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Sunil Gavaskar: चयनकर्ता ने पान चबाने के कारण इस खिलाड़ी को किया टीम से बाहर! सुनील गावस्कर के खुलासे ने मचाई सनसनी

Sunil Gavaskar: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में हुए तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में भले ही भारत को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन टीम इंडिया सरफराज खान और ऋषभ पंत ने वापसी करवाने का जो प्रयास किया था, वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ था.

Sunil Gavaskar: चयनकर्ता ने पान चबाने के कारण इस खिलाड़ी को किया टीम से बाहर! सुनील गावस्कर के खुलासे ने मचाई सनसनी
Sunil Gavaskar: सुनील गावस्कर ने खुलासा किया है कि उनके खेल के दिनों में एक खिलाड़ी को टीम से इसलिए बाहर कर दिया गया था क्योंकि उसने पान चबाया था

Sunil Gavaskar on Karsan Ghavri: बेंगलुरु में न्यूजीलैंड ने भारत को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में 8 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया. यह साल 1988 के बाद न्यूजीलैंड की भारतीय सरजमीं पर पहली टेस्ट जीत है. विलियम ओ'रूर्के और मैट हेनरी की धारदार गेंदबाजी के दम पर न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को पहली पारी में सिर्फ 46 रनों पर समेट दिया. इसके बाद न्यूजीलैंड के लिए रचिन रवींद्र ने पहली पारी में 134 रन बनाए. रचिन के शतक के दम पर न्यूजीलैंड पहली पारी में 402 रन बनाने में सफल हुई और उसने भारत पर 356 रनों की बढ़त हासिल की. लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने दूसरी पारी में वापसी का प्रयास किया.

जहां रोहित शर्मा और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने पहले विकेट के लिए 72 रनों की साझेदारी की तो विराट कोहली और सरफराज खान के बीच दूसरे तीसरे विकेट के लिए 136 रनों की साझेदारी हुई. सरफराज ने इसके बाद ऋषभ पंत के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 177 रनों की साझेदारी की. भारतीय टीम इस साझेदारी के दम पर मैच में वापसी कर चुकी थी, लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड ने गेंदबाजों ने पलटवार किया और भारतीय टीम को 462 रनों पर समेट दिया. इस मैच में सबसे अधिक चर्चा सरफराज और ऋषभ पंत की बल्लेबाजी की हुई, जिन्होंने लगभग तीन सत्र तक बल्लेबाजी की और 195 गेंदों का सामना किया. सरफराज ने 150 रन बनाए और इस दौरान उन्होंने विकेट के पीछे वी में 59 रन बटोरे.

सरफराज खान ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान अपना डेब्यू किया था. हालांकि, उन्हें अपने डेब्यू से पहले लंबा इंतजार करना पड़ा था, इस बात को दरकिनार करते हुए कि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन किया है. सरफराज खान को टीम इंडिया में शामिल नहीं किए जाने के पीछे, उनकी फिटनेस एक अहम कारणों में से एक था. वहीं सरफराज की इस पारी के बाद पूर्व भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर ने बड़ा बयान देते हुए कहा खेल में पतली कमर फिटनेस का एक मानक नहीं हो सकता है.

गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में लिखा,"यदि कभी इस बात का प्रमाण चाहिए था कि खेलों में फिटनेस का कोई एक मानक नहीं हो सकता है, तो यह बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में प्रदान किया गया था. दो खिलाड़ियों, जिनकी कमर को उनके सबसे उत्साही प्रशंसक भी सुपर स्लिम नहीं कहेंगे, ने 177 रनों की शानदार साझेदारी की, जिसने भारत को पारी की हार से बचा लिया."

सुनील गावस्कर ने अपने इस कॉलम में फिटनेस को लेकर होने वाले यो-यो टेस्ट को खत्म करने की भी बात कही. सुनील गावस्कर ने फिटनेस के मानकों पर सवाल उठाते हुए लिखा,"किसी भी मामले में, हम आधुनिक समय में किस प्रकार की फिटनेस पर चर्चा कर रहे हैं, जहां एक ओवर फेंकने के बाद सीमा रेखा के किनारे ड्रिंक गेंदबाज का इंतजार कर रही होती है, और कभी-कभी दूसरी ओर से डिलीवरी के बीच कंधे की त्वरित मालिश भी प्राप्त करते हैं?"

गावस्कर ने आगे लिखा,"हम किस फिटनेस की बात कर रहे हैं, जब बल्लेबाजों को हर दूसरे ओवर के बाद ड्रिंक मिलती है और रिज़र्व खिलाड़ी दस्ताने बदलने के लिए दौड़ता है? न केवल बल्लेबाज बल्कि दूसरे छोर पर उसके साथी को भी ड्रिंक मिलती है, भले ही वह कुछ गेंद पहले ही बल्लेबाजी करने आया हो. अंपायर इस पर आंखें मूंद लेते हैं, उन्हें लगता है कि जब तक खेल में देरी नहीं होगी, खिलाड़ी अपना जलपान कर सकते हैं. टीवी प्रसारकों को भी कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि वे किसी अन्य विज्ञापन में फिसल सकते हैं - इसलिए दर्शकों को छोड़कर हर कोई खुश है, जो लगभग हर टेस्ट मैच के दिन के अंत में 90 ओवर देखने को नहीं मिलते जो उन्हें देखने चाहिए."

इस दौरान गावस्कर ने एक किस्सा भी बताया जब उनके एक साथी को इसलिए टीम में जगह नहीं दी गई क्योंकि वो पान चबाता था. गावस्कर ने लिखा,"मेरे खेलने के दिनों में, करसन घावरी को न्यूजीलैंड और वेस्ट इंडीज के दोहरे दौरों के लिए नहीं चुना गया था, जाहिरा तौर पर क्योंकि उन्होंने पान चबाया था, जिसे एक अत्यधिक अस्थिर चयनकर्ता ने उचित नहीं माना, जिसने अपने पूरे जीवन में केवल लॉर्ड्स में अपने दोस्तों को प्रभावित करने की कोशिश की."

गावस्कर ने आगे लिखा,"यह सिर्फ उनकी बात नहीं है - भारत में कई लोगों की यह अजीब धारणा है कि पतली कमर एक फिट व्यक्ति का प्रतीक है. हमने कितनी बार किसी को पतली कमर वाले व्यक्ति को देखकर यह कहते हुए सुना है कि वे कितने फिट हैं? खेल फिटनेस केवल पतली कमर पर निर्भर नहीं करती. अगर दिमाग मजबूत है तो शारीरिक फिटनेस को काफी हद तक इससे नियंत्रित किया जा सकता है."

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