
पिछले काफी समय से सौरव गांगुली और एमएस धोनी की कप्तानी को लेकर आपस में तुलना हो रही है. इन दोनों के बीच अंतर को पिछले दिनों गौतम गंभीर ने अपने ही तरीके से बयां किया था. लेकिन अब यह सवाल पूछने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है कि बतौर कप्तान सौरव गांगुली का भारतीय क्रिकेट पर ज्यादा असर रहा या फिर एमएस धोनी का? अब इस बारे में विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने अपने विचार स्टार स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम में रखे.
पार्थिव ने कहा कि दोनों कप्तानों के बीच तुलना एक स्वाभाविक सी बात है. एक कप्तान के पास कई ट्रॉफियां हैं, तो दूसरे ने एक बेहतरीन टीम खड़ी की. इस विकेटकीपर ने कहा कि जब साल 2000 में सौरव भारतीय टीम के कप्तान बने, तो भारतीय क्रिकेट बहुत ही मुश्किल समय से गुजर रही थी. जो टीम सौरव ने तैयार की, उसने विदेश में जीत दर्ज की. ऐसा नहीं है कि हम पहले विदेश में नहीं जीते, लेकिन उनके अंडर में हमने हेडिग्ले, ऑस्ट्रेलिया और फिर पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज जीतीं.
पार्थिव ने कहा कि अगर आप साल 2003 वर्ल्ड कप की बात करते हो, तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचेगा. वहीं, अगर आप एमएस धोनी के बारे में बात करते, तो उनकी कप्तानी में भारत ने कई ट्रॉफियां जीती हैं. वह इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने इतनी ज्यादा ट्रॉफियां जीती हैं, लेकिन अगर मुझे वोट देना हो तो मेरा वोट दादा के लिए होगा क्योंकि उन्होंने शून्य से टीम तैयार की.
इसी बीच, हाल ही में पाकिस्तान के लोकप्रिय विकेटकीपर रहे कामरान अकमल ने एमएस धोनी को भारत का सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ कप्तान करार दिया था. अकमल ने कहा था कि इतने स्थायित्व के साथ मैच जिताऊ पारियां खेलना धोनी को बाकी कप्तानों से अलग करता है. अकमल ने कहा था कि एमएस भारत के सर्वकलिक सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर ही नहीं, बल्कि कप्तान भी हैं. जो भी उन्होंने हासिल किया, वह अविश्वसनीय है.
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