खास बातें
- पांच में से तीन भाई दिसंबर के महीने में पैदा हुए
- एक सीरीज में दो भाइयों ने शुरू किया अपना अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
- हनीफ के आखिरी मैच में सादिक़ ने अपना अंतराष्ट्रीय करियर शुरू किया
नई दिल्ली: क्रिकेट में हमने भाइयों को एक साथ खेलते हुए देखा है. भारत की तरफ से मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ, इरफ़ान पठान और युसूफ पठान, ज़िम्बाब्वे के एंडी फ्लावर और ग्रांट फ्लावर, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव और मार्क वॉ, ग्रेग और इयान चैपल, पाकिस्तान के कामरान अकमल और उमर अकमल, न्यूज़ीलैंड के ब्रेंडन मैकुलम और नाथन मैकुलम एक साथ मैच खेल चुके हैं. कई और ऐसी जोड़ी भी है जो एक साथ अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. अगर भारत की बात की जाए तो मोहिंदर अमरनाथ और सुरिंदर अमरनाथ ने सबसे पहले एक साथ टेस्ट मैच खेला था. 24 जनवरी 1976 को दोनों भाइयों ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. सुरेंद्र अमरनाथ ने इस मैच में शतक ठोका तो महेंद्र अमरनाथ ने अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक मारा. इस मैच को भारत ने आठ विकेट से जीत लिया था.
कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि जब एक ही मैच में तीन भाई एक साथ खेले हैं. आज ऐसे पांच भाइयों के बारे में बात करते हैं जिनका जन्म भारत में हुआ और इन लोगों ने पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला. चार भाई अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेले तो एक भाई ने घरेलू मैच खेला. ऐसा भी हुआ जब तीन भाइयों को एक साथ खेलने को मौक़ा मिला.
पांच में से तीन भाई दिसंबर के महीने में पैदा हुए
जिन पांच भाइयों की बात बात हो रही है वे हैं हनीफ मोहम्मद, वज़ीर मोहम्मद, रईस मोहम्मद, मुश्ताक़ मोहम्मद और सादिक़ मोहम्मद. हनीफ, सादिक़, मुश्ताक़ और वज़ीर ने पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. जबकी रईस ने पाकिस्तान के लिए घरेलू मैच खेला है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि पांच मोहम्मद भाइयों में से तीन भाइयों का जन्म दिसंबर के महीने में हुआ. सबसे बड़े भाई वज़ीर मोहम्मद का जन्म 22 दिसम्बर 1929 को हुआ था. रईस मोहम्मद का जन्म 25 दिसंबर 1932 को हुआ जबकि हनीफ मोहम्मद जन्म 21 दिसंबर 1934 को हुआ. मुश्ताक़ मोहम्मद का जन्म 22 नवंबर 1943 को हुआ और सबसे छोटे सादिक़ मोहम्मद का जन्म 3 मई 1945 में हुआ. पांचों भाइयों का जन्म भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ में हुआ. आज़ादी के बाद ये लोग पाकिस्तान शिफ्ट हो गए.
एक सीरीज में दो भाइयों ने शुरू किया अपना अंतराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
1952-53 में पांच टेस्ट मैचों को खेलने के लिए पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया और इस सीरीज के लिए हनीफ मोहम्मद और वज़ीर मोहम्मद का चयन हुआ. 16 अक्टूबर को दिल्ली में खेले गए पहले टेस्ट मैच में हनीफ मोहम्मद को मौक़ा मिला, जबकि वज़ीर को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली. इस मैच में पाकिस्तान के 9 खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की. पाकिस्तान की पहली पारी में हनीफ ने सबसे ज्यादा शानदार 51 रन बनाए थे. इस मैच को पाकिस्तान एक पारी और 70 रन से हार गया था. भारत की तरफ से वीनू मांकड़ ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए इस मैच में 13 विकेट लिए थे. 13 नवंबर को मुम्बई में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में हनीफ और वज़ीर को एक साथ में खेलने का मौक़ा मिला. यह हनीफ के लिए तीसरा मैच था जब की वज़ीर के लिए पहला मैच. इस मैच में हनीफ ने दूसरी पारी में शानदार 96 रन बनाए थे जबकि वज़ीर बल्लेबाज के रूप में दोनों पारी में विफल रहे थे. वज़ीर पहली पारी में आठ और दूसरे पारी में सिर्फ चार रन बना पाए थे. इस मैच को भारत ने 10 विकेट से जीत लिया था.
हनीफ के आखिरी मैच में सादिक़ ने अपना अंतराष्ट्रीय करियर शुरू किया
वर्ष 1959, 1969 और 1979 इन भाइयों के लिए खास है. वज़ीर मोहम्मद ने 1952 में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया और नवंबर 1959 में अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला जबकि मुश्ताक़ मोहम्मद ने 1959 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू किया. यानी जिस साल वज़ीर ने क्रिकेट को अलविदा कहा उसी साल मुश्ताक़ ने अपना क्रिकेट करियर की शुरुआत की. हनीफ मोहम्मद ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच 24 अक्टूबर 1969 को खेला जबकि इस मैच के जरिए सादिक़ मोहम्मद ने अपना क्रिकेट करियर शुरू किया. इस मैच में मुश्ताक़ मोहम्मद भी खेला था. क्रिकेट के इतिहास में यह तीसरी बार हुआ जब एक मैच में तीन भाइयों को एक साथ खेलने का मौक़ा मिला. हनीफ मोहम्मद ने पाकिस्तान की तरफ से 55 टेस्ट मैच खेलते हुए करीब 45 की औसत से 3915 रन बनाए हैं और उनका देहांत 11 अगस्त 2016 को हो गया. वज़ीर ने 20 मैचों में 801 रन बनाए हैं जबकि मुश्ताक़ ने 57 टेस्ट मैचों में 3643 रन बनाए हैं. सादिक़ मोहम्मद ने 41 टेस्ट मैच खेलते हुए 2579 रन बनाए हैं.
जब इंग्लैंड के तीन भाइयों ने एक साथ शुरू किया था अपना क्रिकेट करियर
इससे पहले भी दो बार ऐसा हुआ था जब एक मैच में तीन भाई खेले थे. 6 सितम्बर 1880 को इंग्लैंड के एडवर्ड ग्रेस, फ्रेड ग्रेस और विल्लम ग्रेस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ खेले थे और सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस मैच के द्वारा तीन भाइयों ने अपने क्रिकेट करियर शुरुआत की थी. यानी यह तीनों का पहला अंतरराष्ट्रीय मैच था. एडवर्ड और फ्रेड के लिए यह पहले मैच के साथ-साथ आखिरी मैच भी रहा. अपना क्रिकेट करियर शुरू करने के 15 दिन के बाद यानी 22 सितम्बर 1880 लंग इन्फेक्शन की वजह से फ्रेड का देहांत हो गया जबकि एडवर्ड का इंग्लैंड की टीम में दोबारा चयन नहीं हुआ. इस मैच में विल्लम ग्रेस ने शानदार खेलते हुए इंग्लैंड के लिए पहली पारी सबसे ज्यादा 152 रन बनाए थे और इंग्लैंड ने इस मैच को 5 विकेट से जीता था. 19 मार्च 1892 को इंग्लैंड में तीन भाई एलेक हेर्ने, जैक हेर्ने और फ्रैंक हेर्ने ने भी एक साथ में मैच खेला था. इस मैच में इंग्लैंड के लिए जैक और एलेक खेले थे जबकि साउथ अफ्रीका की तरफ से फ्रैंक ने खेला था.
ग्रेग चैपल और इयान चैपल ने बना दिया था यह खास रिकॉर्ड
टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल और इयान चैपल के नाम पर भी एक अनोखा रिकॉर्ड है. 1 मार्च 1974 को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इयान और ग्रेग ने दोनों परियों में शतक ठोक कर एक नया रिकॉर्ड कायम किया. क्रिकेट के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब अंतरराष्ट्रीय मैचों में दो भाइयों ने दोनों पारियों में शतक ठोका. ग्रेग ने पहली पारी में 247 रन बनाए थे जबकि इयान ने 145 रन की पारी खेली थी. दोनों भाइयों के बीच तीसरे विकेट के लिए 264 रन की साझेदारी हुई थी. दूसरी पारी में ग्रेग ने 133 रन बनाए थे जबकि इयान ने 121 रन का पारी खेली थी.