नई दिल्ली:
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने सचिन तेंदुलकर के टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह स्टार बल्लेबाज किसी की राह में रोड़ा नहीं अटका रहे हैं।
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने अपने पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर के टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह स्टार बल्लेबाज किसी की राह में रोड़ा नहीं अटका रहे हैं।
मांजरेकर ने इसके साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड से विदेशों की तेज पिचों से निबटने के लिये जरूरी उपाय ढूंढने के लिए भी कहा। मांजरेकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सचिन किसी की राह में बाधा नहीं है। जब भी कोई प्रतिभा सामने आएगी तो टीम में उसका प्रवेश कोई नहीं रोक पाएगा। सचिन ने 1989 में खुद ही टेस्ट टीम में जगह बनायी थी। इसलिए यह कहना उचित नहीं होगा कि सचिन जब संन्यास लेंगे तभी किसी अन्य खिलाड़ी को जगह मिलेगी।’’ एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले तेंदुलकर ने हाल में कहा था कि जब तक वह खेल का लुत्फ उठाते रहेंगे तब तक खेलते रहेंगे।
मांजरेकर ने इसके साथ ही कहा कि भारतीय जलवायु और वातावरण ऐसा नहीं है कि यहां तेज विकेट तैयार किए जा सकें इसलिए बीसीसीआई को विदेशी पिचों से निबटने के लिए कुछ उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उपमहाद्वीप के विकेटों पर भारतीयों का प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा है लेकिन उपमहाद्वीप के बाहर की घसियाली और जीवंत पिचों पर वे अक्सर लड़खड़ा जाते हैं। भारतीय परिवेश ऐसा नहीं है कि यहां तेज विकेट तैयार किए जा सकें लिहाजा बीसीसीआई को कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए ताकि भारतीय बल्लेबाज विदेशी पिचों पर सफल रहें।’’
मांजरेकर ने ट्वेंटी-20 को आधुनिक क्रिकेट का स्वरूप करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह खिलाड़ी को तय करना है कि उसे ट्वेंटी-20 स्टार बनना है या वास्तविक क्रिकेट स्टार। क्रिकेट में लंबे समय तक बने रहने के लिए टेस्ट क्रिकेटर बनना जरूरी है। वही वास्तविक क्रिकेट है।’’
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने अपने पूर्व साथी सचिन तेंदुलकर के टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह स्टार बल्लेबाज किसी की राह में रोड़ा नहीं अटका रहे हैं।
मांजरेकर ने इसके साथ भारतीय क्रिकेट बोर्ड से विदेशों की तेज पिचों से निबटने के लिये जरूरी उपाय ढूंढने के लिए भी कहा। मांजरेकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘सचिन किसी की राह में बाधा नहीं है। जब भी कोई प्रतिभा सामने आएगी तो टीम में उसका प्रवेश कोई नहीं रोक पाएगा। सचिन ने 1989 में खुद ही टेस्ट टीम में जगह बनायी थी। इसलिए यह कहना उचित नहीं होगा कि सचिन जब संन्यास लेंगे तभी किसी अन्य खिलाड़ी को जगह मिलेगी।’’ एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले तेंदुलकर ने हाल में कहा था कि जब तक वह खेल का लुत्फ उठाते रहेंगे तब तक खेलते रहेंगे।
मांजरेकर ने इसके साथ ही कहा कि भारतीय जलवायु और वातावरण ऐसा नहीं है कि यहां तेज विकेट तैयार किए जा सकें इसलिए बीसीसीआई को विदेशी पिचों से निबटने के लिए कुछ उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘उपमहाद्वीप के विकेटों पर भारतीयों का प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा है लेकिन उपमहाद्वीप के बाहर की घसियाली और जीवंत पिचों पर वे अक्सर लड़खड़ा जाते हैं। भारतीय परिवेश ऐसा नहीं है कि यहां तेज विकेट तैयार किए जा सकें लिहाजा बीसीसीआई को कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए ताकि भारतीय बल्लेबाज विदेशी पिचों पर सफल रहें।’’
मांजरेकर ने ट्वेंटी-20 को आधुनिक क्रिकेट का स्वरूप करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह खिलाड़ी को तय करना है कि उसे ट्वेंटी-20 स्टार बनना है या वास्तविक क्रिकेट स्टार। क्रिकेट में लंबे समय तक बने रहने के लिए टेस्ट क्रिकेटर बनना जरूरी है। वही वास्तविक क्रिकेट है।’’
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