
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने इस बात पर हैरानी जताई है कि बीसीसीआई ने जो 10 नए नियम बनाए हैं, उसमें टीम के साथ यात्रा करना क्यों जरुरू बनाया है. अपने यूट्यूब चैनल पर बोलते हुए, चोपड़ा ने इस तरह के नियम की आवश्यकता पर सवाल उठाया और सुझाव दिया कि इसे पहले के दुरुपयोग के कारण पेश किया गया हो सकता है. बता दें, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को मिली हार के बाद बीसीसीआई ने एक्शन लेते हुए खिलाड़ियों के लिए 10 प्वाइंट्स की एक पॉलिसी जारी की है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में मिली हार के बाद टीम में 'अनुशासन, एकता और सकारात्मक माहौल' को बढ़ावा देने के लिए बीसीसीआई ने एक अभूतपूर्व क़दम उठाते हुए 10 बिंदुओं का एक गाइडलाइन डॉक्यूमेंट जारी किया है. इसका पालन ना करने पर बीसीसीआई ना सिर्फ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है, बल्कि उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म करते हुए उन पर आईपीएल और घरेलू क्रिकेट खेलने पर प्रतिबंध भी लगा सकता है.
'पालिसी डॉक्यूमेंट फॉर टीम इंडिया ' नामक यह डॉक्यूमेंट गुरूवार को खिलाड़ियों को भेजा गया, जिसमें पिछले सप्ताह हुई रिव्यू मीटिंग के सलाह शामिल हैं. यह मीटिंग न्यूज़ीलैंड सीरीज़ और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में मिली करारी हार के बाद बुलाई गयी थी, जिसमें टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर, टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर सहित बीसीसीआई के नए सचिव बने देवजीत सैकिया ने भी हिस्सा लिया था.
दौरे, मैच और अभ्यास के लिए खिलाड़ी अलग से यात्रा नहीं कर सकेंगे
बीसीसीआई की इस मीटिंग में कहा गया कि कुछ खिलाड़ी मैच या अभ्यास के लिए टीम बस की जगह अपनी अलग से यात्रा करते हैं, जिससे टीम का अनुशासन भंग होता है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि कुछ खिलाड़ी अभ्यास सत्रों में ग्रुप के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, जिससे टीम का माहौल ख़राब होता है.
बीसीसीआई ने कहा है कि अगर किसी खिलाड़ी को किन्हीं विशेष परिस्थितियों में मैच या ट्रेनिंग के लिए अलग से यात्रा करनी है तो उन्हें मुख्य कोच या मुख्य चयनकर्ता से पहले से अनुमति लेनी होगी. इसके अलावा उन्हें किसी अभ्यास सत्र में पूरे समय तक रहना होगा, भले ही उनकी ट्रेनिंग पहले समाप्त हो गई हो.
आकाश चोपड़ा ने उठाए सवाल
आकाश चोपड़ा ने अपने यू-ट्यूब चैनल को लेकर कहा,"मैं बहुत हैरान हूं इस नियम को लेकर कि यह आया क्यों हैं. प्रैक्टिस पर जाना, मैच पर जान, ये तो टीम के साथ ही होता है. होटल से एक निकलने का टाइम होता है, उसके बाद आप मैदान पर पहुंचते हैं. मैदान पर सारी टीम एकत्रित रहती है. जब प्रैक्टिस खत्म होती है तो सारे साथ में चले जाते हैं. यह तो बहुत साधारण सी बात है. हमेशा से ऐसा होता है. किसी को ज्यादा प्रैक्टिस करनी होती है तो वह हाथ पांव जोड़ लेता है कोच के, कोई जल्दी निकल जाता है, क्या ऐसा भी हो रहा है."
बहुत सारी चीजें अब साफ तौर पर निकलकर आने लग गई है, ये नियम जब आ रहा है, इसका मतलब कुछ तो पहले एब्यूज हुआ होगा, जो अब नियमों की बात हो रही है. तो इसमें अब यह कहा गया है कि टीम के साथ जाएंगे, प्रैक्टिस हो या मैच हो. यानि कि अपने आप यह समझ में आता है कि नहीं जा रहे थे लोग. वो अपनी-अपनी गाड़ियों में जा रहे थे, अपनी फैमली के साथ अलग ट्रैवल कर रहे थे. टीम का जो अर्थ है, उस अर्थ को ही खत्म कर दिया गया था कि नहीं आप इकट्ठे नहीं भी रहते हैं तो कई बात नहीं. मुझे पूरा भरोसा है कि सभी खिलाड़ी को ऐसा नहीं कर रहे होंगे."
आकाश चोपड़ा ने आगे सवाल पूछते हुए कहा,"अगर वहीं कोई है कि कह रहा है मैं तो अपनी फैमिली के साथ आया हूं. मैं आपको प्रैक्टिस सेशन पर मिलता हूं क्योंकि मैं ना टीम होटल में नहीं रुकता, मैं कहीं और रुकता हूं. मेरा अपना यहां बंगलो है, मैं यहां रुकूंगा. या फिर ये मेरी सिटी है मैं यहां रुकूंगा, मैं टीम के साथ नहीं आउंगा, मैं टीम होटल में नहीं रहूंगा तो मैं टीम के साथ ट्रेवल क्यों करूं. अगर ऐसा हो रहा था और जिसने भी होने दिया था ये, प्लीज जाइए उसे ढूंढिए और उससे पूछिए कि किसकी वजह से हुआ और क्यों हुआ और किसने ये होने दिया."
(आईएएनएस से इनपुट के साथ)
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