क्रिकेट के वजह से बहुत खिलाड़ियों की किस्मत बदली है। लेकिन मैदान के भीतर अगर कोई खिलाड़ियों की किस्मत का फैसला करता है तो वह है अंपायर। डिकी बर्ड, स्टीव बकनर, डेविड शेपर्ड, साइमन टॉफेल आदि ऐसे काफी अंपायर है जिनकी अंपायरिंग की वजह से क्रिकेट का स्तर ऊपर हुआ है। चलिए कुछ ऐसे ही अंपायर की बात करते हैं जो कि वर्ल्ड कप में सबसे शानदार अंपायर हैं।
अलीम दार :
पाकिस्तान के अंपायर अलीम दार इस बार खेले जा रहे वर्ल्डकप के सबसे बेहतरीन अंपायर हैं। अलीम पाकिस्तान के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी खेल चुके हैं। अलीम दार और वसीम अकरम इस्लामिआ कॉलेज के छात्र थे। कॉलेज में अकरम जहां एक अच्छे बॉलर थे वहीं, अलीम दार एक अच्छे बैट्समैन। 2002 में अपने अंपायरिंग करियर शुरुआत करने वाले अलीम दार को बेहतरीन अंपायरिंग की वजह से 2003 वर्ल्डकप में अंपायरिंग करने के लिए मौका मिला। अलीम दार जब भी अंपायरिंग करने के लिए मैदान के अंदर जाते हैं, पहले आसमान की तरफ देखते हैं और भगवान के साथ-साथ अपनी बेटी को याद करते हैं। 2003 वर्ल्ड कप के दौरान जब वह साउथ अफ्रीका में अंपायरिंग कर रहे थे तब उनकी सात महीने की बेटी की ब्रेन इन्फेक्शन की वजह से मौत हो गई थी।
लेकिन अलीम दार के परिवार ने यह खबर उन्हें नहीं बताई थी क्योंकि परिवार को लगता था कि उनकी अंपायरिंग के ऊपर प्रभाव पड़ सकता है। अलीम दार पाकिस्तान के पहले अंपायर है जिन्हें 2004 में इलीट अंपायर पैनल में जगह मिली है। अलीम दार सिर्फ अच्छे अंपायर नहीं एक अच्छे इन्सान भी हैं। 2009 से अलीम दार एक ड्राइवर के परिवार को 5500 रुपया देते आ रहे हैं। इस ड्राइवर की मौत बम ब्लास्ट के वजह से हो गई थी जब वह मैच ऑफिसियल को होटल से गदाफी स्टेडियम लेकर जा रहा था। 2011 में बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद के लिए अलीम दार ने इमरान खान की फ्लड रिलीफ फण्ड को दस लाख रुपया दान भी दिए थे। अलीम दार को 2009, 2010 और 2011 में लगातार आईसीसी अंपायर ऑफ़ द ईयर के अवार्ड से नवाज़ा गया था।
ब्रेंट फ्रेजर "बिली" बोडेन:
बिली बोडेन अपनी अंपायरिंग शैली के लिए मसहूर हैं। डांस करते हुए डिसिशन देते रहते हैं। न्यूज़ीलैंड के रहने वाले बिली फ़ास्ट बॉलर बनना चाहते थे, लेकिन 21 साल की उम्र में रुमेटी (गठिया) बीमारी के वजह से उनके क्रिकेटर बनने का सपना ख़त्म हो गया। जब बिली बोडेन यह सोच रहे थे कि क्रिकेट और उनका रिस्ता ख़त्म होने जा रहा है तब किस्मत ने उनके सामने एक नया रास्ता खोल दिया।
अब बिली बोडेन ने अंपायर के रूप में अपने करियर शुरुआत की। 1995 में अपने अंपायरिंग करियर की शुरुआत करने वाले बिली बोडेन अभी तक 192 एक दिवसीय और 82 टेस्ट मैच में अंपायरिंग कर चुके हैं। बिली बोडेन मानते हैं कि अगर यह बीमारी नहीं होती तो शायद आज दुनिया उन्हें नहीं जानती। बीमारी के वजह से बिली बोडेन अपने उंगली सीधा नहीं कर पाते और टेढ़ी उंगली में उनको आउट या छक्का का निर्णय देना पड़ता है। लेकिन ऐसे डिसिशन के लिए क्रिकेट प्रेमी के अंदर वह काफी मसूर हैं।
स्टीव डेविस
2015 के वर्ल्ड कप में स्टीव डेविस तीसरे सबसे बेहतरीन अंपायर हैं। डेविस ने 1997 में अपना अंपायरिंग करियर शुरू किया था। ऑस्ट्रेलिया के अंपायर डेविस अब तक 55 टेस्ट और 131 एकदिवसीय मैच में अंपायरिंग कर चुके हैं। हाल ही में स्टीव डेविस को उमर अकमल को गलत आउट देने के आरोप की वजह आलोचना का शिकार होना पड़ा था। भारत के खिलाफ 15 फरवरी को खेले गए इस मैच में स्टीव ने थर्ड अंपायर के रूप में अकमल को आउट दिया था।
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