
फाइल फोटो
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के वर्ल्ड चैंपियन कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी मैदान पर हों या मैदान के बाहर, अलग वजहों से सुर्खियों में जरूर बने रहते हैं। इन दिनों धोनी एयरक्राफ्ट से छलांग लगाने का कारनामा कर वाहवाही बटोर रहे हैं। कभी बाइक चलाते, कभी स्टाइल से शूटिंग करते, तो कभी जेम्स बॉन्ड की गन से निशाना लगाते, कभी फुटबॉल खेलते, तो कभी क्रिकेट में अपने फैसलों से सबको चौंकाने वाले कप्तान एमएसडी की शख्सियत के न जाने कितने अलग-अलग पहलू हैं। हैरानी की बात है कि वह अपने सभी पहलुओं में सबसे जुदा नजर आते हैं। यानी मैदान चाहे कितने भी बदल जाएं, धोनी का करिश्मा कम नहीं होता।
ज़मीन से उठकर आसमान की ऊंचाई को छूना...और आसमान की दिल दहला देने वाली ऊंचाइयों से बेखौफ़ छलांग लगाते हुए एमएसडी फिर साबित करते हैं कि वह सबसे अलग हैं।
आगरा में टेरिटोरियल आर्मी की ट्रेनिंग ले रहे टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी सुबह सात बजे पैराशूट पहनकर एयरफोर्स के एएन-32 विमान से कूदे और धीरे-धीरे ज़मीन पर आ गए। उन्हें करीब 1250 फीट की ऊंचाई से ज़मीन तक आने में 70 सेकंड का समय लगा। तेज़ हवाओं और विपरीत माहौल में भी छलांग लगाकर एमएसडी एक बार फिर अपने फ़ैन्स की आंखों के तारे बन गए।
टेरिटोरियल आर्मी में लेफ़्टिनेंट कर्नल धोनी इन दिनों हवाई जहाज़ से पैराशूट के ज़रिए कूदने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग 15 दिन तक चलनी है जो अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गई है। धोनी को अपने साथियों के साथ एक ग्रुप में छलांग लगाने का मौका मिला और वह किसी से पीछे नज़र नहीं आए।
धोनी का सेना से लगाव पुराना है और वह क्रिकेटर बनने से पहले सेना में भर्ती भी होना चाहते थे, उनके कई दोस्त भारतीय सेना में काम करते हैं। धोनी के उस्ताद और दोस्त उन्हें क्रिकेट की तरह ही कामयाबी के पूरे अंक देते हैं। धोनी के आमच् के साथी उनके स्वभाव और उनके दिलेरीपन की दाद देते हैं। धोनी एक लीडर हैं, लीडर की तरह ही व्यवहार करते हैं और मौका ढूंढकर साबित करते हैं कि क्रिकेट मैदान पर उनकी जो दिलेरी दिखती है वह तुक्का नहीं है।
ज़मीन से उठकर आसमान की ऊंचाई को छूना...और आसमान की दिल दहला देने वाली ऊंचाइयों से बेखौफ़ छलांग लगाते हुए एमएसडी फिर साबित करते हैं कि वह सबसे अलग हैं।
आगरा में टेरिटोरियल आर्मी की ट्रेनिंग ले रहे टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी सुबह सात बजे पैराशूट पहनकर एयरफोर्स के एएन-32 विमान से कूदे और धीरे-धीरे ज़मीन पर आ गए। उन्हें करीब 1250 फीट की ऊंचाई से ज़मीन तक आने में 70 सेकंड का समय लगा। तेज़ हवाओं और विपरीत माहौल में भी छलांग लगाकर एमएसडी एक बार फिर अपने फ़ैन्स की आंखों के तारे बन गए।
टेरिटोरियल आर्मी में लेफ़्टिनेंट कर्नल धोनी इन दिनों हवाई जहाज़ से पैराशूट के ज़रिए कूदने की ट्रेनिंग ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग 15 दिन तक चलनी है जो अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच गई है। धोनी को अपने साथियों के साथ एक ग्रुप में छलांग लगाने का मौका मिला और वह किसी से पीछे नज़र नहीं आए।
धोनी का सेना से लगाव पुराना है और वह क्रिकेटर बनने से पहले सेना में भर्ती भी होना चाहते थे, उनके कई दोस्त भारतीय सेना में काम करते हैं। धोनी के उस्ताद और दोस्त उन्हें क्रिकेट की तरह ही कामयाबी के पूरे अंक देते हैं। धोनी के आमच् के साथी उनके स्वभाव और उनके दिलेरीपन की दाद देते हैं। धोनी एक लीडर हैं, लीडर की तरह ही व्यवहार करते हैं और मौका ढूंढकर साबित करते हैं कि क्रिकेट मैदान पर उनकी जो दिलेरी दिखती है वह तुक्का नहीं है।
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