इधर हम इंग्लैंड के उन 325 रनों को लेकर तनाव में थे, उधर सहवाग सीटी बजा रहे थे : गांगुली

इधर हम इंग्लैंड के उन 325 रनों को लेकर तनाव में थे, उधर सहवाग सीटी बजा रहे थे : गांगुली

वीरेंद्र सहवाग (फाइल फोटो)

वीरेंद्र सहवाग के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के बीच सौरभ गांगुली ने बताया कि कैसे सहवाग टेस्ट मैचों में एक क्रांतिकारी ओपनर के तौर पर उभरे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गांगुली बताते हैं कि सहवाग कोई शुरुआत से ही जबरदस्त ओपनर नहीं थे लेकिन बाद में वे जिस रफ्तार से आगे बढ़े, उसके बाद वह दुनिया के सबसे महान बैट्समैन में शामिल हो गए। एक मिडिल-ऑर्डर बैट्समैन से सफल ओपनर बनने तक का सफर और घरेलू ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पिचों पर भी छा जाने का उनका इतिहास असल में शानदार है।

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जब बॉल उनके जोन में आ जाए, तो वे खेलेते हैं बस अपने हिसाब से...
गांगुली के मुताबिक, अग्रेसिव अप्रोच के जरिए उन्होंने ओपनर के रोल को एकदम क्रांतिकारी आयाम दिए। वह हमेशा खुद को बॉलर्स से निपटने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर लेते चाहे उस बॉलर का कितना ही दबदबा क्यों न हो। कई बार रिस्क लेने के चलते उनकी आलोचना भी हुई लेकिन अगर बॉल उनके जोन में आ गई है तो वह उसे फिर अपने ही हिसाब से खेलेंगे। वह या तो बाउंड्री के पार जाएगी या फिर बाउंड्री छुएगी।

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उन्होंने कहा था- कैप्टन, हम इस गेम को जीत जाएंगे...
उनका गजब का आत्मविश्वास उनकी खुद की क्षमता पर अथाह विश्वास के कारण था। मैं नैटवेस्ट ट्रॉफी  के फाइनल मैच को कभी नहीं भूल सकता। जब हम दोनों इंग्लैंड के 325 रनों की पारी को पार करने की कोशिश में थे, तब सहवाग सीटी बजा रहे थे, जबकि मैं बेहद तनाव में था और मैंने उनको काम पर फोकस करने के लिए कहा। उन्होंने मुझे कहा- कैप्टन, हम यह गेम जीत जाएंगे।

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सहवाग चीजों को सिंपल रखते हैं...
सहवाग चीजों को सिंपल रखते हैं। लेकिन, बेसिक्स हमेशा सही रखते हैं। यह मेरा सौभाग्य रहा है कि मैंने उनकी कुछ बेहतरीन पारियां देखी हैं और मैं उनकी 2002 में ट्रेंज ब्रिज में हुए टेस्ट क्रिकेट की इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सेंचुरी को उनकी टेस्ट क्रिकेट में बेस्ट सेंचुरी मानता हूं।