से हार गया था. जून 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टी-20 मैच में धोनी ने 17 गेंदों का सामना करते हुए 19 रन बनाए थे और भारत यह मैच सिर्फ दो रन से हार गया था. ऐसे ही कई और मैच रहे जिनमें धोनी का बल्ला जीत नहीं दिला पाया, जबकि कोहली ने लक्ष्य पीछा करते समय कई जीत दिलाई, तो फिर धोनी की कप्तानी पर सवाल तो उठने ही हैं... अब यदि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, तो मामला गंभीर हो सकता है...
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