दिनों ने जारी टी20 विश्व कप (T0 World Cup 2024) में अफगानिस्तान टीम के खिलाफ धमाल मचाए हुए. खासकर हाल ही में गत चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाने के बाद एकदम से ही यह टीम चर्चा का विषय बन गई. लेकिन मैदान के बाहर भी इनके चर्चे कम नहीं हैं दोस्तों. हाल ही में अपने बारबाडोस प्रवास के दौरान अफगानिस्तान खिलाड़ियों को अपना खाना खुद बनाने पर मजबूर होना पड़ा. और इसकी वजह बना हलाल मीट का उपलब्ध न होना. टीम के सभी खिलाड़ी हलाल मीट ही खाते हैं. लेकिन होटल में हलाल मीट उपलब्ध न होने के वजह से खिलाड़ियों के सामने दो ही विकल्प थे. एक या तो वह बाहर जाकर खाएं, या फिर खुद पकाकर खाएं. ऐसे में खिलाड़ियों ने दूसरा विकल्प चुना.
जब अफगानिस्तान टीम पिछले साल भारत में हुए फिफ्टी-फिफ्टी विश्व कप में हिस्सा लेने भारत आई थी, तो उनकी जबर्दस्त मेहमान नवाजी हुई थी. तब टीम की सभी मांगों को बीसीसीआई ने पूरा किया था, लेकिन अब खिलाड़ियों को विंडीज में खासा संर्घष करना पड़ रहा है. वैसे शुरुआती स्टेज पर सुविधाओं को लेकर तो भारतीय प्रबंधन ने भी काफी मुखर बयान जारी किए थे.
एक खिलाड़ी ने बताया, 'हमारे होटल में हलाल मीट उपलब्ध नहीं है. कभी-कभी हम अपना खाना खुद बनाते हैं, तो कभी बाहर खाने जाते हैं. पिछले साल भारत में हुए विश्व कप के दौरान हर बात शानदार थी, लेकिन यहां पर हलाल बीफ हमें नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि सेंट लूसिया में हलाल मीट मिल गया था, लेकिन यह सभी स्थलों पर उपलब्ध नहीं है. एक मित्र ने हमारे लिए इसकी व्यवस्था की और हमने अपना खाना खुद बनाया.
जानें क्या होता है हलाल मीट?
अरेबिक में हलाल शब्द का अर्थ जायज है. ऐसे में हलाल मीट इस्लमाम में जानवर या मुर्गे को काटने की प्रक्रिया का हिस्सा है. इसके तहत गले की नस, ग्रीवा धमनी और सांस की नली को काटना शामिल होता है. काटने के समय जानवर जिंदा और स्वस्थ होना चाहिए. साथ ही, काटे गए जानवर का सारा खून सूखा होना चाहिए. इस प्रक्रिया के दौरान मुस्लिम इस्लामिक दुआ या प्रार्थना के रूप में कलमे का उच्चारण करते हैं.
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