खास बातें
- यह युजवेंद्र के साथ क्या हुआ?
- क्यों नहीं मिला मेहनत का इनाम?
- सिर्फ इसलिए बेहतर बन गए जयदेव ?
नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ रविवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में टीम इंडिया ने श्रीलंका को आखिरी टी-20 मैच में पांच विकेट से पटखनी देकर सीरीज में उसका 3-0 से सूपड़ा साफ कर दिया. मैच के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने जमकर जश्न मनाया, लेकिन जीत के बाद आंखों में सपना पाले लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को बड़ा जोर का झटका लगा! और यह झटका किसी और ने नहीं बल्कि मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज चुने गए साथी खिलाड़ी जयदेव उनादकत ने दिया.
अब यह तो आप जानते ही हैं कि सीरीज में अगर भारतीय बल्लेबाजों में किसी ने सबसे ज्यादा श्रीलंका की नाक में दम किया, तो वह रोहित शर्मा ने किया. ठीक यही बात गेंदबाजी में युजवेंद्र सिंह चहल के बारे में कही जा जा सकती है. टी-20 में युजवेंद्र ने अश्विन के बाद दो बार चार विकेट लेने का कारनामा भी किया. इतना ही नहीं युजवेंद्र साल 2017 में टी-20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.
बहरहाल सीरीज की बात करें, तो युजवेंद्र चहल टी-20 सीरीज में दोनों टीमों में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज रहे. यही वजह थी कि उनका सपना देखना पूरी तरह बनता था. लेकिन तीसरे मैच के बाद मैच एजुकेटर ने चहल के सपने पर पानी फेर दिया. और बीच में आ गए बयंहत्था तेज गेंदबाज जयदेव उनादकत.
दरअसल यह सपना था मैन ऑफ द द सीरीज का. जहां युजवेंद्र ने दो मैचों में 8 विकेट लिए, वहीं उनादकत ने 3 मैचों में सिर्फ 4 ही विकेट चटकाए. लेकिन इस प्रदर्शन के बावजूद जयदेव उनादत को मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार दिया, तो करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी भौंचक्के रह गए.
VIDEO : सुनील गावस्कर बता रहे हैं युजवेंद्र चहल के खास गुण के बारे में
शायद मैन ऑफ द मैच के पीछे जयदेव का इकॉनी रन रेट रहा. जहां चहल ने 8 ओवरों में 9.37 की दर से रन खर्च किए, तो जयदेव ने 11 ओवरों मे 4.88 का इकॉमी रेट निकाला. ऐसा बमुश्किल ही देखने में आया जब इकॉनमी रेट के लिए विकेटों की संख्या की अनदेखी कर दी गई हो. कोई बात नहीं युजवेंद्र. क्रिकेट में ऐसा भी होता है. कीप इट आप.