भारतीय क्रिकेट टीम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारत और जिम्बाब्वे के बीच तीन एक-दिवसीय मैचों की शृंखला का पहला मैच आज हरारे में खेला जाएगा। बांग्लादेश के हाथों शृंखला की हार झेलने के बाद भारतीय टीम का यह पहला दौरा है और अब वह विरोधी को हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी चूंकि जिम्बाब्वे ने पिछले कुछ अर्से में अच्छा प्रदर्शन किया है।
पहली बार भारत की कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि टीम बांग्लादेश में मिली हार से उबर चुकी है और यहां जीतने के इरादे से आई है।
हरारे में टीम इंडिया को कुछ मौकों पर करारी मात मिली। आइए नजर डालते हैं हरारे में खेले गए उन खास पांच मैचों पर जिनमें भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।
सितंबर 30, 1998 vs जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे के दौरे पर तीन वनडे मैच की सीरज़ में भारत ने पहले दो मुकाबले बड़ी आसानी से जीते, लेकिन सीरीज़ के तीसरे वनडे में क्रेग विशार्ट ने शानदार 102 रन बनाए। भारत की बल्लेबाजड़ी लाइन अप में उस समय सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, अजहरुद्दीन, राहुल द्रविड़ औ अजय जडेजा सरीखे नाम थे, लेकिन इनमें से किसी का बल्ला नहीं चल पाया। रॉबिन सिंह ने 56 रन जरूर बनाए, लेकिन भारत यह मैच 37 रनों से हार गया।
7 जुलाई, 2001 vs वेस्ट इंडीज़
भारत-ज़िम्बाब्वे और वेस्ट इंडीज़ के बीच हुए कोका-कोला कप में भारत और वेस्ट इंडीज़ की टीमें मेज़बान को पछाड़ कर फाइनल में पहुंचीं। टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का सौरव गांगुली का फैसला उल्टा पड़ा।
वेस्ट इंडीज़ की ओर से डैरन गंगा, कार्ल हूपर और चंद्रपॉल ने अर्धशतकीय पारियां खेली और 290 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत ने सिर्फ 80 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए। उसके बाद रितेंदर सिंह सोढ़ी (67) और विकेट कीपर समीर दीघे ने (94*) कोशिश तो पूरी की, लेकिन टीम इंडिया यह मुकाबला 16 रनों से हार गई।
6 सितंबर 2005 vs न्यूज़ीलैंड
वीडियोकॉन कप में मेज़बान फ़िर से फ़ाइनल की रेस से बाहर हुए और भारत और न्यूज़ीलैंड की टीमें आमने सामने थीं। वीरेंद्र सहवाग (75) और मोहम्मद कैफ़ (93*) ने लाजवाब बल्लेबाज़ी की और भारत का स्कोर 276 रन तक पहुंचाया। न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ नेथन एस्टल ने 115 नाबाद रन बनाए। भारत का कोई भी गेंदबाज़ असरदार नहीं रहा और भारत को 6 विकेट से हार मिली।
जून 3, 2010 vs ज़िम्बाब्वे
भारत,
श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच त्रिकोणीय सीरीज़ के चौथे मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ़ भारत की टीम सिर्फ़ 194 रन ही बना पाई। विराट कोहली, मुरली विजय, रोहित शर्मा, सुरेश रैना सब फ़्लॉप रहे। सिर्फ़ रविंद्र जडेजा के बल्ले से 51 रन निकले। ब्रेंडन टेलर औ मसाकाडज़ा के बीच 128 रनों की सलामी साझेदारी रही और ज़िम्बाब्वे को मैच जीतने में 38.2 ओवर ही लगा।
जून 5 2010 vs श्रीलंका
तीन दिनों के भीतर हरारे के मैदान पर भारत को दूसरी हार मिली। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने सिर्फ़ 268 रन बनाए जिसमें कोहली ने 68 रनों का योगदान दिया। लेकिन भारत की गेंदबाज़ी फिर से बेअसर रही और श्रीलंका ने 270 रनों का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर ही हासिल कर लिया। श्रीलंका की ओर से दिनेश चंडीमल ने 111 की शानदार पारी खेली।
पहली बार भारत की कप्तानी कर रहे अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि टीम बांग्लादेश में मिली हार से उबर चुकी है और यहां जीतने के इरादे से आई है।
हरारे में टीम इंडिया को कुछ मौकों पर करारी मात मिली। आइए नजर डालते हैं हरारे में खेले गए उन खास पांच मैचों पर जिनमें भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा।
सितंबर 30, 1998 vs जिम्बाब्वे
जिम्बाब्वे के दौरे पर तीन वनडे मैच की सीरज़ में भारत ने पहले दो मुकाबले बड़ी आसानी से जीते, लेकिन सीरीज़ के तीसरे वनडे में क्रेग विशार्ट ने शानदार 102 रन बनाए। भारत की बल्लेबाजड़ी लाइन अप में उस समय सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, अजहरुद्दीन, राहुल द्रविड़ औ अजय जडेजा सरीखे नाम थे, लेकिन इनमें से किसी का बल्ला नहीं चल पाया। रॉबिन सिंह ने 56 रन जरूर बनाए, लेकिन भारत यह मैच 37 रनों से हार गया।
7 जुलाई, 2001 vs वेस्ट इंडीज़
भारत-ज़िम्बाब्वे और वेस्ट इंडीज़ के बीच हुए कोका-कोला कप में भारत और वेस्ट इंडीज़ की टीमें मेज़बान को पछाड़ कर फाइनल में पहुंचीं। टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का सौरव गांगुली का फैसला उल्टा पड़ा।
वेस्ट इंडीज़ की ओर से डैरन गंगा, कार्ल हूपर और चंद्रपॉल ने अर्धशतकीय पारियां खेली और 290 रनों का स्कोर खड़ा किया। भारत ने सिर्फ 80 रनों पर 5 विकेट गंवा दिए। उसके बाद रितेंदर सिंह सोढ़ी (67) और विकेट कीपर समीर दीघे ने (94*) कोशिश तो पूरी की, लेकिन टीम इंडिया यह मुकाबला 16 रनों से हार गई।
6 सितंबर 2005 vs न्यूज़ीलैंड
वीडियोकॉन कप में मेज़बान फ़िर से फ़ाइनल की रेस से बाहर हुए और भारत और न्यूज़ीलैंड की टीमें आमने सामने थीं। वीरेंद्र सहवाग (75) और मोहम्मद कैफ़ (93*) ने लाजवाब बल्लेबाज़ी की और भारत का स्कोर 276 रन तक पहुंचाया। न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज़ नेथन एस्टल ने 115 नाबाद रन बनाए। भारत का कोई भी गेंदबाज़ असरदार नहीं रहा और भारत को 6 विकेट से हार मिली।
जून 3, 2010 vs ज़िम्बाब्वे
भारत,
श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच त्रिकोणीय सीरीज़ के चौथे मैच में जिम्बाब्वे के खिलाफ़ भारत की टीम सिर्फ़ 194 रन ही बना पाई। विराट कोहली, मुरली विजय, रोहित शर्मा, सुरेश रैना सब फ़्लॉप रहे। सिर्फ़ रविंद्र जडेजा के बल्ले से 51 रन निकले। ब्रेंडन टेलर औ मसाकाडज़ा के बीच 128 रनों की सलामी साझेदारी रही और ज़िम्बाब्वे को मैच जीतने में 38.2 ओवर ही लगा।
जून 5 2010 vs श्रीलंका
तीन दिनों के भीतर हरारे के मैदान पर भारत को दूसरी हार मिली। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने सिर्फ़ 268 रन बनाए जिसमें कोहली ने 68 रनों का योगदान दिया। लेकिन भारत की गेंदबाज़ी फिर से बेअसर रही और श्रीलंका ने 270 रनों का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर ही हासिल कर लिया। श्रीलंका की ओर से दिनेश चंडीमल ने 111 की शानदार पारी खेली।
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