
सचिन बेबी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट में धमाल मचाने के लिए दूसरे सचिन तैयार दिख रहे हैं। आप चौंकिए नहीं, बात हो रही है सचिन बेबी की।
केरल के इस जोरदार क्रिकेटर ने इस सीजन रणजी ट्रॉफी के पहले मैच में जोरदार शतक ठोक दिया है। केरल के इस युवा बल्लेबाज़ ने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 151 रनों की पारी खेली। सचिन बेबी ने अपनी पारी में 310 गेंदों का सामना करते हुए 21 चौके और एक छक्का लगाया। इस पारी के दौरान सचिन बेबी ने अपने कप्तान संजू सैमसन के साथ चौथे विकेट के लिए 177 रन जोड़े।
2009 में रखा था क्रिकेट की दुनिया में कदम
दरअसल, केरल के युवा बल्लेबाज सचिन बेबी ने 2009 में घरेलू क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था। बाएं हाथ के जोरदार बल्लेबाज और दाएं हाथ की ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करने वाले सचिन ने पहली बार 2013 के सीजन में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। वे इस सीजन में विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में चौथे पायदान पर रहे थे और बेहतरीन शतक की बदलौत केरल को सेमीफाइनल तक पहुंचाया।
इसके बाद 2014 के रणजी सीजन में उन्हें केरल की कप्तानी करने का मौका भी मिला। हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने बेहतरीन दोहरा शतक ठोक दिया। आईपीएल में भी उन्हें राजस्थान रॉयल्स की टीम की ओर से खेलने का मौका मिल चुका है।
ऐसे में रणजी के नए सीजन में जोरदार शतक के साथ उन्होंने उपने इरादे जाहिर कर दिए हैं, हालांकि टीम इंडिया में चयन के लिए दरवाजा खटखटाने के लिए उन्हें ऐसी कई पारियां खेलनी होंगी।
माता-पिता हैं सचिन तेंदुलकर के फैन
लेकिन नाम में सचिन होने की वजह से उनकी हर पारी चर्चा में जरूर आ जाती है। सचिन बेबी ने पिछले दिनों बताया था कि उनके माता-पिता सचिन तेंदुलकर के बड़े फैन हैं, लेकिन उनका नाम सचिन तेंदुलकर के इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने से पहले ही रखा गया था।
केरल के इस जोरदार क्रिकेटर ने इस सीजन रणजी ट्रॉफी के पहले मैच में जोरदार शतक ठोक दिया है। केरल के इस युवा बल्लेबाज़ ने जम्मू-कश्मीर के खिलाफ 151 रनों की पारी खेली। सचिन बेबी ने अपनी पारी में 310 गेंदों का सामना करते हुए 21 चौके और एक छक्का लगाया। इस पारी के दौरान सचिन बेबी ने अपने कप्तान संजू सैमसन के साथ चौथे विकेट के लिए 177 रन जोड़े।
2009 में रखा था क्रिकेट की दुनिया में कदम
दरअसल, केरल के युवा बल्लेबाज सचिन बेबी ने 2009 में घरेलू क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था। बाएं हाथ के जोरदार बल्लेबाज और दाएं हाथ की ऑफ ब्रेक गेंदबाजी करने वाले सचिन ने पहली बार 2013 के सीजन में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। वे इस सीजन में विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में चौथे पायदान पर रहे थे और बेहतरीन शतक की बदलौत केरल को सेमीफाइनल तक पहुंचाया।
इसके बाद 2014 के रणजी सीजन में उन्हें केरल की कप्तानी करने का मौका भी मिला। हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने बेहतरीन दोहरा शतक ठोक दिया। आईपीएल में भी उन्हें राजस्थान रॉयल्स की टीम की ओर से खेलने का मौका मिल चुका है।
ऐसे में रणजी के नए सीजन में जोरदार शतक के साथ उन्होंने उपने इरादे जाहिर कर दिए हैं, हालांकि टीम इंडिया में चयन के लिए दरवाजा खटखटाने के लिए उन्हें ऐसी कई पारियां खेलनी होंगी।
माता-पिता हैं सचिन तेंदुलकर के फैन
लेकिन नाम में सचिन होने की वजह से उनकी हर पारी चर्चा में जरूर आ जाती है। सचिन बेबी ने पिछले दिनों बताया था कि उनके माता-पिता सचिन तेंदुलकर के बड़े फैन हैं, लेकिन उनका नाम सचिन तेंदुलकर के इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने से पहले ही रखा गया था।
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