
ईशांत शर्मा (फाइल फोटो)
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ईशांत शर्मा अब भी अपनी गेंदबाजी के बारे क्यों सीख रहा है जबकि उसे तेज गेंदबाजी आक्रमण का गैरविवादित मुखिया होना चाहिए था। ईशांत ने श्रीलंका के खिलाफ हाल में समाप्त हुई श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन अपने 65 टेस्ट मैच के करियर में उन्हें उतार चढ़ाव से गुजरना पड़ा।
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भारत की राष्ट्रीय टीम के गेंदबाजी कोच भी रह चुके प्रसाद ने कहा कि यह मेरी समझ से बाहर है। वह लंबे समय से खेल रहा है और अब भी अपनी गेंदबाजी को समझ रहा है। उसे निसंदेह भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण का अगुआ होना चाहिए। उसे न सिर्फ लगातार गेंदबाजी की अगुवाई करनी चाहिए बल्कि टीम के अन्य तेज गेंदबाजों में भी आत्मविश्वास भरना चाहिए। ’’
ईशांत ने भले ही 200 टेस्ट विकेट पूरे करने के लिये भारत के चौथे तेज गेंदबाज बन गये हैं लेकिन उनका औसत 36 . 51 है। वनडे में उनका प्रदर्शन इससे बेहतर है जिसमें उन्होंने 76 मैचों में 31 . 51 की औसत से 106 विकेट लिये हैं। भारत की तरफ से 33 टेस्ट और 161 वनडे खेलने वाले प्रसाद ने कहा कि ईशांत लंबे समय से टीम के साथ है। अनुभव को देखते हुए उसे बेपरवाह गेंदबाजी करनी चाहिए।
उसे अपनी योग्यता पर बहुत अधिक विश्वास होना चाहिए लेकिन मुझे लगातार ऐसा नहीं दिखता है। यदि आप लंबे समय से खेलते तो आपको यह आत्मविश्वास दिखाने की जरूरत होती है। दूसरी बात है कि आपको अन्य गेंदबाजों में यह आत्मविश्वास भरना होता है। यह उसकी भूमिका होनी चाहिए।