नई दिल्ली:
यह क्रिकेटर है या सुपरमैन....। दक्षिण अफ्रीका की वनडे टीम के कप्तान एबी डिविलियर्स के बारे में वरिष्ठ क्रिकेटरों का यह जुमला अब आम हो चुका है। वाकई मैदान पर एबी को चमक बिखरेते हुए देखना यादगार अनुभव है। बैटिंग हो बॉलिंग, फील्डिंग या फिर विकेटकीपिंग, खेल की हर विधा में डिविलियर्स ऐसे कौशल दिखाते हैं मानो उनमें 440 बोल्ट का करंट दौड़ रहा हो। भारत-द.अफ्रीका की वनडे सीरीज में तेजतर्रार अंदाज में तीन शतक जड़ते हुए उन्होंने न सिर्फ अपने देश को 3-2 के अंतर से सीरीज जीत दिलाई बल्कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी घोषित किए गए। आइए जानते हैं एबी में ऐसा क्या खास है जो उन्हें चमत्कारी खिलाड़ी बना देता है...
बैटिंग में इम्प्रूवाइजेशन
बल्लेबाजी करते हुए एबी विपक्षी गेंदबाजों के लिए अबूझ पहेली साबित होते हैं। यह उनके तेज रिफ़लेक्सेस का ही कमाल है कि वे विकेट के चारों ओर शॉट लगा लेते हैं। 100 के अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाना तो पुरानी बात हुई, डिविलियर्स के विकेट पर रहते हुए आप 150 यहां तक कि 200 के स्ट्राइक रेट से रन बनाने के बारे में भी सोच सकते हैं। वनडे में अब आपकी सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप अपने शॉट्स को कितना इम्प्रूवाइज करते हैं, इस मामले में डिविलियर्स बेजोड़ हैं।
श्रीलंका के तिलकरत्ने की पहचान अगर 'डेल स्कूप', महेंद्र सिंह धोनी की 'हेलीकॉप्टर शॉट' और हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग की पहचान 'अपर कट' के लिए है तो एबी के पास ऐसे इम्प्रूवाइज्ड स्ट्रोक्स का भंडार है। यार्कर पर छक्का मारने, रिवर्स स्वीप करने और वाइड जाती गेंद को लांग आन पर छक्के के लिए उड़ाने में उन्हें महारत हैं। ऐसे में गेंदबाज यह सोचते रह जाता है कि आखिर डिविलियर्स को कैसी गेंद फेंके। यही कारण है कि वन-डे और टेस्ट दोनों में वे 50 से अधिक के औसत से 7000 से ज्यादा रन बना चुके हैं।
गावसकर और संजय मांजरेकर जैसे पूर्वक्रिकेटर खुले दिल से उनकी सराहना करते हैं। विराट कोहली ने तो चेन्नई के चौथे वनडे में एबी के तेज शतक के बाद यहां तक कहा था, 'जब यह खिलाड़ी एक के बाद एक शॉट लगा रहा था तो मेरा कलेजा मुंह को आ गया था। चूंकि एबी खुद अपनी तारीफ नहीं करते, इसलिए मैं कर रहा हूं।'
फील्डिंग में दिलाते हैं जोंटी की याद
क्षेत्ररक्षण करते हुए एबी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक जोंटी रोड्स की याद दिलाते हैं। उनके रहते बल्लेबाजों के लिए रन चुराना मुश्किल होता है। विकेट पर उनका निशाना बेहद अचूक होता हैं। कई बार तो वे डाइव लगाते हुए इसी मुद्रा में थ्रो कर विकेट उड़ा देते हैं और क्रीज पर बाहर रह गया बल्लेबाज अपने को रनआउट होता देखता रह जाता है। विकेट के नजदीक फील्डिंग करनी हो या आउटफील्ड में, एबी की दोनों में महारत हैं। मौजूदा समय में दुनिया के श्रेष्ठ फील्डर्स में उनका नाम भी शामिल किया जाता है। 195 वनडे मैचों में 159 कैच (इसमें बतौर विकेटकीपर कैच भी शामिल) वे कर चुके हैं।
विकेट के पीछे भी इतने ही चुस्त
डिविलियर्स के तेज रिफ़लेक्सेस उन्हें विकेटकीपिंग करते हुए भी बेहद चौकन्ना बनाते हैं। विकेट के पीछे वे कई बेहतरीन कैच पकड़ चुके हैं। 59वनडे मैचों में विकेटकीपिंग करते हुए एबी ने 97 शिकार किए हैं, जिसमें 92 कैच और 5 स्टंपिंग शामिल हैं। बाउचर और फिर डिकॉक के उभरकर आने के बाद इन दिनों वे विकेटकीपर बल्लेबाज के बजाय बल्लेबाज की हैसियत से ही मैच खेल रहे हैं।
वनडे के लिहाज से उपयोगी गेंदबाज भी
यही नहीं, जरूरत पड़ने पर एबी को गेंदबाजी करते हुए भी देखा जा सकता है। टेस्ट मैच तो नहीं, वनडे में कई मौकों पर उनकी गेंदबाजी टीम के लिए उपयोगी रही है। 195 मैचों में 28 रन प्रति विकेट के आसपास के औसत से 7 विकेट उनके नाम पर हैं।
बैटिंग में इम्प्रूवाइजेशन
बल्लेबाजी करते हुए एबी विपक्षी गेंदबाजों के लिए अबूझ पहेली साबित होते हैं। यह उनके तेज रिफ़लेक्सेस का ही कमाल है कि वे विकेट के चारों ओर शॉट लगा लेते हैं। 100 के अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाना तो पुरानी बात हुई, डिविलियर्स के विकेट पर रहते हुए आप 150 यहां तक कि 200 के स्ट्राइक रेट से रन बनाने के बारे में भी सोच सकते हैं। वनडे में अब आपकी सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप अपने शॉट्स को कितना इम्प्रूवाइज करते हैं, इस मामले में डिविलियर्स बेजोड़ हैं।
श्रीलंका के तिलकरत्ने की पहचान अगर 'डेल स्कूप', महेंद्र सिंह धोनी की 'हेलीकॉप्टर शॉट' और हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग की पहचान 'अपर कट' के लिए है तो एबी के पास ऐसे इम्प्रूवाइज्ड स्ट्रोक्स का भंडार है। यार्कर पर छक्का मारने, रिवर्स स्वीप करने और वाइड जाती गेंद को लांग आन पर छक्के के लिए उड़ाने में उन्हें महारत हैं। ऐसे में गेंदबाज यह सोचते रह जाता है कि आखिर डिविलियर्स को कैसी गेंद फेंके। यही कारण है कि वन-डे और टेस्ट दोनों में वे 50 से अधिक के औसत से 7000 से ज्यादा रन बना चुके हैं।
गावसकर और संजय मांजरेकर जैसे पूर्वक्रिकेटर खुले दिल से उनकी सराहना करते हैं। विराट कोहली ने तो चेन्नई के चौथे वनडे में एबी के तेज शतक के बाद यहां तक कहा था, 'जब यह खिलाड़ी एक के बाद एक शॉट लगा रहा था तो मेरा कलेजा मुंह को आ गया था। चूंकि एबी खुद अपनी तारीफ नहीं करते, इसलिए मैं कर रहा हूं।'
फील्डिंग में दिलाते हैं जोंटी की याद
क्षेत्ररक्षण करते हुए एबी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक जोंटी रोड्स की याद दिलाते हैं। उनके रहते बल्लेबाजों के लिए रन चुराना मुश्किल होता है। विकेट पर उनका निशाना बेहद अचूक होता हैं। कई बार तो वे डाइव लगाते हुए इसी मुद्रा में थ्रो कर विकेट उड़ा देते हैं और क्रीज पर बाहर रह गया बल्लेबाज अपने को रनआउट होता देखता रह जाता है। विकेट के नजदीक फील्डिंग करनी हो या आउटफील्ड में, एबी की दोनों में महारत हैं। मौजूदा समय में दुनिया के श्रेष्ठ फील्डर्स में उनका नाम भी शामिल किया जाता है। 195 वनडे मैचों में 159 कैच (इसमें बतौर विकेटकीपर कैच भी शामिल) वे कर चुके हैं।
विकेट के पीछे भी इतने ही चुस्त
डिविलियर्स के तेज रिफ़लेक्सेस उन्हें विकेटकीपिंग करते हुए भी बेहद चौकन्ना बनाते हैं। विकेट के पीछे वे कई बेहतरीन कैच पकड़ चुके हैं। 59वनडे मैचों में विकेटकीपिंग करते हुए एबी ने 97 शिकार किए हैं, जिसमें 92 कैच और 5 स्टंपिंग शामिल हैं। बाउचर और फिर डिकॉक के उभरकर आने के बाद इन दिनों वे विकेटकीपर बल्लेबाज के बजाय बल्लेबाज की हैसियत से ही मैच खेल रहे हैं।
वनडे के लिहाज से उपयोगी गेंदबाज भी
यही नहीं, जरूरत पड़ने पर एबी को गेंदबाजी करते हुए भी देखा जा सकता है। टेस्ट मैच तो नहीं, वनडे में कई मौकों पर उनकी गेंदबाजी टीम के लिए उपयोगी रही है। 195 मैचों में 28 रन प्रति विकेट के आसपास के औसत से 7 विकेट उनके नाम पर हैं।
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