केएल राहुल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए शुक्रवार की सुबह कुछ ठीक नहीं रही। टॉस हारने के बाद बैटिंग करने उतरी टीम इंडिया के ओपनर केएल राहुल और अजिंक्य रहाणे स्कोरर्स को तकलीफ दिए बिना ही पैवेलियन लौट गए। इससे भले ही टीम संकट में पड़ती नजर आ रही हो और राहुल की अपनी जगह मुश्किल में दिख रही हो, लेकिन आंकड़े दूसरी पारी में उनके शतक की ओर इशारा कर रहे हैं। आइए समझें कैसे...
क्या कहते हैं आंकड़े...
यह राहुल का पांचवां टेस्ट मैच है। इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर करियर की शुरुआत करते हुए आखिरी दो टेस्ट मैच खेले थे। जहां उन्होंने पहली दो परियों में केवल 3 और 1 रन बनाए। उसके बाद अगले मैच की पहली पारी में शानदार 110 रन बनाए। हालांकि इसी मैच की अगली पारी में वह केवल 10 रन बना पाए। जब भारत को लगा कि उन्हें अच्छा ओपनर मिल गया है तो वह अगले मैच की दोनों पारियों में केवल 7 और 5 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद अगले मैच में उन्होंने बेहतरीन 108 रन ठोंक दिए। इतना ही नहीं इस शानदार पारी के लिए उनको "मैन ऑफ द मैच" भी मिला। हालांकि इसी मैच की आखिरी पारी में राहुल केवल 2 रन ही बना पाए थे।
...तो अब शतक
इस तरह अगर राहुल की कुल 9 पारियों को देखें तो एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि या तो वे शतक बनाते हैं या उनकी पारी दस रन से आगे नहीं बढ़ पाती। और वह हर तीसरी और चौथी पारी में शतक बनाते हैं। तो हम यह उम्मीद कर सकते है कि राहुल दूसरी पारी में शतक बनाएंगे, जिसकी टीम और खुद राहुल को खासी जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि जहां टीम को सीरीज जीतने के लिए शतक और उससे बड़ी पारी चाहिए, वहीं दूसरी ओर अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में शिखर धवन और मुरली विजय की वापसी की स्थिति में टीम में जगह बनाने के लिए राहुल को दूसरी पारी में बड़ा स्कोर बनाना ही होगा।
वैसे यह भी एक रोचक तथ्य है कि एक युवा बल्लेबाज, जिसने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में कुल पांच टेस्ट मैच खेले हों यानी विदेशी और मुश्किल पिचों पर, लेकिन इनमें दो शतक दिए हों और बाकी पारियों में उसका प्रदर्शन लगभग जीरो रहा हो।
क्या कहते हैं आंकड़े...
यह राहुल का पांचवां टेस्ट मैच है। इससे पहले उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर करियर की शुरुआत करते हुए आखिरी दो टेस्ट मैच खेले थे। जहां उन्होंने पहली दो परियों में केवल 3 और 1 रन बनाए। उसके बाद अगले मैच की पहली पारी में शानदार 110 रन बनाए। हालांकि इसी मैच की अगली पारी में वह केवल 10 रन बना पाए। जब भारत को लगा कि उन्हें अच्छा ओपनर मिल गया है तो वह अगले मैच की दोनों पारियों में केवल 7 और 5 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद अगले मैच में उन्होंने बेहतरीन 108 रन ठोंक दिए। इतना ही नहीं इस शानदार पारी के लिए उनको "मैन ऑफ द मैच" भी मिला। हालांकि इसी मैच की आखिरी पारी में राहुल केवल 2 रन ही बना पाए थे।
...तो अब शतक
इस तरह अगर राहुल की कुल 9 पारियों को देखें तो एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि या तो वे शतक बनाते हैं या उनकी पारी दस रन से आगे नहीं बढ़ पाती। और वह हर तीसरी और चौथी पारी में शतक बनाते हैं। तो हम यह उम्मीद कर सकते है कि राहुल दूसरी पारी में शतक बनाएंगे, जिसकी टीम और खुद राहुल को खासी जरूरत पड़ सकती है, क्योंकि जहां टीम को सीरीज जीतने के लिए शतक और उससे बड़ी पारी चाहिए, वहीं दूसरी ओर अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में शिखर धवन और मुरली विजय की वापसी की स्थिति में टीम में जगह बनाने के लिए राहुल को दूसरी पारी में बड़ा स्कोर बनाना ही होगा।
वैसे यह भी एक रोचक तथ्य है कि एक युवा बल्लेबाज, जिसने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका में कुल पांच टेस्ट मैच खेले हों यानी विदेशी और मुश्किल पिचों पर, लेकिन इनमें दो शतक दिए हों और बाकी पारियों में उसका प्रदर्शन लगभग जीरो रहा हो।
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