रोहित शर्मा कई बार जोखिमपूर्ण शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा देते हैं। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विराट कोहली के बाद रोहित शर्मा टीम इंडिया के सबसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं। महान सचिन तेंदुलकर भी कह चुके हैं कि क्रिकेट में उनके रिकॉर्ड विराट कोहली या रोहित शर्मा में से कोई तोड़ सकता है। रोहित को फुल फ्लो में बैटिंग करते हुए वाकई शानदार अनुभव होता है। गेंद को वे इतने बेहतर तरीके से 'टाइम' करते हैं कि हर कोई वाह-वाह कर उठता है। लेकिन इसके बावजूद गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट 'फेंकने' की कमजोरी से वे अभी तक निजात नहीं पा सके हैं। टी20 वर्ल्डकप में टीम इंडिया के अब तक के तीनों मैचों में रोहित का यह रवैया साफ देखने को मिला है। इन मैचों में उन्होंने मौके की गंभीरता को समझे बगैर ऐसे शॉट लगाए जो उनके और एक हद तक टीम इंडिया के लिए भारी साबित हुए।
दरअसल, यही कमजोरी रोहित को विराट कोहली की श्रेणी से अलग करती है। जहां विराट बल्लेबाजी के दौरान अत्यधिक जोखिम तभी उठाते हैं जब इसकी जरूरत होती है। मौके के मुताबिक वे अपने खेलने के स्टाइल में बदलाव करना उनकी खूबी है। पारी की शुरुआत में वे गेंद सीधे बल्ले से खेलते हैं और आमतौर पर अक्रास द लाइन और आसमानी शॉट खेलने की जोखिम नहीं उठाते। जोखिमपूर्ण शॉट वे तभी खेलते हैं जब टीम के सामने चेज करने के लिए बहुत बड़ा टारगेट होता है, इसी कारण मौजूद क्रिकेट में उन्हें बतौर बैट्समैन काफी ऊंचा रेट किया जाता है।
इसके विपरीत रोहित शर्मा शुरुआत में ही कई बार ऐसे जोखिमपूर्ण शॉट्स खेलने की कोशिश करते हैं जिन्हें समझदारी नहीं कहा जा सकता। न्यूजीलैंड के खिलाफ नागपुर के मैच में उन्होंने विकेट के मिजाज को भांपे बगैर, क्रीज से बाहर निकलकर गेंद को 'उड़ाने' का जोखिम उठाया और आउट हुए। रोहित ने यह शॉट ऐसे मौके पर खेला जब टीम इंडिया को जीत के लिए महज 127 रन का लक्ष्य हासिल करना था और धवन के रूप में शुरुआती विकेट गिर चुका था। रोहित के आउट होते ही टीम इंडिया के विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और इसका परिणाम हार के रूप में सामने आया। जानते हैं, टी20 वर्ल्डकप के तीन मैचों में रोहित किस तरह आउट हुए..।
न्यूजीलैंड के खिलाफ सेंटनर की गेंद पर हुए स्टंप
नागपुर को विकेट स्पिनरों के लिए बेहद मददगार साबित हो रहा था। गेंद बल्ले पर रुककर आ रही थी। टीम इंडिया के सामने लक्ष्य भी अपेक्षाकृत बहुत बड़ा नहीं था। ऐसे में जरूरत शुरुआत में संभलकर खेलते हुए सिंगल-डबल के जरिये स्कोर बढ़ाने के इसके बाद अटैक करने की थी, लेकिन रोहित (5 रन)ने 'स्टेप आउट' कर आसमानी शॉट लगाने का दुस्साहस किया। सेंटनर की गेंद के टर्न ने बल्लेबाज को मात दी और रोंची ने स्टंप आउट हुए।
पाकिस्तान के खिलाफ बने आमिर का शिकार
पाक के खिलाफ भी टीम इंडिया को 118 रन का मामूली सा स्कोर चेज करना था। ऐसे में जरूरत संभलकर खेलते हुए टीम को अच्छी शुरुआत देने की थी लेकिन रोहित (10 रन) ने पारी के तीसरे ही ओवर में विपक्षी टीम के स्ट्राइक बॉलर मो. आमिर को उठाकर मारने की कोशिश की। गेंद को वे ठीक से टाइम नहीं कर पाए और कवर पर शोएब मलिक ने बाकी का काम कैच लेकर पूरा किया।
बांग्लादेश के खिलाफ मुस्तफिजुर की 'स्लोअर' पर गंवाया विकेट
अपनी गेंदों की गति में बदलाव और कटर्स से मुस्तफिजुर रहमान के इस ओवर में रोहित और धवन की शुरुआती जोड़ी ने एक-एक छक्का लगाया। इस ओवर में 12 रन बन चुके थे, लेकिन आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर की स्लोअर बॉल को रोहित (18 रन) पढ़ नहीं सके। 'अक्रास द लाइन' शॉट खेलने की कोशिश में वे मिडविकेट पर शब्बीर रहमान के हाथों कैच आउट हुए।
एशिया कप के पहले मैच के बाद से 'खामोश' ही है रोहित का बल्ला
बांग्लादेश में हुए एशिया कप के पहले मैच के बाद से रोहित शर्मा का बल्ला खामोश सा ही है। ऐसा नहीं है कि वे खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। गेंद उनके बल्ले के बीचोंबीच आ रही है, लेकिन बेफिजूल का जोखिम उठाने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच के 83 रन के बाद से रोहित ने पिछली सात टी-20 पारियों में केवल 88 रन (औसत 12.57) बनाए हैं, इसमें यूएई के खिलाफ बनाए गए 39 रन भी शामिल हैं। एशिया कप में पाक के खिलाफ वे बिना कोई रन बनाए, श्रीलंका के खिलाफ 15, यूएई के खिलाफ 39 और फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 1 रन बनाकर आउट हुए।
इसी तरह टी20 वर्ल्डकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ वे 5, पाकिस्तान के खिलाफ 10 और बांग्लादेश के खिलाफ 18 रन ही बना सके हैं। सीधी सी बात है, रोहित को अपने आक्रामक रुख को एक हद तक नियंत्रित करना भी सीखना होगा...।
दरअसल, यही कमजोरी रोहित को विराट कोहली की श्रेणी से अलग करती है। जहां विराट बल्लेबाजी के दौरान अत्यधिक जोखिम तभी उठाते हैं जब इसकी जरूरत होती है। मौके के मुताबिक वे अपने खेलने के स्टाइल में बदलाव करना उनकी खूबी है। पारी की शुरुआत में वे गेंद सीधे बल्ले से खेलते हैं और आमतौर पर अक्रास द लाइन और आसमानी शॉट खेलने की जोखिम नहीं उठाते। जोखिमपूर्ण शॉट वे तभी खेलते हैं जब टीम के सामने चेज करने के लिए बहुत बड़ा टारगेट होता है, इसी कारण मौजूद क्रिकेट में उन्हें बतौर बैट्समैन काफी ऊंचा रेट किया जाता है।
इसके विपरीत रोहित शर्मा शुरुआत में ही कई बार ऐसे जोखिमपूर्ण शॉट्स खेलने की कोशिश करते हैं जिन्हें समझदारी नहीं कहा जा सकता। न्यूजीलैंड के खिलाफ नागपुर के मैच में उन्होंने विकेट के मिजाज को भांपे बगैर, क्रीज से बाहर निकलकर गेंद को 'उड़ाने' का जोखिम उठाया और आउट हुए। रोहित ने यह शॉट ऐसे मौके पर खेला जब टीम इंडिया को जीत के लिए महज 127 रन का लक्ष्य हासिल करना था और धवन के रूप में शुरुआती विकेट गिर चुका था। रोहित के आउट होते ही टीम इंडिया के विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और इसका परिणाम हार के रूप में सामने आया। जानते हैं, टी20 वर्ल्डकप के तीन मैचों में रोहित किस तरह आउट हुए..।
न्यूजीलैंड के खिलाफ सेंटनर की गेंद पर हुए स्टंप
नागपुर को विकेट स्पिनरों के लिए बेहद मददगार साबित हो रहा था। गेंद बल्ले पर रुककर आ रही थी। टीम इंडिया के सामने लक्ष्य भी अपेक्षाकृत बहुत बड़ा नहीं था। ऐसे में जरूरत शुरुआत में संभलकर खेलते हुए सिंगल-डबल के जरिये स्कोर बढ़ाने के इसके बाद अटैक करने की थी, लेकिन रोहित (5 रन)ने 'स्टेप आउट' कर आसमानी शॉट लगाने का दुस्साहस किया। सेंटनर की गेंद के टर्न ने बल्लेबाज को मात दी और रोंची ने स्टंप आउट हुए।
पाकिस्तान के खिलाफ बने आमिर का शिकार
पाक के खिलाफ भी टीम इंडिया को 118 रन का मामूली सा स्कोर चेज करना था। ऐसे में जरूरत संभलकर खेलते हुए टीम को अच्छी शुरुआत देने की थी लेकिन रोहित (10 रन) ने पारी के तीसरे ही ओवर में विपक्षी टीम के स्ट्राइक बॉलर मो. आमिर को उठाकर मारने की कोशिश की। गेंद को वे ठीक से टाइम नहीं कर पाए और कवर पर शोएब मलिक ने बाकी का काम कैच लेकर पूरा किया।
बांग्लादेश के खिलाफ मुस्तफिजुर की 'स्लोअर' पर गंवाया विकेट
अपनी गेंदों की गति में बदलाव और कटर्स से मुस्तफिजुर रहमान के इस ओवर में रोहित और धवन की शुरुआती जोड़ी ने एक-एक छक्का लगाया। इस ओवर में 12 रन बन चुके थे, लेकिन आखिरी गेंद पर मुस्तफिजुर की स्लोअर बॉल को रोहित (18 रन) पढ़ नहीं सके। 'अक्रास द लाइन' शॉट खेलने की कोशिश में वे मिडविकेट पर शब्बीर रहमान के हाथों कैच आउट हुए।
एशिया कप के पहले मैच के बाद से 'खामोश' ही है रोहित का बल्ला
बांग्लादेश में हुए एशिया कप के पहले मैच के बाद से रोहित शर्मा का बल्ला खामोश सा ही है। ऐसा नहीं है कि वे खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। गेंद उनके बल्ले के बीचोंबीच आ रही है, लेकिन बेफिजूल का जोखिम उठाने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच के 83 रन के बाद से रोहित ने पिछली सात टी-20 पारियों में केवल 88 रन (औसत 12.57) बनाए हैं, इसमें यूएई के खिलाफ बनाए गए 39 रन भी शामिल हैं। एशिया कप में पाक के खिलाफ वे बिना कोई रन बनाए, श्रीलंका के खिलाफ 15, यूएई के खिलाफ 39 और फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ 1 रन बनाकर आउट हुए।
इसी तरह टी20 वर्ल्डकप में न्यूजीलैंड के खिलाफ वे 5, पाकिस्तान के खिलाफ 10 और बांग्लादेश के खिलाफ 18 रन ही बना सके हैं। सीधी सी बात है, रोहित को अपने आक्रामक रुख को एक हद तक नियंत्रित करना भी सीखना होगा...।
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