प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जस्टिस आरएम लोढ़ा के बीसीसीआई में सुधार के ज्यादातर सुझावों को मंजूरी दे दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का भी ध्यान रखा कि बीसीसीआई की आर्थिक हालत कमजोर न हो, लेकिन सिस्टम में क्लीनअप के सभी सुझावों को मंजूरी दे दी गई। अब इन सभी सुझावों को बीसीसीआई को छह महीने के भीतर लागू करना है और इसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढ़ा को ही दी है। कुछ अहम फैसलों पर नज़र डाल लेते हैं, जो बीसीसीआई में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
बीसीसीआई में बड़ा बदलाव
1. BCCI अधिकारियों पर 70 वर्ष की उम्र सीमा (किन पर पड़ेगा असर)
शरद पवार
उम्र : 75 साल
मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष
एन श्रीनिवासन
उम्र : 71 साल
अध्यक्ष: तमिलनाडु क्रिकेट संघ
निरंजन शाह
उम्र : 72 साल
अध्यक्ष : सौराष्ट्र क्रिकेट संघ
फारूख अब्दुल्लाह
उम्र : 78 साल
अध्यक्ष : जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ
एमपी पांडोव
उम्र : 70 साल
सचिव : पंजाब क्रिकेट संघ
2. एक राज्य, एक वोट (किन पर पड़ेगा असर)
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र से बीसीसीआई में 4 वोट
अब महाराष्ट्र, मुंबई, विदर्भ और CCI के पास 1 वोट
रोटेशन में मिलेंगे वोटिंग राइट्स
गुजरात
गुजरात से बीसीसीआई में 3 वोट
अब गुजरात, सौराष्ट्र और बड़ौदा के पास 1 वोट
रोटेशन में मिलेंगे वोटिंग राइट्स
3.एक व्यक्ति, एक वोट (किन पर पड़ेगा असर)
अनुराग ठाकुर
अध्यक्ष, BCCI
अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश CA
अजय शिर्के
सचिव, BCCI
अध्यक्ष, महाराष्ट्र क्रिकेट संघ
अमिताभ चौधरी
संयुक्त सचिव, BCCI
अध्यक्ष, झारखण्ड क्रिकेट संघ
अनिरुद्ध चौधरी
कोषाध्यक्ष, BCCI
अध्यक्ष, हरियाणा क्रिकेट संघ
मतलब ये कि बीसीसीआई के ज्यादातर अधिकारी बदले हुए दिखाई दे सकते हैं...
4. मंत्री और ब्यूरोक्रैट BCCI से बाहर -किन पर पड़ेगा असर?
हेमंत बिस्व सरमा
असम सरकार में मंत्री
अध्यक्ष, असम क्रिकेट संघ
अब्दुल बारी सिद्दीक़ी
वित्त मंत्री, बिहार
अध्यक्ष, बिहार क्रिकेट संघ
5. BCCI का हिस्सा होगा CAG प्रतिनिधि
मतलब ये कि कैग का कोई नॉमिनी बीसीसीआई में इसलिए शामिल किया जाएगा ताकि आर्थिक मामलों में पारदर्शिता रहे। बीसीसीआई ने इसके खिलाफ पूरी कोशिश की, बहुत-सी दलीलें दीं, जिनमें एक यह भी रही कि भारत को आईसीसी बेदखल कर सकता है और इसे बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के तौर पर लिया जा सकता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
6. प्लेयर एसोसिएशन का गठन
इसमें मौजूदा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ बाकी खिलाड़ी, पूर्व खिलाड़ी, पुरुष हों या महिला सभी शामिल होंगे। बीसीसीआई किस तरह से इसे फंड करेगा ये उसी पर छोड़ दिया गया है।
7.विज्ञापन का सुझाव नामंज़ूर
बीसीसीआई के हक में एक बड़ा फैसला ओवरों के बीच में विज्ञापन को लेकर मिली छूट के रूप में देखा जा सकता है। सबसे बड़ा असर बीसीसीआई पर इससे पड़ सकता था, जिससे सीधे तौर पर उसकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसमें छूट दे दी है।
ये वे कुछ अहम फ़ैसले हैं और साथ कुछ अहम लोग और जगह जहां पर इन फ़ैसलों का सीधा-सीधा असर देखने को मिल सकता है। रविवार को बीसीसीआई ने मैनेजिंग कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसमें इस पर बातचीत होनी है कि इन फैसलों को किस तरह से लागू किया जाएगा। बीसीसीआई अपने बयान में साफ़ कर चुका है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का पालन करेगा। अब इंतजार इस बात का है कि 6 महीने बाद आखिर बीसीसीआई की सूरत किस तरह की होगी।
बीसीसीआई में बड़ा बदलाव
1. BCCI अधिकारियों पर 70 वर्ष की उम्र सीमा (किन पर पड़ेगा असर)
शरद पवार
उम्र : 75 साल
मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष
एन श्रीनिवासन
उम्र : 71 साल
अध्यक्ष: तमिलनाडु क्रिकेट संघ
निरंजन शाह
उम्र : 72 साल
अध्यक्ष : सौराष्ट्र क्रिकेट संघ
फारूख अब्दुल्लाह
उम्र : 78 साल
अध्यक्ष : जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ
एमपी पांडोव
उम्र : 70 साल
सचिव : पंजाब क्रिकेट संघ
2. एक राज्य, एक वोट (किन पर पड़ेगा असर)
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र से बीसीसीआई में 4 वोट
अब महाराष्ट्र, मुंबई, विदर्भ और CCI के पास 1 वोट
रोटेशन में मिलेंगे वोटिंग राइट्स
गुजरात
गुजरात से बीसीसीआई में 3 वोट
अब गुजरात, सौराष्ट्र और बड़ौदा के पास 1 वोट
रोटेशन में मिलेंगे वोटिंग राइट्स
3.एक व्यक्ति, एक वोट (किन पर पड़ेगा असर)
अनुराग ठाकुर
अध्यक्ष, BCCI
अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश CA
अजय शिर्के
सचिव, BCCI
अध्यक्ष, महाराष्ट्र क्रिकेट संघ
अमिताभ चौधरी
संयुक्त सचिव, BCCI
अध्यक्ष, झारखण्ड क्रिकेट संघ
अनिरुद्ध चौधरी
कोषाध्यक्ष, BCCI
अध्यक्ष, हरियाणा क्रिकेट संघ
मतलब ये कि बीसीसीआई के ज्यादातर अधिकारी बदले हुए दिखाई दे सकते हैं...
4. मंत्री और ब्यूरोक्रैट BCCI से बाहर -किन पर पड़ेगा असर?
हेमंत बिस्व सरमा
असम सरकार में मंत्री
अध्यक्ष, असम क्रिकेट संघ
अब्दुल बारी सिद्दीक़ी
वित्त मंत्री, बिहार
अध्यक्ष, बिहार क्रिकेट संघ
5. BCCI का हिस्सा होगा CAG प्रतिनिधि
मतलब ये कि कैग का कोई नॉमिनी बीसीसीआई में इसलिए शामिल किया जाएगा ताकि आर्थिक मामलों में पारदर्शिता रहे। बीसीसीआई ने इसके खिलाफ पूरी कोशिश की, बहुत-सी दलीलें दीं, जिनमें एक यह भी रही कि भारत को आईसीसी बेदखल कर सकता है और इसे बीसीसीआई के कामकाज में सरकारी दखल के तौर पर लिया जा सकता है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
6. प्लेयर एसोसिएशन का गठन
इसमें मौजूदा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ बाकी खिलाड़ी, पूर्व खिलाड़ी, पुरुष हों या महिला सभी शामिल होंगे। बीसीसीआई किस तरह से इसे फंड करेगा ये उसी पर छोड़ दिया गया है।
7.विज्ञापन का सुझाव नामंज़ूर
बीसीसीआई के हक में एक बड़ा फैसला ओवरों के बीच में विज्ञापन को लेकर मिली छूट के रूप में देखा जा सकता है। सबसे बड़ा असर बीसीसीआई पर इससे पड़ सकता था, जिससे सीधे तौर पर उसकी आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसमें छूट दे दी है।
ये वे कुछ अहम फ़ैसले हैं और साथ कुछ अहम लोग और जगह जहां पर इन फ़ैसलों का सीधा-सीधा असर देखने को मिल सकता है। रविवार को बीसीसीआई ने मैनेजिंग कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसमें इस पर बातचीत होनी है कि इन फैसलों को किस तरह से लागू किया जाएगा। बीसीसीआई अपने बयान में साफ़ कर चुका है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का पालन करेगा। अब इंतजार इस बात का है कि 6 महीने बाद आखिर बीसीसीआई की सूरत किस तरह की होगी।
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