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This Article is From Sep 24, 2016

यह हैं वे पांच अविस्मरणीय दोहरे शतक जो हमेशा याद किए जाएंगे

यह हैं वे पांच अविस्मरणीय दोहरे शतक जो हमेशा याद किए जाएंगे
वीवीएस लक्ष्मण (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: टीम इंडिया अपना 500वां टेस्ट खेल रही है. 500 टेस्ट मैच खेलने में टीम को 84 साल लग गए. अगर औसत देखा जाए तो टीम साल में करीब छह टेस्ट मैच खेली है. इन 84 सालों में कई रिकॉर्ड बने. भारत के बल्लेबाज़ों ने पिछले 84 सालों में कुल मिलाकर 44 दोहरे शतक लगाए हैं. वीरेंदर सहवाग और सचिन तेंदुलकर ने छह-छह दोहरे शतक ठोके हैं. राहुल द्रविड़ ने पांच दोहरे शतक बनाए, जबकि सुनील गावस्कर ने चार दोहरे शतक अपने नाम किए हैं. भारत की तरफ से पॉली उमरीगर पहले बल्लेबाज थे, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 1955 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक ठोका था.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वीवीएस लक्ष्मण का दोहरा शतक :
वीवीएस लक्ष्मण ने अपने टेस्ट करियर में दो दोहरे शतक मारे हैं और दोनों ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे. 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में लक्ष्मण द्वारा मारा गया दोहरा शतक भारत के टेस्ट इतिहास का सबसे बेहतरीन दोहरा शतक है. ऑस्ट्रेलिया के पहले पारी में 445 रन के जवाब में टीम इंडिया सिर्फ 171 रन पर ऑल आउट हो गई थी और फॉलोऑन खेलना पड़ा था. इस तरह पहली पारी में 274 रन पीछे रहने की वजह से टीम के ऊपर काफी दबाव था. अभी तक टीम निश्चित रूप से इस मैच को हार रही थी, लेकिन वीवीएस लक्ष्मण ने दूसरी पारी में अविस्मरणीय पारी खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया की झोली से जीत छीन ली. पहली पारी में लक्ष्मण छठे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए थे, लेकिन दूसरी पारी में कप्तान सौरभ गांगुली ने उन्हें तीसरे स्थान पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा.

शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ पारी के रूप में चुना गया था :
लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों की धुलाई करते हुए मैदान के चारों तरफ शानदार शॉट्स खेलते हुए दोहरा शतक बनाया. लक्ष्मण ने दूसरी पारी में 44 चौकों की मदद से 281 रन बनाए. लक्ष्मण की पारी के 176 रन चौकों से आए. यह लक्ष्मण का टेस्ट करियर का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है. राहुल द्रविड़ और लक्ष्मण के बीच 376 रन की साझेदारी हुई. द्रविड़ ने भी शानदार खेलते हुए 180 बनाए थे. 383 रन का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 212 रन पर ऑल आउट हो गई और इस तरह वह 171 रन से मैच हार गई. हरभजन सिंह ने शानदार गेंदबाज़ी करते करते हुए दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के छह विकेट लिए थे. लक्ष्मण के इस यादगार पारी की वजह से उन्हें 'मैन ऑफ़ द मैच' चुना गया. वीवीएस लक्ष्मण के इस दोहरे शतक को शताब्दी की सर्वश्रेष्ठ पारी के रूप में चुना गया.

दिलीप सरदेसाई का दिल जीतने वाला दोहरा शतक :
यह 1965 की बात है, न्यूज़ीलैंड की टीम चार टेस्ट मैच खेलने के लिए भारत दौरा पर थी. दोनों टीमों के बीच यह तीसरा टेस्ट मैच था जो मुम्बई में खेला गया था. न्यूज़ीलैंड की पहली पारी के 297 रन के जवाब में भारत सिर्फ 88 रन पर ऑल आउट हो गया और फॉलोऑन खेला. न्यूज़ीलैंड की टीम भारतीय मैदान पर पहला टेस्ट मैच जीतने का गौरव हासिल करने के करीब थी, लेकिन सलामी बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई ने उनके सपने पर पानी फेर दिया था. दूसरी पारी में सरदेसाई शानदार बल्लेबाजी करते हुए 200 रन पर नॉटआउट रहे थे. भारत ने अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 463 पर घोषित की. न्यूज़ीलैंड ने हारते-हारते यह मैच बचा लिया. खेल ख़त्म होने तक न्यूज़ीलैंड ने दूसरी पारी में 43 ओवर खेलते हुए 80 रन पर आठ विकेट गवां दिए थे और मैच ड्रा रहा.

वेस्टइंडीज के खिलाफ गावस्कर का शानदार दोहरा शतक और भारत ने रचा इतिहास :
1971 में पांच टेस्ट मैच की सीरीज़ खेलने के लिए भारत ने वेस्टइंडीज का दौरा किया. भारत ने 1-0 सीरीज़ में बढ़त ले ली थी. यह आखिरी टेस्ट मैच था और जैसे भी हो आखिरी मैच जीतकर या ड्रॉ रखकर भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज़ जीतने का गौरव हासिल करना था. वेस्टइंडीज के क्वीन्स पार्क ओवल के मैदान पर खेले गए इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने 360 रन बनाए. वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 526 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. अब भारत को संभलकर खेलते हुए कम से कम मैच को ड्रॉ रखना था. भारत ने पहला विकेट सिर्फ 11 रन पर गवां दिया, लेकिन सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए दूसरी पारी में 220 रन ठोके और भारत का स्कोर 427 तक पहुंच गया था. भारत की दूसरे पारी के करीब 50 प्रतिशत रन गावस्कर ने बनाए थे. वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में तेजी से रन बनाकर जीतने की कोशिश ज़रूर की, लेकिन जीत नहीं पाई. मैच ड्रा रहा था. इस तरह भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहली टेस्ट सीरीज जीतने का गौरव हासिल किया. यह गावस्कर की पहली टेस्ट सीरीज थी और गावस्कर ने लाजवाब बल्लेबाजी करते हुए आठ पारियों 155 की औसत से 774 रन बनाए, जिसमें एक दोहरे शतक, तीन शतक और तीन अर्धशतक शामिल थे.

एडीलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ राहुल द्रविड़ का दोहरा शतक :
2003 में टीम इंडिया ने चार टेस्ट मैच की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया. दोनों टीमों के बीच यह दूसरा टेस्ट मैच था. पहला मैच ड्रॉ रहा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 556 रन बनाए. भारत ने 85 रन पर चार विकेट गवां दिए थे, लेकिन राहुल द्रविड़ ने एक छोर संभालते हुए 23 चौके और एक छक्के के मदद से 233 रन की शानदार पारी खेली और भारत ने अपनी पहली पारी में 523 रन बना लिए. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 196 रन पर ऑल आउट हो गई. जीतने के लिए भारत को दूसरी पारी में 230 बनाने था और छह विकेट गवां कर भारत विजय लक्ष्य तक पहुंच गया. दूसरी पारी में भी राहुल द्रविड़ 72 रन पर नॉट आउट थे.

श्रीलंका के खिलाफ वीरेंदर सहवाग का दोहरा शतक :
ऐसे तो वीरेंदर सहवाग ने टेस्ट मैचों में छह दोहरे शतक ठोके हैं, लेकिन 2009 में श्रीलंका के खिलाफ उनका दोहरा शतक सबसे बेहतरीन था. श्रीलंका के पहले पारी के 393 रन के जवाब में भारत ने पहली पारी में 726 रन का एक विशाल स्कोर खड़ा किया था और वीरेंदर सहवाग ने तेज खेलते हुए सिर्फ 254 गेंदों का सामना करते हुए 294 बनाए थे, जिसमे 40 चौके और सात छक्के शामिल थे. श्रीलंका अपनी दूसरी पारी में सिर्फ 309 पर ऑल आउट हो गई और भारत यह मैच पारी और 24 रन से जीत गया. भारत ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-0 जीत लिया.
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