
- पुजारा ने 37 वर्ष की उम्र में संन्यास की घोषणा कर अपने दस वर्षों से अधिक अंतरराष्ट्रीय करियर का अंत किया
- उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए, जिनमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं
- पुजारा को ऑस्ट्रेलिया में 2018-2020 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उनकी मजबूत डिफेंस के लिए याद किया जाता है
Top Ten Most Successful Batsman at No. 3 in Test Cricket: चेतेश्वर पुजारा ने बीते रविवार को संन्यास की घोषणा की, जिससे उनके एक दशक से भी ज़्यादा लंबे करियर का अंत हो गया. 37 वर्षीय पुजारा ने अपने 'X' हैंडल पर यह पोस्ट शेयर की. पुजारा ने 9 अक्टूबर 2010 को बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था. उन्होंने कुल 103 टेस्ट मैच खेले और 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए. पुजारा ने अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में 19 शतक और 35 अर्धशतक लगाए, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 206 रन रहा. उन्होंने पांच एकदिवसीय मैच भी खेले, जिनमें 51 रन बनाए.
पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में किया था कमाल
पुजारा को 2018 और 2020 में ऑस्ट्रेलिया में भारत की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीत के लिए सबसे ज़्यादा याद किया जाता है. उन्होंने अपने मज़बूत डिफेंस और तकनीक से ऑस्ट्रेलिया को परेशान किया. भारतीय लाल गेंद के इस दिग्गज ने चार मैचों में 74.42 की औसत, तीन शतक और एक अर्धशतक के साथ 521 रन बनाए. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 193 रन रहा.
खिलाड़ी | नंबर 3 पर रन | नंबर 3 पर औसत |
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कुमार संगकारा | 11,679 | 60.82 |
राहुल द्रविड़ | 10,524 | 52.88 |
रिकी पोंटिंग | 9,904 | 56.27 |
केन विलियमसन | 8,658 | 57.72 |
हाशिम अमला | 7,993 | 49.95 |
चेतेश्वर पुजारा | 6,529 | 44.41 |
अज़हर अली | 5,342 | 42.73 |
रिची रिचर्डसन | 4,711 | 47.11 |
रोहन कन्हाई | 4,689 | 52.68 |
डेविड बून | 4,412 | 45.48 |
गाबा टेस्ट में पुजारा ने जीता था दिल
2020-21 सीरीज़ में, पुजारा ने चार मैचों में 33.87 की औसत से 271 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक और 77 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर शामिल था. गाबा में खेले गए अंतिम टेस्ट में, उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों के कई घातक गेंद झेले, जिससे जीत और भी यादगार बन गई. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा, पुजारा घरेलू क्रिकेट के दिग्गज थे, जिन्होंने 278 प्रथम श्रेणी मैचों में 21,301 से ज़्यादा रन बनाए. उन्होंने अपने प्रथम श्रेणी करियर में 66 शतक और 81 अर्धशतक लगाए.
संन्यास पर पुजारा ने कही थी दिल की बात
पुजारा ने अपने गृहनगर में पत्रकारों से कहा था, ‘‘मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मैंने इतने लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए खेल सका. बहुत कम खिलाड़ियों को ऐसा मौका मिलता है इसलिए मैं अपने परिवार और उन लोगों का बहुत आभारी हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया.''
पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि मैं यह सब छोड़ रहा हूं, लेकिन साथ ही मैं खेल से जुड़ा रहूंगा. मैं अब कमेंट्री कर रहा हूं और मैंने मीडिया का काम भी शुरू कर दिया है. मैं क्रिकेट खेलने नहीं जा रहा हूं, लेकिन मैं भारतीय टीम को देखता रहूंगा और उस पर कमेंट्री करूंगा. खेल से जुड़ाव जारी रहेगा.'
उन्होंने इंग्लैंड में हाल ही में हुई टेस्ट सीरीज के दौरान एक प्रसारक के रूप में काम करना शुरू किया है. उन्होंने संकेत दिया कि उन्हें कमेंट्री में अपना करियर मिल गया है. सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने 2010 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया, लेकिन 2012 में राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद ही उन्होंने अगले एक दशक तक बल्लेबाजी क्रम में तीसरे नंबर पर अपनी जगह पक्की कर ली.
(IANS इनपुट के साथ)
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