
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को उसके नए संविधान के लिए तीन हफ्ते में सुझाव देने को कहा है. देश की शीर्ष अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि इस बारे में सुझाव नहीं देने के गंभीर परिणाम होंगे. गौरतलब है कि बीसीसीआई में सुधार लागू नहीं होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. कोर्ट के निर्देश पर BCCI के बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से पूछा, लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू क्यों नहीं हुई
कोर्ट ने बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (COA) को ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है और कोर्ट के आदेश से ही यह लागू होगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति को BCCI के नए संविधान के ड्राफ्ट को तैयार करने को कहा था.
वीडियो : धोनी ने साबित किया, वे कितने टीम प्लेयर हैं
कोर्ट ने कहा था कि इस ड्राफ्ट को बाकी पक्षों को दिया जाए ताकि वे इस बारे में अपने सुझाव दे सकें. सुप्रीम कोर्ट ने BCCI और राज्य एसोसिएशनों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कोई बैडमिंटन का शटल गेम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा था कि अभी तक लोढा पैनल की कोई भी सिफारिश क्यों लागू नहीं की गई हैं ?
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने BCCI से पूछा, लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू क्यों नहीं हुई
कोर्ट ने बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (COA) को ड्राफ्ट तैयार करने को कहा है और कोर्ट के आदेश से ही यह लागू होगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति को BCCI के नए संविधान के ड्राफ्ट को तैयार करने को कहा था.
वीडियो : धोनी ने साबित किया, वे कितने टीम प्लेयर हैं
कोर्ट ने कहा था कि इस ड्राफ्ट को बाकी पक्षों को दिया जाए ताकि वे इस बारे में अपने सुझाव दे सकें. सुप्रीम कोर्ट ने BCCI और राज्य एसोसिएशनों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कोई बैडमिंटन का शटल गेम नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा था कि अभी तक लोढा पैनल की कोई भी सिफारिश क्यों लागू नहीं की गई हैं ?
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं