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INDW vs SLW: स्नेह राणा ने महिला वनडे में रचा इतिहास, वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर विश्व क्रिकेट में मचाई खलबली

Sneh Rana Scripts History For India Women ODI: भारत की महिला स्पिनर स्नेह राणा ने इतिहास रच दिया है. भारतीय महिला स्पिनर ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया है जिसने फैन्स को चौंका दिया है.

INDW vs SLW: स्नेह राणा ने महिला वनडे में रचा इतिहास, वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर विश्व क्रिकेट में मचाई खलबली
Sneh Rana World record in WODIs:

Sneh Rana Scripts History For India, Equals World Record: उप-कप्तान स्मृति मंधाना (116) के शानदार शतक तथा स्नेह राणा (4-38) और अमनजोत कौर (3-54) की घातक गेंदबाजी से भारत ने रविवार को आर प्रेमदासा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में श्रीलंका को 97 रनों से हराकर महिला वनडे त्रिकोणीय सीरीज में खिताब जीत लिया. (Sri Lanka Womens Tri-Nation Series, 2025  India Women vs Sri Lanka Women, Final). मंधाना की शानदार बल्लेबाजी की बदौलत भारत ने 50 ओवर में 342/7 का विशाल स्कोर खड़ा किया, जिसके बाद स्नेह ने एक बार फिर भारत के लिए बेहतरीन गेंदबाजी की और चार विकेट चटकाए। दूसरी ओर, अमनजोत ने एक बार फिर तीन विकेट चटकाकर प्रभावित किया, जिससे श्रीलंका की टीम 48.2 ओवर में 245 रन पर आउट हो गई और इस त्रिकोणीय सीरीज की उपविजेता बनी.  इस जीत में भारत की स्पिनर स्नेह राणा  ने एक खास कमाल अपने करियर में कर दिखाया. भारतीय स्पिनर स्नेह राणा ने मैच में कमाल की गेंदबाजी की और  9.2 ओवर में कुल 38 रन देते हुए 4 विकेट झटके. अपनी टीम को फाइनल में 97 रन से जीत दिलाने में स्नेह राणा ने अहम भूमिका निभाई. 

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स्नेह राणा ने वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर रचा इतिहास

बता दें कि स्नेह राणा ने  पूरे सीरीज में कमाल की गेंदबाजी की और कुल 15 विकेट लेने का कमाल किया.  राणा को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज के खिलाफ से नवाजा गया. ऐसा कर राणा ने 25 साल पुराने वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी कर ली.  स्नेह राणा  संयुक्त रूप से एक मल्टी टीम ट्राई सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बन गई हैं. ऐसा कर राणा ने साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया की कैथ्रीन फिट्जपैट्रिक के द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड की बराबरी करने में सफल हो गईं हैं. ऑस्ट्रेलिया की कैथ्रीन फिट्जपैट्रिक ने साल 2003 वर्ल्ड सीरीज के दौरान 15 विकेट लेने में सफल रहीं थीं. इसके अलावा राणा ने महिलाओं की वनडे त्रिकोणीय सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाली भारतीय महिला गेंदबाज भी बन गईं , ऐसा कर राणा ने  नूशिन अल खादीर के भारतीय रिकार्ड भी तोड़ दिया और साथ ही न्यूजीलैंड की राचेल पुल्लर को भी पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने 2002 में इसी प्रारूप में सर्वश्रेष्ठ (12 विकेट) लेने का रिकॉर्ड बनाया था. 

मैच की बात करें तो  भारत ने विशाल स्कोर का बचाव करते हुए शानदार शुरुआत की, जब अमनजोत ने दूसरी पारी की तीसरी गेंद पर हसिनी परेरा को आउट किया। हालांकि चामरी ने दूसरे विकेट के लिए विशमी गुणरत्ने (36) के साथ 68 रनों की साझेदारी की, लेकिन अमनजोत ने 14वें ओवर में विश्मी गुणरत्ने को बोल्ड करके इस साझेदारी को तोड़ दिया.  चामरी को बाद के हिस्से में लय हासिल करने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन वह स्नेह द्वारा आउट किए जाने से पहले अपना अर्धशतक पूरा करने में सफल रहीं. हर्षिता समराविक्रमा और नीलाक्षी डी सिल्वा के बीच 52 रनों की साझेदारी के बावजूद, अमनजोत और स्नेह ने उन्हें आउट करके मैच को भारत के पक्ष में सुनिश्चित किया, क्योंकि उन्होंने फाइनल में शानदार जीत दर्ज की और टूर्नामेंट से पहले पसंदीदा होने के अपने तमगे को सही साबित किया.

इससे पहले शुरुआत में धीमी पिच पर जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, बल्लेबाजी के लिए बेहतर होती गई, स्मृति ने भारत के लिए शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना 11वां वनडे शतक लगाया और अपने स्ट्रोक-प्ले में शानदार प्रदर्शन किया. उनके प्रयासों की बदौलत भारत ने श्रीलंका में महिला वनडे मैच में सबसे बड़ा स्कोर बनाया. इनोका रानावीरा की गेंद पर 21 रन पर जीवनदान मिलने के बाद स्मृति ने अपनी पारी में कोई गलती नहीं की और 31वें ओवर में कप्तान चामरी अथापथु की गेंदों पर लगातार तीन चौकों की मदद से 92 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. 

श्रीलंका के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक लगाने वाली स्मृति को इस तथ्य से भी मदद मिली कि अन्य शीर्ष छह भारतीय बल्लेबाजों में से प्रत्येक ने 30 रन या उससे अधिक रन बनाए. उन्होंने प्रतीक रावल (30) के साथ पहले विकेट के लिए 70 रन की साझेदारी की और फिर हरलीन देओल (47) के साथ दूसरे विकेट के लिए 120 रन की साझेदारी की.

इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर और जेमिमा रोड्रिग्स ने क्रमश: 41 और 44 रन बनाए, इसके बाद दीप्ति शर्मा (नाबाद 20) और अमनजोत कौर (18) की शानदार पारियों की बदौलत भारत 340 रन के पार पहुंचा. श्रीलंका के लिए यह दिन गेंद और फील्डिंग के लिहाज से भूलने लायक रहा, क्योंकि वे बीच के ओवरों में भारतीय स्कोरिंग रेट को कम रखने में असमर्थ रहे.

हालांकि सुगंधिका कुमारी, मलकी मदारा और देवमी विहंगा ने दो-दो विकेट लिए, लेकिन श्रीलंकाई गेंदबाजी आक्रमण में गंभीर पैठ और नियंत्रण की कमी थी। भारत पर दबाव बनाने का कोई स्पष्ट प्रयास नहीं हुआ, खासकर कैच और रन आउट छूटने के कारण, क्योंकि भारत आखिरी चार ओवरों में 90 रन बनाने में सफल रहा और मेजबान टीम के लिए त्रिकोणीय सीरीज का खिताब जीतने के लिए बहुत कठिन चुनौती पेश की. 

इससे पहले, भारत ने तेज गेंदबाजी करने वाली ऑलराउंडर क्रांति गौड़ को डेब्यू का मौका दिया, जिन्हें बाएं हाथ की स्पिनर शुचि उपाध्याय की प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया था.  क्रांति को वनडे डेब्यू का मौका मिलने का मतलब यह भी है कि भारत द्वारा मौजूदा दौरे के लिए चुने गए सभी चार अनकैप्ड खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेल चुके हैं. 

क्रांति घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश और 2025 डब्ल्यूपीएल में यूपी वॉरियर्स के लिए अपने प्रदर्शन के जरिए सुर्खियों में आईं। वह कोलंबो में भारतीय टीम में शामिल हुईं, जब तेज गेंदबाज ऑलराउंडर काशवी गौतम साउथ अफ्रीका के खिलाफ लीग चरण के मैच में खेलते समय लगी पैर की चोट के कारण बाहर हो गईं. 

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संक्षिप्त स्कोर: भारत ने 50 ओवर में 342/7 (स्मृति मंधाना 116, हरलीन देओल 47; सुगंधिका कुमारी 2-59, देवमी विहंगा 2-69) ने श्रीलंका को 48.2 ओवर में 245 (चमारी अथापथु 51, नीलाक्षी डी सिल्वा 48; स्नेह राणा 4-38, अमनजोत कौर 3-54) को 97 रनों से हराया

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