इंग्लैंड क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट 'लम्बे समय से चली आ रही तनाव सम्बंधी समस्या' के कारण एशेज शृंखला बीच में ही छोड़कर स्वदेश लौट गए हैं। ट्रॉट ने कहा है कि वह इस समस्या से उबरने तक अनिश्तिकाल तक के लिए क्रिकेट से ब्रेक ले रहे हैं।
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने ट्रॉट की वापसी की पुष्टि की है और साथ ही यह भी कहा है कि वह अब बाकी के मैचों के लिए ऑस्ट्रेलिया नहीं लौटेंगे।
ट्रॉट ब्रिस्बेन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में सस्ते में आउट हो गए थे। इंग्लैंड को पहले मैच में 381 रनों से करारी शिकस्त मिली थी। ट्रॉट को मिशेल जानसन ने शॉर्ट पिच गेंदों पर दोनों पारियों में आउट किया था।
ट्रॉट ने अपने बयान में कहा, "यह जानते हुए कि मैं टीम को 100 फीसदी योगदान नहीं दे पा रहा हूं, मेरे लिए इस शृंखला में खेलते रहना ठीक नहीं होता। मैं उस स्तर का प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हूं, जिस स्तर को मैंने पूर्व में छुआ है।"
"मेरा एकमात्र लक्ष्य क्रिकेट से ब्रेक लेते हुए खुद को फिर क्रिकेट के लिए तैयार करना है। मैं अपने साथियों को बाकी की शृंखला के लिए शुभकामना दे रहा हूं।"
इंग्लिश टीम प्रबंधन को इस बात की जानकारी थी कि ट्रॉट किसी तरह की मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं और इस सम्बंध में टीम निदेशक एंडी फ्लावर और ईसीबी के प्रबंध निदेशक हग मोरिस ने ब्रिस्बेन टेस्ट के दौरान ही ट्रॉट से बात की थी।
ईसीबी ने कहा है कि वह ट्रॉट की भावनाओं का सम्मान करता है और आशा करता है कि नए साल में ट्रॉट नई उम्मीद और टीम के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करेंगे।
ट्रॉट का इस तरह से एशेज छोड़कर स्वदेश लौटना 2005-06 सत्र में इंग्लैंड के ही बल्लेबाज मार्कस ट्रेस्कोथिक का भारत दौरा बीच में ही छोड़ना याद दिलाता है।
ट्रेस्कोथिक ने 2007 में एशेज के लिए इंग्लिश टीम में वापसी की थी, लेकिन बाद में उनका करियर मानसिक समस्या के कारण संक्षिप्त हो गया था। ट्रेस्कोथिक ने हालांकि इसके बाद भी काउंटी में खेलना जारी रखा है।
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