वसुंधरा रजे की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी से जुड़े विवाद में अब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी घिरती जा रही हैं। ललित मोदी की इमीग्रेशन अर्ज़ी के मामले में वसुंधरा राजे ने उसका समर्थन किया था। हालांकि वसुंधरा राजे ने इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वो ललित मोदी के परिवार को तो जानती हैं लेकिन जिन दस्तावेजों की बात हो रही है, उनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
इस मामले में 2011 में वो गवाह के तौर पर रहीं। वसुंधरा ने गुपचुप तरीके से ललित मोदी की अर्ज़ी का समर्थन किया था। उस वक्त वसुंधरा राजे विपक्ष की नेता थीं।
इस मामले का खुलासा ललित मोदी के वकीलों के दल द्वारा जारी दस्तावेजों से हुआ है। इन दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख है कि राजे जो कि उस दौरान राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता थीं, वे ललित मोदी के आव्रजन आवेदन (यात्रा संबंधी दस्तावेज) के पक्ष में थीं। हालांकि इसके लिए उनकी सख्त शर्त थी कि उनका नाम भारतीय अधिकारियों के समक्ष नहीं लिया जाएगा।
राजे की गवाही के रूप में बताए जा रहे इस बयान को 18 अगस्त 2011 की तारीख में जारी किया गया था। इसके मुताबिक, 'गवाही के रूप में दिए जा रहे इस बयान का इस्तेमाल केवल उसी उद्देश्य से किया जाएगा, जिसका इसमें वर्णन है और इसे जारी करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।'
यह पत्र उस ई-मेल का हिस्सा है जिसे सोमवार की रात ललित मोदी को वकील महमूद अब्दी द्वारा काम में लगाई गई एक जनसंपर्क फर्म ने एक निजी चैनल को भेजा है।
पूर्व में ललित मोदी जो कि तब राजस्थान क्रिकेट एसोशिएशन के प्रमुख थे, के वसुंधरा राजे से काफी अच्छे संबंध थे।
हालांकि एनडीटीवी स्वतंत्र रूप से इन दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
ताजा विवाद रविवार को तब पैदा हुआ जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की ब्रिटिश यात्रा संबंधी दस्तावेज हासिल करने में तब मदद की थी जबकि उनका पासपोर्ट भ्रष्टाचार के मामले की जांच के सिलसिले में भारतीय अधिकारियों ने जब्त कर रखा था।
वसुंधरा राजे ने पल्ला झाड़ा
ललित मोदी विवाद से नाम जोड़े जाने पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दस्तावेज से दूरी बनाने की कोशिश की जिसमें कथित तौर पर उन्हें ब्रिटेन में पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की आव्रजन अर्जी का समर्थन करते हुए दिखाया गया है। राजे ने कहा, ‘जाहिर तौर पर मैं परिवार को जानती हूं। मैं हमेशा से उन्हें जानती हूं। लेकिन मुझे नहीं पता कि वे किन दस्तावेजों के बारे में बात कर रहे हैं।’ जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ यह मीडिया ट्रायल तो नहीं हो रहा तो उन्होंने कहा, ‘इसका फैसला आप लोग करेंगे।’
उधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'वसुंधरा राजे के पास इस्तीफे के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।'
(इनपुट एजेंसी से भी)
इस मामले में 2011 में वो गवाह के तौर पर रहीं। वसुंधरा ने गुपचुप तरीके से ललित मोदी की अर्ज़ी का समर्थन किया था। उस वक्त वसुंधरा राजे विपक्ष की नेता थीं।
इस मामले का खुलासा ललित मोदी के वकीलों के दल द्वारा जारी दस्तावेजों से हुआ है। इन दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख है कि राजे जो कि उस दौरान राजस्थान विधानसभा में विपक्ष की नेता थीं, वे ललित मोदी के आव्रजन आवेदन (यात्रा संबंधी दस्तावेज) के पक्ष में थीं। हालांकि इसके लिए उनकी सख्त शर्त थी कि उनका नाम भारतीय अधिकारियों के समक्ष नहीं लिया जाएगा।
राजे की गवाही के रूप में बताए जा रहे इस बयान को 18 अगस्त 2011 की तारीख में जारी किया गया था। इसके मुताबिक, 'गवाही के रूप में दिए जा रहे इस बयान का इस्तेमाल केवल उसी उद्देश्य से किया जाएगा, जिसका इसमें वर्णन है और इसे जारी करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।'
यह पत्र उस ई-मेल का हिस्सा है जिसे सोमवार की रात ललित मोदी को वकील महमूद अब्दी द्वारा काम में लगाई गई एक जनसंपर्क फर्म ने एक निजी चैनल को भेजा है।
पूर्व में ललित मोदी जो कि तब राजस्थान क्रिकेट एसोशिएशन के प्रमुख थे, के वसुंधरा राजे से काफी अच्छे संबंध थे।
हालांकि एनडीटीवी स्वतंत्र रूप से इन दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
ताजा विवाद रविवार को तब पैदा हुआ जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ललित मोदी की ब्रिटिश यात्रा संबंधी दस्तावेज हासिल करने में तब मदद की थी जबकि उनका पासपोर्ट भ्रष्टाचार के मामले की जांच के सिलसिले में भारतीय अधिकारियों ने जब्त कर रखा था।
वसुंधरा राजे ने पल्ला झाड़ा
ललित मोदी विवाद से नाम जोड़े जाने पर राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक दस्तावेज से दूरी बनाने की कोशिश की जिसमें कथित तौर पर उन्हें ब्रिटेन में पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की आव्रजन अर्जी का समर्थन करते हुए दिखाया गया है। राजे ने कहा, ‘जाहिर तौर पर मैं परिवार को जानती हूं। मैं हमेशा से उन्हें जानती हूं। लेकिन मुझे नहीं पता कि वे किन दस्तावेजों के बारे में बात कर रहे हैं।’ जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ यह मीडिया ट्रायल तो नहीं हो रहा तो उन्होंने कहा, ‘इसका फैसला आप लोग करेंगे।’
उधर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से कहा, 'वसुंधरा राजे के पास इस्तीफे के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।'
(इनपुट एजेंसी से भी)
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