
Census of literacy : 1947 में जब देश आजाद हुआ था तब कुल साक्षरता दर 12 प्रतिशत थी. जिसमें महिलाओं की साक्षरता दर बहुत कम थी. जिसके बाद सरकार ने देश भर में साक्षरता दर में सुधार करने के लिए कई प्रभावशाली शैक्षिक नीतियां लाने का काम किया साथ ही साक्षरता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरूआत भी की. सरकार ने इस्तिहारों, नुक्कड़ नाटकों के जरिए भी शिक्षा के बारे में लोगों को समझाया.
आपतो बता दें कि पिछले कुछ दशकों में सरकार के सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार (आईटीआई) अधिनियम जैसी पहलों के कारण साक्षरता दर में काफी वृद्धि हुई है. आजादी के समय महिलाओं और पुरुषों के बीच साक्षरता का अंतर बहुत कम था. जिसे सरकार ने पाटने का उल्लेखनीय काम किया. सरकार द्वारा 2011 में की गई जनगणना के अनुसार देश में साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत है जिसमें पुरुषों 82.14 प्रतिशत और महिलाएं 65.46 प्रतिशत साक्षर हैं.
MBBS प्रोग्राम के आवेदनकर्ता बाद में भी अपलोड कर सकते हैं ग्यारहवीं की मार्क्सशीट: IP University
इनमें केरल राज्य देश में 93.91 प्रतिशत से सर्वोच्च स्थान पर है. आपको बता दें कि केरल की महिलाएं देश की सबसे पढ़ी-लिखी महिलाएं हैं. यहां महिलाओं का शिक्षा दर 91.98 प्रतिशत है, जो कि भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा है.
इसके बाद लक्षदीप, मिजोरम, त्रिपुरा, गोवा, दमन औऱ दीव, पुडुचुरी, चंडीगढ़, दिल्ली, अंडमान और निकोबार,हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, नागालैंड, मणिपुर,गुजरात, उत्तराखंड, दादर नागर हवेली, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, मेघालय आदि महिलाओं की महिलाएं ज्यादा साक्षर हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं