विराट कोहली (फाइल फोटो)
ऐसे समय जब दक्षिण अफ्रीका टीम के कप्तान फाफ डुप्लेसिस के बॉल टेम्परिंग का मामला जोर पकड़ रहा है, इंग्लैंड की ओर से भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली को भी ऐसे विवाद के घेरे में लाने की कोशिश की गई है. इसे विशाखापट्टनम टेस्ट में इंग्लैंड टीम की हार की खीझ मानें या कुछ और... एक ब्रिटिश अखबार ने हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में पहले टेस्ट के दौरान कोहली की गेंद पर थूक लगाने की फुटेज दिखाई .
समाचार-पत्र ने भारतीय टेस्ट कप्तान पर 'गलत तरीके से' गेंद से छेड़छाड़ (बॉल टेम्परिंग) का आरोप लगाया है. 'द डेली मेल' ने मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में अपुष्ट सबूतों के आधार पर आरोप लगाया कि कोहली ने किसी मीठे पदार्थ से पैदा हुए थूक लगाकर गेंद को चमकाने की कोशिश की.
समाचार-पत्र ने सबूत के तौर पर तस्वीरों की एक सीरीज प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया है कि इस दौरान कोहली कोई मीठी चीज खा रहे थे. हालांकि मेहमान इंग्लिश टीम या आईसीसी के मैच रैफरी द्वारा पांच दिन की विंडो के दौरान कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गयी जो विश्व क्रिकेट की संचालन संस्था के नियमों के अनुसार अनिवार्य है. आईसीसी पहले ही कह चुका है कि वह नियमों के अनुसार कोई जांच नहीं कराएगा. विराट पर लगे आरोपों में वैसे तो कोई दम नजर नहीं आ रही है लेकिन बॉल टेम्परिंग के आरोप की जद में आए वे टीम इंडिया के तीसरे दिग्गज क्रिकेटर हैं. आइए जानते हैं, भारतीय टीम के और कौन से बड़े खिलाड़ियों पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लग चुका है.
2004 में द्रविड़ पर लगा था मैच फीस की 50 फीसदी राशि का जुर्माना
जेंटलमैन क्रिकेटर की छवि रखने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इस तरह के विवाद में फंस चुके हैं. वर्ष 2004 में राहुल द्रविड़ भी बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे थे. त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में राहुल कैमरे पर किसी खाने वाली चीज से बॉल को घिसते हुए देखे गए. दरअसल वे मिंट से बॉल को चमका रहे थे, ताकि यह ज्यादा स्विंग हो. लेकिन ये नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद द्रविड़ पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि जुर्माने के तौर पर काट ली गई थी.
सचिन पर लगा था गेंद की सीम का नाखून से खरोचने का आरोप
वर्ष 2001 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे के दौरान पोट एलिजाबेथ टेस्ट के दौरान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सहित टीम इंडिया के छह खिलाड़ियों पर विभिन्न आरोपों में कार्रवाई की थी. मैच रैफरी माइक डेनिस ने यह कार्रवाई की थी. सचिन तेंदुलकर को नाखूनों से गेंद की सीम को खरोचने (बॉल टेम्परिंग) के आरोप में एक मैच के प्रतिबंध की भी सजा सुनाई गई थी.
सचिन ने अपने बचाव में कहा था कि वे गेंद की सीम से महज घास हटाने का प्रयास कर रहे थे और उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कभी भी बॉल टेम्परिंग नहीं की. सचिन के अलावा तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, दीप दासगुप्ता और शिवसुंदर दास पर जरूरत से ज्यादा अपील करने का आरोप लगाया गया था. भारत में इस कार्रवाई पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई थी. बीसीसीआई ने इसके विरोध में अगले टेस्ट का बहिष्कार कर दिया था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद आईसीसी ने अगले टेस्ट मैच का अधिकृत दर्जा समाप्त कर दिया था और मामले का पटाक्षेप हो गया था.
विश्व क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ियों पर भी लग चुके ऐसे आरोप इंग्लैंड के प्रमुख तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन पर 2010 में बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे थे.
वैसे, बॉल टेम्परिंग के आरोप लगना क्रिकेट के लिहाज से कोई नई बात नहीं है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक आथरटन, पूर्व तेज गेंदबाज जॉन लीवर, मौजूदा तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन, पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम और वकार यूनुस और लेग स्पिनर शाहिद अफरीदी पर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं. इनमें से कुछ खिलाड़ियों को तो ऐसा करते हुए कैमरे में कैद किया गया था.
समाचार-पत्र ने भारतीय टेस्ट कप्तान पर 'गलत तरीके से' गेंद से छेड़छाड़ (बॉल टेम्परिंग) का आरोप लगाया है. 'द डेली मेल' ने मंगलवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में अपुष्ट सबूतों के आधार पर आरोप लगाया कि कोहली ने किसी मीठे पदार्थ से पैदा हुए थूक लगाकर गेंद को चमकाने की कोशिश की.
समाचार-पत्र ने सबूत के तौर पर तस्वीरों की एक सीरीज प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया है कि इस दौरान कोहली कोई मीठी चीज खा रहे थे. हालांकि मेहमान इंग्लिश टीम या आईसीसी के मैच रैफरी द्वारा पांच दिन की विंडो के दौरान कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गयी जो विश्व क्रिकेट की संचालन संस्था के नियमों के अनुसार अनिवार्य है. आईसीसी पहले ही कह चुका है कि वह नियमों के अनुसार कोई जांच नहीं कराएगा. विराट पर लगे आरोपों में वैसे तो कोई दम नजर नहीं आ रही है लेकिन बॉल टेम्परिंग के आरोप की जद में आए वे टीम इंडिया के तीसरे दिग्गज क्रिकेटर हैं. आइए जानते हैं, भारतीय टीम के और कौन से बड़े खिलाड़ियों पर बॉल टेम्परिंग का आरोप लग चुका है.
2004 में द्रविड़ पर लगा था मैच फीस की 50 फीसदी राशि का जुर्माना
द्रविड़ पर मिंट से गेंद चमकाने के आरोप में मैच फीस की 50 फीसदी राशि का जुर्माना लगा था.
जेंटलमैन क्रिकेटर की छवि रखने वाले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ भी इस तरह के विवाद में फंस चुके हैं. वर्ष 2004 में राहुल द्रविड़ भी बॉल टेम्परिंग के आरोप लगे थे. त्रिकोणीय सीरीज के एक मैच में राहुल कैमरे पर किसी खाने वाली चीज से बॉल को घिसते हुए देखे गए. दरअसल वे मिंट से बॉल को चमका रहे थे, ताकि यह ज्यादा स्विंग हो. लेकिन ये नियमों के खिलाफ था. जिसके बाद द्रविड़ पर मैच फीस की 50 फीसदी राशि जुर्माने के तौर पर काट ली गई थी.
सचिन पर लगा था गेंद की सीम का नाखून से खरोचने का आरोप
वर्ष 2001 में सचिन तेंदुलकर पर गेंद की सीम से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था.
वर्ष 2001 में दक्षिण अफ्रीकी दौरे के दौरान पोट एलिजाबेथ टेस्ट के दौरान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सहित टीम इंडिया के छह खिलाड़ियों पर विभिन्न आरोपों में कार्रवाई की थी. मैच रैफरी माइक डेनिस ने यह कार्रवाई की थी. सचिन तेंदुलकर को नाखूनों से गेंद की सीम को खरोचने (बॉल टेम्परिंग) के आरोप में एक मैच के प्रतिबंध की भी सजा सुनाई गई थी.
सचिन ने अपने बचाव में कहा था कि वे गेंद की सीम से महज घास हटाने का प्रयास कर रहे थे और उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में कभी भी बॉल टेम्परिंग नहीं की. सचिन के अलावा तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, दीप दासगुप्ता और शिवसुंदर दास पर जरूरत से ज्यादा अपील करने का आरोप लगाया गया था. भारत में इस कार्रवाई पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया हुई थी. बीसीसीआई ने इसके विरोध में अगले टेस्ट का बहिष्कार कर दिया था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद आईसीसी ने अगले टेस्ट मैच का अधिकृत दर्जा समाप्त कर दिया था और मामले का पटाक्षेप हो गया था.
विश्व क्रिकेट के कई बड़े खिलाड़ियों पर भी लग चुके ऐसे आरोप
वैसे, बॉल टेम्परिंग के आरोप लगना क्रिकेट के लिहाज से कोई नई बात नहीं है. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक आथरटन, पूर्व तेज गेंदबाज जॉन लीवर, मौजूदा तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन, पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम और वकार यूनुस और लेग स्पिनर शाहिद अफरीदी पर भी ऐसे आरोप लग चुके हैं. इनमें से कुछ खिलाड़ियों को तो ऐसा करते हुए कैमरे में कैद किया गया था.
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