यह ख़बर 16 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

यह हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है : धोनी

जयपुर:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने के अपनी टीम के प्रयास को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक करार दिया और कहा कि उनके युवा बल्लेबाजों ने नियंत्रित आक्रामकता दिखाई।

धोनी ने दूसरे वन-डे में 39 गेंद शेष रहते हुए 360 रन के लक्ष्य को हासिल करने के बाद कहा, ‘मैं समझता हूं कि यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक था। नियमों में बदलाव, क्षेत्ररक्षण की पाबंदियों और पिच कुछ भी हो तब भी 360 रन का लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होता है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं जानता था कि हम लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। एक बार हमने 414 रन (राजकोट 2009) बनाए, लेकिन श्रीलंका 411 रन बनाकर उसे हासिल करने के करीब पहुंच गया था। इसलिए मैंने खिलाड़ियों से कहा कि वे लक्ष्य पर ध्यान नहीं दें और केवल अपना खेल खेलें। शिखर ने बेहतरीन बल्लेबाजी की। कोहली की पारी अद्भुत थी तो रोहित बड़ी पारी खेलने में सफल रहा।’

धोनी ने कहा कि उनके बल्लेबाजों की खासियत यह रही कि उन्होंने नियंत्रित आक्रामकता दिखायी। उन्होंने कहा, ‘यह आदर्श पिच थी। आउटफील्ड तेज थी और आपको वास्तव में बल्लेबाज की तरह खेलने की जरूरत थी और हमने ऐसा अच्छी तरह से किया। हमारे अधिकतर बल्लेबाजों के पास युवराज सिंह जैसा अनुभव नहीं है जिन्होंने 250 से अधिक मैच खेले हैं। आक्रामक बनना जरूरी था लेकिन यह भी महत्वपूर्ण था कि हम जोखिम भरे शाट नहीं खेलें।’

धोनी ने कहा, ‘हमारी बल्लेबाजी अच्छी दिख रही है लेकिन यह मान लेना सही नहीं होगा कि बल्लेबाज हर समय 300 से अधिक का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।’

गेंदबाजों के प्रदर्शन पर धोनी ने कहा, ‘हमें अपनी गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है। कारण यह है कि जब आप यार्कर डालने की कोशिश करते हो तो वह नीची रहती फुलटास बन जाती है। यहां तक ठीक है लेकिन कमर की उंचाई तक की फुलटास बनती है तो यह फिर यह बड़ा अंतर है। यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमें सुधार करने की जरूरत है।’

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जार्ज बैली से जब पूछा गया कि क्या कारण थे कि उनकी टीम 359 रन के स्कोर का बचाव नहीं कर पाई तो उनके पास इसका जवाब नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता, आप ही मुझे बता दो। मुझे नहीं पता कि मैं इस समय कैसा महसूस कर रहा हूं। निश्चित तौर पर हमने शानदार बल्लेबाजी देखी लेकिन वे (भारत) आखिर में आसानी से लक्ष्य तक पहुंच गए। हमने कुछ भी प्रयास किया गेंद पर करारा प्रहार कर दिया गया।’

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बैली से जब पिच के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा, ‘आपको लगता है कि पिच शानदार थी। आप हमेशा कुछ चीजें हटकर कर सकते हो लेकिन आपके पास दूसरा मौका नहीं होता है।’