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This Article is From Mar 12, 2013

बर्खास्तगी का खिलाड़ियों से मेरी दोस्ती पर असर नहीं पड़ेगा : क्लार्क

बर्खास्तगी का खिलाड़ियों से मेरी दोस्ती पर असर नहीं पड़ेगा : क्लार्क
मोहाली: चार प्रमुख खिलाड़ियों के निलंबन के एक दिन बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने विश्वास जताया कि इसका खिलाड़ियों से उनकी दोस्ती पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे इस ‘कड़े’ फैसले की वजह समझेंगे।

उपकप्तान शेन वाटसन, तेज गेंदबाज जेम्स पेटिंसन और मिशेल जानसन और बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को टीम प्रबंधन के आदेश की अवहेलना के कारण भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट के लिये टीम से बाहर कर दिया गया।

वाटसन बर्खास्तगी के बाद स्वदेश लौट गए हैं और उन्होंने भविष्य पर विचार करने की बात कही है ।

क्लार्क ने कहा, मुझे नहीं लगता कि इससे चार खिलाड़ियों से मेरी दोस्ती पर फर्क पड़ेगा क्योंकि ये सभी मेरा सम्मान करते हैं और उन्हें पता है कि मैं भी उनका सम्मान करता हूं। यही वजह है कि इन मसलों पर खिलाड़ियों से बात करते समय मुझे हिचक नहीं होती।

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने क्लार्क के हवाले से कहा, चीजों को दरकिनार करके आगे बढ़ जाना बहुत आसान होता है, लेकिन उन्हें पता है कि उनकी तरह ही ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलना मेरे लिए कितना अहम है। उन्होंने कहा, उन्हें पता है कि मैं किस कदर इस टीम को कामयाब होते देखना चाहता हूं। वे भी ऐसा ही चाहते हैं और वहां तक पहुंचने का एक ही रास्ता है कि पूरी टीम एक दिशा में आगे बढ़े। यह किसी एक खिलाड़ी की बात नहीं है। हमारा यही मानदंड है कि यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे तो परिणाम भुगतने होंगे।

क्लार्क ने कहा कि प्रेजेंटेशन नहीं देना कोई बड़ा मसला नहीं था, लेकिन खिलाड़ी प्रतिक्रिया तो दे ही सकते थे। उन्होंने यह भी कहा कि इन खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी दूसरों के लिए अपनी उपयोगिता साबित करने का अच्छा मौका है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि शेन वाटसन अभी भी उपकप्तान के रूप में टीम में वापसी कर सकते हैं।

क्लार्क ने कहा कि उन्हें वाटसन की क्षमता पर शक नहीं है और उन्हें यकीन है कि वह उपकप्तान के रूप में वापसी करेगा।

उन्होंने कहा, कई लोग शेन वाटसन और उपकप्तानी के बारे में सवाल करेंगे, लेकिन मेरा मानना है कि वह इससे उबरकर एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया का उपकप्तान बन सकता है। उन्होंने कहा, फार्म में रहने पर वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से है। इस फैसले पर पहुंचने से पहले हमने खिलाड़ियों के नामों पर विचार नहीं किया, बल्कि टीम के हित में फैसला लिया है। क्लार्क ने कहा कि चार खिलाड़ियों की बर्खास्तगी को सिर्फ एक घटना से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह कई घटनाओं का नतीजा है।

उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के तौर पर हमसे ऊंचे मानदंडों पर खरे उतरने की अपेक्षा की जाती है और इन खिलाड़ियों को तीसरे टेस्ट से बाहर करने का मतलब है कि ये उन पर खरे नहीं उतर सके। यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि एक टीम के रूप में पिछले कुछ महीने में हम उन मानदंडों पर खरे नहीं उतर सके, जिसकी अपेक्षा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों से की जाती है।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि अपने प्रेजेंटेशन नहीं देकर खिलाड़ियों ने कोच मिकी आर्थर का अपमान किया। क्लार्क ने कहा, खिलाड़ियों के लिए यह अच्छी बात नहीं है और यह कोच का अपमान है। हमें इस टीम के ऊंचे मानदंडों को बरकरार रखना है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें ऐसे हालात का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है और उम्मीद है कि टीम इस दौर से उबरकर मजबूती से वापसी करेगी।

उन्होंने कहा, हमें अगले दो टेस्ट जीतकर बार्डर गावस्कर ट्रॉफी बरकरार रखनी है। इसके लिए हम सभी को एक दिशा में चलना होगा। हैदराबाद के बाद ऐसा नहीं हुआ और हम इन हालात में पहुंच गए। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि हम इससे एक मजबूत टीम के रूप में उभरेंगे और अपने लाखों प्रशंसकों को गौरवान्वित महसूस कराएंगे।

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