नई दिल्ली:
डीआरएस (DRS), यानि डिसीज़न रिव्यू सिस्टम को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) और टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से ऐतराज़ जताते रहे हैं, और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश इस प्रणाली का समर्थन करते रहे हैं, लेकिन ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट मैच में जब उस्मान ख्वाज़ा आउट हुए तो एक बार फिर डीआरएस की पोल खुलती नज़र आई...
मैनचेस्टर में ग्रीम स्वान की गेंद पर गिरे उस्मान ख्वाज़ा के विकेट से डीआरएस को लेकर बहस फिर तेज़ हो गई है... उस्मान ख्वाज़ा को इस तरह आउट दिए जाने पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न ने कहा कि यह उनके देखे गए अब तक के सबसे बुरे फैसलों में से एक है...
गौर करने लायक बात यह है कि अपने खिलाफ़ ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा फैसला दिए जाने के बाद उस्मान ख्वाज़ा ने ही डीआरएस की मांग की थी, लेकिन उसके बाद कुमार धर्मसेना ने हॉट-स्पॉट तकनीक के सहारे टीवी पर सब देखा, और फिर भी गलती कर गए... इस मामले में डीआरएस का समर्थन करता रहा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड अथवा सीए) ही स्टम्प्ड (stumped) नज़र आया...
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ट्वीट किया, सीए के मुख्य कायर्कारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) से उस्मान ख्वाज़ा के विकेट पर सफाई मांगते हैं... उनके मुताबिक ऑन-फील्ड अंपायर और डीआरएस, दोनों से गलती हुई...
उस्मान ख्वाज़ा को आउट दिए जाने के वक्त दूसरे छोर पर मौजूद ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज क्रिस रोजर्स ने कहा, "मुझे रीयल टाइम में भी (उस्मान) ख्वाज़ा नॉट आउट लगे... मुझे लगा कि उनका बल्ला कहीं भी गेंद के आसपास नहीं था, इसीलिए हमने डीआरएस की मांग की थी... मेरे खयाल से इंग्लैंड के खिलाड़ी भी उनके आउट होने की उम्मीद छोड़ चुके थे..."
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया, "गेंद और बल्ले के बीच अच्छा फासला था... कोई हॉट-स्पॉट नहीं था... कोई आवाज़ नहीं हुई थी..."
उस्मान ख्वाज़ा के इस एक विकेट ने बीसीसीआई की इस दलील को काफी बल दे दिया है कि मैचों में डीआरएस का इस्तेमाल किया जाना सही नहीं है, और इसीलिए बीसीसीआई और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसका विराध करते रहे हैं...
मैनचेस्टर में ग्रीम स्वान की गेंद पर गिरे उस्मान ख्वाज़ा के विकेट से डीआरएस को लेकर बहस फिर तेज़ हो गई है... उस्मान ख्वाज़ा को इस तरह आउट दिए जाने पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न ने कहा कि यह उनके देखे गए अब तक के सबसे बुरे फैसलों में से एक है...
गौर करने लायक बात यह है कि अपने खिलाफ़ ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा फैसला दिए जाने के बाद उस्मान ख्वाज़ा ने ही डीआरएस की मांग की थी, लेकिन उसके बाद कुमार धर्मसेना ने हॉट-स्पॉट तकनीक के सहारे टीवी पर सब देखा, और फिर भी गलती कर गए... इस मामले में डीआरएस का समर्थन करता रहा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड अथवा सीए) ही स्टम्प्ड (stumped) नज़र आया...
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ट्वीट किया, सीए के मुख्य कायर्कारी अधिकारी जेम्स सदरलैंड आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) से उस्मान ख्वाज़ा के विकेट पर सफाई मांगते हैं... उनके मुताबिक ऑन-फील्ड अंपायर और डीआरएस, दोनों से गलती हुई...
उस्मान ख्वाज़ा को आउट दिए जाने के वक्त दूसरे छोर पर मौजूद ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज क्रिस रोजर्स ने कहा, "मुझे रीयल टाइम में भी (उस्मान) ख्वाज़ा नॉट आउट लगे... मुझे लगा कि उनका बल्ला कहीं भी गेंद के आसपास नहीं था, इसीलिए हमने डीआरएस की मांग की थी... मेरे खयाल से इंग्लैंड के खिलाड़ी भी उनके आउट होने की उम्मीद छोड़ चुके थे..."
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वॉर्न ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया, "गेंद और बल्ले के बीच अच्छा फासला था... कोई हॉट-स्पॉट नहीं था... कोई आवाज़ नहीं हुई थी..."
उस्मान ख्वाज़ा के इस एक विकेट ने बीसीसीआई की इस दलील को काफी बल दे दिया है कि मैचों में डीआरएस का इस्तेमाल किया जाना सही नहीं है, और इसीलिए बीसीसीआई और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसका विराध करते रहे हैं...
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