अजिंक्य रहाणे (फाइल फोटो)
हरारे:
जिम्बाब्वे के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे शृंखला में भारत की बेंच स्ट्रेंथ की आजमाइश होगी, जबकि युवा और कुछ सीनियर खिलाड़ी इस मौके को भुनाने की फिराक में होंगे।
बांग्लादेश के हाथों सीरीज की हार झेलने के बाद भारतीय टीम का यह पहला दौरा है और अब वह विरोधी को हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी, चूंकि जिम्बाब्वे ने पिछले कुछ अर्से में अच्छा प्रदर्शन किया है।
सीनियरों की गैर-मौजूदगी में कप्तानी संभालने वाले युवा बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को भी चयनकर्ताओं के भरोसे पर खरा उतरना है। उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी दो वनडे में टीम से बाहर कर दिया गया था और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस फैसले को सही साबित करते हुए कहा था कि वह धीमी पिचों पर स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे हैं।
रहाणे ने आलोचना को सकारात्मक ढंग से लिया, लेकिन जिम्बाब्वे में भी उनका सामना धीमी पिचों से होगा। उन्हें भारतीय मध्यक्रम में अपनी जगह पक्की करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि रोबिन उथप्पा, मनोज तिवारी, केदार जाधव, अंबाती रायुडू और मनीष पांडे भी चयनकर्ताओं का ध्यान खींचना चाहेंगे।
बांग्लादेश के हाथों सीरीज की हार झेलने के बाद भारतीय टीम का यह पहला दौरा है और अब वह विरोधी को हल्के में लेने की गलती नहीं करेगी, चूंकि जिम्बाब्वे ने पिछले कुछ अर्से में अच्छा प्रदर्शन किया है।
सीनियरों की गैर-मौजूदगी में कप्तानी संभालने वाले युवा बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को भी चयनकर्ताओं के भरोसे पर खरा उतरना है। उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी दो वनडे में टीम से बाहर कर दिया गया था और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस फैसले को सही साबित करते हुए कहा था कि वह धीमी पिचों पर स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे हैं।
रहाणे ने आलोचना को सकारात्मक ढंग से लिया, लेकिन जिम्बाब्वे में भी उनका सामना धीमी पिचों से होगा। उन्हें भारतीय मध्यक्रम में अपनी जगह पक्की करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करना होगा, क्योंकि रोबिन उथप्पा, मनोज तिवारी, केदार जाधव, अंबाती रायुडू और मनीष पांडे भी चयनकर्ताओं का ध्यान खींचना चाहेंगे।
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