शिखर धवन को गौतम गंभीर पर तरजीह देने का कप्‍तान विराट कोहली का फैसला गलत रहा...

शिखर धवन को गौतम गंभीर पर तरजीह देने का कप्‍तान विराट कोहली का फैसला गलत रहा...

शिखर धवन का खराब फॉर्म टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • ईडन गार्डंस पर महज एक रन बनाकर आउट हो गए धवन
  • टीम प्रबंधन के लिए चिंता का कारण बन रहा धवन का फॉर्म
  • चोटिल राहुल की जगह गौतम गंभीर को मिला था टीम में स्‍थान

भारत और न्‍यूजीलैंड के बीच दूसरे टेस्‍ट मैच के पहले 'इन फॉर्म' केएल राहुल का चोटग्रस्‍त होना टीम इंडिया के लिए झटके की तरह रहा. राहुल की जगह दिल्‍ली के बाएं हाथ के बल्‍लेबाज गौतम गंभीर को टीम में स्‍थान दिया गया जबकि एक अन्‍य ओपनर शिखर धवन पहले ही टीम में मौजूद थे. ऐसे में पहले दिन, क्रिकेटप्रेमियों की जिज्ञासा इस बात को लेकर थी कि शिखर धवन और गौतम गंभीर में से किसे मुरली विजय के सहयोगी ओपनर चुना जाएगा. ये दोनों बल्‍लेबाज आक्रामक अंदाज में खेलते हुए तेजी से स्‍कोर बढ़ाने में यकीन रखते हैं.आखिरकार फैसला 'गब्बर' के नाम से लोकप्रिय शिखर धवन के पक्ष में गया.

धवन और गंभीर, दोनों के अपने 'प्‍लस' और 'माइनस' प्‍वाइंट थे. जहां गौतम गंभीर के पक्ष में यह बात थी कि उन्‍होंने दलीप ट्रॉफी में हाल ही में बल्‍ले से अच्‍छा प्रदर्शन किया था. इसके अलावा टेस्‍ट क्रिकेट में  उनका औसत बेहतरीन (42.58) रहा है. वहीं अगस्‍त 2014 के बाद कोई टेस्‍ट नहीं खेलना तथा 35 वर्ष की उम्र होना उनके खिलाफ जा रहा था. गौतम गंभीर और कप्‍तान विराट कोहली के रिश्‍ते सहज न होने के बात भी मीडिया में उठाई जा रही थी. धवन के लिहाज से बात करें तो गौतम के मुकाबले कम उम्र का होना और कप्‍तान कोहली का विश्‍वस्‍त होना उनके पक्ष में माना गया. बल्‍लेबाजी औसत में वे गंभीर से थोड़े ही पीछे (40.16) हैं, लेकिन उनका हाल का प्रदर्शन कोई खास नहीं रहा है.

वेस्‍टइंडीज के खिलाफ, कैरेबियन मैदानों पर हुई सीरीज के पहले टेस्‍ट में उन्‍होंने 84 रन बनाकर अच्‍छी शुरुआत की थी लेकिन इसके बाद अगली तीन पारियों में वे 54 रन ही बना पाए थे. रन बनाने में नाकामी से कहीं अधिक धवन के आउट होने का तरीका प्रबंधन के लिए चिंता का कारण बन रहा था. उन्‍होंने ज्‍यादातर बार गैरजिम्‍मेदाराना शॉटखेलते हुए अपना विकेट गंवाया. वैसे भी अपने करियर के पहले टेस्‍ट में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ 187 रनों के धमाकेदार पारी खेलने के बाद धवन के प्रदर्शन में स्थिरता का अभाव रहा है. उनका बल्‍लेबाजी प्रदर्शन 'कभी अच्‍छे और कभी कमजोर' के बीच झूलता रहा है. 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में भी धवन बड़ा स्‍कोर नहीं बना पाए थे और सेट होने के बाद विकेट गंवाने की चूक उन्‍हें भारी पड़ी थी.मोहाली में हुए सीरीज के पहले टेस्‍ट में तो वे दोनों पारियों में 0 पर आउट हुए थे.

ऐसी स्थिति में शिखर और गंभीर में किसी एक को चुनना कप्‍तान विराट कोहली और कोच अनिल कुंबले के लिए आसान नहीं था. आखिरकार शिखर धवन को टीम में स्‍थान मिला. यह अलग बात रही कि धवन पहली पारी में तो इस मौके का लाभ नहीं उठा सके और महज एक रन बनाकर वाटलिंग की गेंद पर बोल्‍ड हो गए. विकेट पर निगाह जमाए बिना उन्‍होंने आड़े बल्‍ले से कट शॉट लगाने की कोशिश की और अपना विकेट और हासिल हुआ मौका गंवा बैठे. स्‍वाभाविक रूप से, इस नाकामी के बाद गंभीर पर तरजीह देते हुए उन्‍हें प्‍लेइंग इलेवन में स्‍थान देने के फैसले पर सवाल तो उठेंगे ही ..


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