नई दिल्ली:
क्रिकेटर श्रीसंत के एक मित्र सहित चार और व्यक्तियों को दिल्ली में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में गिरफ्तार कर लिया गया जबकि जांचकर्ताओं ने इस मामले में शामिल और सट्टेबाजों को पकड़ने के लिए छापेमारी की।
इसके साथ ही गत 16 मई को इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद से इसमें गिरफ्तार हुए व्यक्तियों की संख्या 26 हो गई है जिसमें श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण शामिल हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि कथित रूप से क्रिकेटर श्रीसंत की गिरफ्तारी के बाद उसका पैसा और कुछ अन्य वस्तुएं छुपाने में मदद करने वाला उसका मित्र अभिषेक शुक्ला हाल में गिरफ्तार चार व्यक्तियों में शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि जांच में कल शामिल होने वाले शुक्ला पर धारा 201 के तहत आरोप लगाये गये हैं और उसे वे वस्तुएं और श्रीसंत का पैसा बरामद करने के लिए मुम्बई ले जाया गया है जो उसने छुपाये थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीसंत को कथित स्पॉट फिक्सिंग के लिए जो 10 लाख रुपये मिले थे उसमें से हमें पांच लाख रुपये का हिसाब किताब मिल गया है। शुक्ला ने कथित रूप से श्रीसंत और क्रिकेटर के मित्र जीजू जनार्दन का बाकी का पैसा छुपा दिया था।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीसंत की गिरफ्तारी के तत्काल बाद जीजू ने शुक्ला को फोन करके उसे श्रीसंत का कमरा साफ करने के लिए कहा था।’’ तीन अन्य गिरफ्तारियां राजस्थान रॉयल के अन्य खिलाड़ी चांदीला से संबंधित हैं जो कि पहले से ही पुलिस की हिरासत में है। इनकी गिरफ्तारियां बाऊंसर भूपेंदर नागर के पुलिस के जाल में फंसने के बाद हुई हैं।
तीनों की पहचान बाऊंसर विक्की चौधरी, दो कथित सट्टेबाज नितिन जैन और विनोद शर्मा के रूप में हुई है। विक्की चौधरी ने ही चांदीला का परिचय नितिन जैन और विनोद शर्मा से कराया था। शर्मा की प्रॉपटी डीलिंग कंपनी है जबकि जैन एक कारखाने का मालिक है जिसमें कंबल और तकिया बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान बनता है।
पुलिस ने बताया कि विक्की राजधानी में दो नाइट क्लब के मुख्य सुरक्षा अधिकारी नागर का मित्र है। वह नागर ही था जो चंदीला को विक्की के पास लेकर गया था। विक्की ने दो सट्टेबाजों की तरफ से सम्पर्क की इच्छा जतायी थी।
सट्टेबाजों ने नागर और विक्की के साथ चंदीला से जयपुर में मुलाकात की थी। यह मुलाकात मई के दूसरे सप्ताह में रांची में केकेआर और आरसीबी के बीच होने वाले एक मैच से पहले हुई थी।
पुलिस ने कहा कि सट्टेबाजों ने उससे पूछा कि मैच कौन जीतेगा और चंदीला ने उन्हें बताया कि केकेआर जीतेगा और अंतत: ऐसा ही हुआ। इससे संदेह उत्पन्न हुआ कि हो सकता है कि मैच फिक्स हो लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास इसे साबित करने का कोई सबूत नहीं है।
सरकार, जिसका बीसीसीआई पर कोई नियंत्रण नहीं है, ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की। खेल मंत्रालय ने बयान देते हुए नैतिकता के आधार पर श्रीनिवासन को इस्तीफे देने को कहा। खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बीसीसीआई मैच और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। जांच में हितों का टकराव है इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को जांच का नतीजा सामने आने तक नैतिक कारणों से इस्तीफा देना चाहिए।’’
मंत्रालय ने कहा कि वे इस मामले पर नजर रखे हुए हैं और साथ ही खेलों के लिए मजबूत भ्रष्टाचार रोधी कानून लाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
इस बीच कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चौटा, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले को जांच आयोग के सदस्य नियुक्त किया गया।
दोनों न्यायधीशों ने वादा किया कि मयप्पन और चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक इंडिया सीमेंट्स के खिलाफ जांच स्वतंत्र होगी और वे किसी भी दबाव में नहीं होंगे।
इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद से ही श्रीनिवासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए पद छोड़ने से इनकार कर दिया है और साथ ही जोर देकर कहा है कि उनका इस्तीफे की मांग सिर्फ उनके पीछे पड़ा मीडिया कर रहा है।
आज की मांग से हालांकि संकेत जा रहे हैं कि बोर्ड के अहम सदस्यों ने अपना रुख कड़ा कर दिया है जिसमें कई सक्रिय राजनेता भी शामिल हैं और वे अन्य लोगों को भी इस तरह की मांग के लिए राजी कर सकते हैं।
शुक्ला ने कहा, ‘‘हम सुझाव देना चाहते हैं कि इस आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए बीसीसीआई बाध्य होगा। ऐसा नहीं होगा कि यह रिपोर्ट बीसीसीआई को भेजी जाए और वे इस पर विचार करे, यह बाध्यकारी होगी। इस पर राजी होना होगा।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं। हमारा यह नजरिया है कि यह अच्छा होगा कि वह प्रक्रिया से दूर रहें। जेटली का भी यही मानना है। हमने यह सुझाव दिया है और इस मुद्दे पर फैसला उन्हें करना है। उन्होंने हमें कहा है कि उनकी कोई गलती नहीं है और उन्हें सजा क्यों दी जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच समिति नियुक्त की गई है और हम चाहते थे कि इसमें बहुमत में लोग बाहर से हों। यही कारण है कि हमने दो न्यायाधीशों को इसमें शामिल किया। हमने सुझाव दिया है कि इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई के पास नहीं जाए और इसके निष्कषरें की जैसे हैं वैसे ही सिफारिश की जाए। हम यही चाहते हैं।’’
इस बीच हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष विनोद ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप बहुमत पर ध्यान देते हैं तो यह स्पष्ट दिखता है कि उनके पद छोड़ने की जरूरत है। जहां तक उनके इस्तीफे का सवाल है, इस पर चर्चा होना लाजमी है।’’
इसके साथ ही गत 16 मई को इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद से इसमें गिरफ्तार हुए व्यक्तियों की संख्या 26 हो गई है जिसमें श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण शामिल हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि कथित रूप से क्रिकेटर श्रीसंत की गिरफ्तारी के बाद उसका पैसा और कुछ अन्य वस्तुएं छुपाने में मदद करने वाला उसका मित्र अभिषेक शुक्ला हाल में गिरफ्तार चार व्यक्तियों में शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि जांच में कल शामिल होने वाले शुक्ला पर धारा 201 के तहत आरोप लगाये गये हैं और उसे वे वस्तुएं और श्रीसंत का पैसा बरामद करने के लिए मुम्बई ले जाया गया है जो उसने छुपाये थे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीसंत को कथित स्पॉट फिक्सिंग के लिए जो 10 लाख रुपये मिले थे उसमें से हमें पांच लाख रुपये का हिसाब किताब मिल गया है। शुक्ला ने कथित रूप से श्रीसंत और क्रिकेटर के मित्र जीजू जनार्दन का बाकी का पैसा छुपा दिया था।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीसंत की गिरफ्तारी के तत्काल बाद जीजू ने शुक्ला को फोन करके उसे श्रीसंत का कमरा साफ करने के लिए कहा था।’’ तीन अन्य गिरफ्तारियां राजस्थान रॉयल के अन्य खिलाड़ी चांदीला से संबंधित हैं जो कि पहले से ही पुलिस की हिरासत में है। इनकी गिरफ्तारियां बाऊंसर भूपेंदर नागर के पुलिस के जाल में फंसने के बाद हुई हैं।
तीनों की पहचान बाऊंसर विक्की चौधरी, दो कथित सट्टेबाज नितिन जैन और विनोद शर्मा के रूप में हुई है। विक्की चौधरी ने ही चांदीला का परिचय नितिन जैन और विनोद शर्मा से कराया था। शर्मा की प्रॉपटी डीलिंग कंपनी है जबकि जैन एक कारखाने का मालिक है जिसमें कंबल और तकिया बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान बनता है।
पुलिस ने बताया कि विक्की राजधानी में दो नाइट क्लब के मुख्य सुरक्षा अधिकारी नागर का मित्र है। वह नागर ही था जो चंदीला को विक्की के पास लेकर गया था। विक्की ने दो सट्टेबाजों की तरफ से सम्पर्क की इच्छा जतायी थी।
सट्टेबाजों ने नागर और विक्की के साथ चंदीला से जयपुर में मुलाकात की थी। यह मुलाकात मई के दूसरे सप्ताह में रांची में केकेआर और आरसीबी के बीच होने वाले एक मैच से पहले हुई थी।
पुलिस ने कहा कि सट्टेबाजों ने उससे पूछा कि मैच कौन जीतेगा और चंदीला ने उन्हें बताया कि केकेआर जीतेगा और अंतत: ऐसा ही हुआ। इससे संदेह उत्पन्न हुआ कि हो सकता है कि मैच फिक्स हो लेकिन दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसके पास इसे साबित करने का कोई सबूत नहीं है।
सरकार, जिसका बीसीसीआई पर कोई नियंत्रण नहीं है, ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की। खेल मंत्रालय ने बयान देते हुए नैतिकता के आधार पर श्रीनिवासन को इस्तीफे देने को कहा। खेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘बीसीसीआई मैच और स्पाट फिक्सिंग के आरोपों की जांच कर रहा है। जांच में हितों का टकराव है इसलिए बीसीसीआई अध्यक्ष को जांच का नतीजा सामने आने तक नैतिक कारणों से इस्तीफा देना चाहिए।’’
मंत्रालय ने कहा कि वे इस मामले पर नजर रखे हुए हैं और साथ ही खेलों के लिए मजबूत भ्रष्टाचार रोधी कानून लाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
इस बीच कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चौटा, मद्रास उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले को जांच आयोग के सदस्य नियुक्त किया गया।
दोनों न्यायधीशों ने वादा किया कि मयप्पन और चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक इंडिया सीमेंट्स के खिलाफ जांच स्वतंत्र होगी और वे किसी भी दबाव में नहीं होंगे।
इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद से ही श्रीनिवासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए पद छोड़ने से इनकार कर दिया है और साथ ही जोर देकर कहा है कि उनका इस्तीफे की मांग सिर्फ उनके पीछे पड़ा मीडिया कर रहा है।
आज की मांग से हालांकि संकेत जा रहे हैं कि बोर्ड के अहम सदस्यों ने अपना रुख कड़ा कर दिया है जिसमें कई सक्रिय राजनेता भी शामिल हैं और वे अन्य लोगों को भी इस तरह की मांग के लिए राजी कर सकते हैं।
शुक्ला ने कहा, ‘‘हम सुझाव देना चाहते हैं कि इस आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए बीसीसीआई बाध्य होगा। ऐसा नहीं होगा कि यह रिपोर्ट बीसीसीआई को भेजी जाए और वे इस पर विचार करे, यह बाध्यकारी होगी। इस पर राजी होना होगा।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं। हमारा यह नजरिया है कि यह अच्छा होगा कि वह प्रक्रिया से दूर रहें। जेटली का भी यही मानना है। हमने यह सुझाव दिया है और इस मुद्दे पर फैसला उन्हें करना है। उन्होंने हमें कहा है कि उनकी कोई गलती नहीं है और उन्हें सजा क्यों दी जाए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच समिति नियुक्त की गई है और हम चाहते थे कि इसमें बहुमत में लोग बाहर से हों। यही कारण है कि हमने दो न्यायाधीशों को इसमें शामिल किया। हमने सुझाव दिया है कि इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई के पास नहीं जाए और इसके निष्कषरें की जैसे हैं वैसे ही सिफारिश की जाए। हम यही चाहते हैं।’’
इस बीच हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष विनोद ने भी श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘‘जब आप बहुमत पर ध्यान देते हैं तो यह स्पष्ट दिखता है कि उनके पद छोड़ने की जरूरत है। जहां तक उनके इस्तीफे का सवाल है, इस पर चर्चा होना लाजमी है।’’
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